पीएम मोदी ने सूखे से जूझ रहे गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र को बड़ी सौगात दी है. पीएम ने मंगलवार को जामनगर में आजी बांध पर सौनी प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन किया. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से अब सौराष्ट्र में पानी की किल्लत नहीं होगी.
प्रधानमंत्री के सौराष्ट्र दौरे को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. पीएम बनने के दो साल बाद प्रधानमंत्री पहली बार रैली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पानी बचाने के इस अभियान से हर गुजराती को गर्व होगा.
हालांकि, पीएम मोदी ने इस योजना के बहाने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सौराष्ट्र क्षेत्र के वोटरों को रिझाने की कोशिश की है. पाटीदार राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और इनमें सबसे ज्यादा तादाद सौराष्ट्र के पाटीदारों की है. दलित कांड भी सौराष्ट्र के ऊना में ही हुआ था. रैली में पीएम मोदी के भाषण की खास बात यह रही कि उन्होंने जनता को गुजराती में ही संबोधित किया.
क्या है सौनी प्रोजेक्ट?
प्रधानमंत्री के सौराष्ट्र दौरे को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. पीएम बनने के दो साल बाद प्रधानमंत्री पहली बार रैली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पानी बचाने के इस अभियान से हर गुजराती को गर्व होगा.
हालांकि, पीएम मोदी ने इस योजना के बहाने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सौराष्ट्र क्षेत्र के वोटरों को रिझाने की कोशिश की है. पाटीदार राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और इनमें सबसे ज्यादा तादाद सौराष्ट्र के पाटीदारों की है. दलित कांड भी सौराष्ट्र के ऊना में ही हुआ था. रैली में पीएम मोदी के भाषण की खास बात यह रही कि उन्होंने जनता को गुजराती में ही संबोधित किया.
क्या है सौनी प्रोजेक्ट?
- 2012 में नरेंद्र मोदी के सीएम रहते इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ जो 2016 में पूरा हुआ.
- इसका मकसद सरदार सरोवर का पानी 458 किलोमीटर तक पहुंचाना है.
- इस पूरी योजना पर 12,166 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.
- इस प्रोजेक्ट के तहत मेहसाणा को सौराष्ट्र ब्रांच नहर से जोड़ा गया.
- गुजरात सरकार ने पिछले साल सबसे शक्तिशाली पंपिंग स्टेशन भी बनाया.
- अब सौराष्ट्र में 138 बांधों में से 115 को नर्मदा नदी का पानी मिलेगा.
- करीब 10,22,589 एकड़ खेती की जमीन को फायदा पहुंचेगा.
- इससे मध्य और उत्तर गुजरात के अलावा दक्षिण राजस्थान में भी पानी पहुंचा.
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