अमेरिका और भारत के बीच हुए सैन्य समझौते के बाद चीन ने चिंता व्यक्त की थी. चीन के इस उलझन को दूर करने के लिए ओबामा प्रशासन ने कहा है कि चीन को इन दोनों देशों के बीच के मजबूत संबंधों से डरने की कोई जरूरत नहीं है.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'स्पष्ट तरीके से कहूं तो भारत के साथ एक गहरे, मजबूत, ज्यादा सहयोगी द्विपक्षीय संबंध से किसी अन्य को डरने या इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है'. किर्बी दरअसल भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते पर चीन की प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे. यह समझौता इन दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत एवं आपूर्ति के लिए एक दूसरे की संपत्ति एवं अड्डे इस्तेमाल करने की इजाजत देता है.
किर्बी ने कहा, 'हम दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं. वैश्विक मंच पर हम दोनों के ही पास अदभुत अवसर हैं और हमारा अदभुत प्रभाव है. अमेरिका और भारत के बीच बेहतर संबंध होना न सिर्फ दोनों देशों के लिए, न सिर्फ क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अच्छा है'. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही कई क्षेत्रों में शानदार साझेदारी है. यह सिर्फ रक्षा या सुरक्षा से जुड़ा नहीं है. यह आर्थिक, व्यापार एवं सूचना और प्रौद्योगिकी साझा करने के बारे में भी है'.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'स्पष्ट तरीके से कहूं तो भारत के साथ एक गहरे, मजबूत, ज्यादा सहयोगी द्विपक्षीय संबंध से किसी अन्य को डरने या इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है'. किर्बी दरअसल भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते पर चीन की प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे. यह समझौता इन दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत एवं आपूर्ति के लिए एक दूसरे की संपत्ति एवं अड्डे इस्तेमाल करने की इजाजत देता है.
किर्बी ने कहा, 'हम दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं. वैश्विक मंच पर हम दोनों के ही पास अदभुत अवसर हैं और हमारा अदभुत प्रभाव है. अमेरिका और भारत के बीच बेहतर संबंध होना न सिर्फ दोनों देशों के लिए, न सिर्फ क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अच्छा है'. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही कई क्षेत्रों में शानदार साझेदारी है. यह सिर्फ रक्षा या सुरक्षा से जुड़ा नहीं है. यह आर्थिक, व्यापार एवं सूचना और प्रौद्योगिकी साझा करने के बारे में भी है'.
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