लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के कैंडिडेट्स का ऐलान करने के बाद दोनों खेमे मोर्चेबंदी में जुट गए हैं। अखिलेश समर्थकों ने जहां संकेत दिया है कि वे किसी कीमत पर समझौते को तैयार नहीं हैं, वहीं मुलायम सिंह यादव ने भी उनकी ओर से घोषित 325 कैंडिडेट्स की एक अहम मीटिंग शनिवार को बुलाई है। इस मीटिंग को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अखिलेश समर्थक विधायकों ने अपने टिकट वापस करने का फैसला कर लिया है, वहीं अखिलेश के नजदीकी माने जाने वाले रामगोपाल यादव ने तो यहां तक कह दिया कि अब समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामगोपाल यादव ने शिवपाल पर भी परोक्ष तौर पर निशाना साधा और कहा कि एक शख्स की वजह से सारी समस्याएं हो रही हैं। फरूखाबाद में एक मीटिंग में रामगोपाल यादव ने कहा कि अखिलेश की लिस्ट ही फाइनल है और विरोध करने वालों की कोई औकात नहीं है। रामगोपाल के मुताबिक, मुलायम ने एक जनवरी को मीटिंग बुलाई थी, जिसमें कैंडिडेट्स की लिस्ट पर चर्चा होनी थी, लेकिन उन्होंने पहले ही लिस्ट जारी कर दी। ऐसे में लगता नहीं कि समझौता हो सकता है।
उधर, मुलायम और शिवपाल की लखनऊ में शुक्रवार को कई घंटे तक मीटिंग हुई। बाद में शिवपाल ने ही ट्वीट करके मुलायम की ओर से मीटिंग बुलाए जाने की जानकारी दी। उधर खबरें हैं कि अखिलेश ने रामगोपाल से तुरंत मिलने की इच्छा जताई और उन्हें रिसीव करने के लिए सरकारी प्लेन भी भेजा है। दूसरी ओर, अखिलेश समर्थकों की ओर से भी लगातार बयान सामने आते रहे। अखिलेश समर्थक माने जाने वाले विधायक पवन पांडेय ने कहा कि अखिलेश ने पांच साल काम किया है और उनके काम के आधार पर ही वोट मिलेंगे।
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