रांची : झारखंड में गोड्डा जिले के राजमहल कोयला खदान धंसने से 40-50 लोग एवं वाहन फंस गए हैं। इस हादसे में करीब 50 खनिकों के खदान में फंसे होने की आशंका है और अभी तक सात शव निकाले जा चुके हैं। पुलिस ने आज बताया कि खनन हादसा कल रात हुआ और बचाव अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि उन्होंने बचाव और राहत प्रयासों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर रहने को कहा गया है। वहीं, पीएम मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है।
गोड्डा जिले के इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया स्थित भोड़ाय साइट में गुरुवार रात खदान धंसने से करीब 50 लोग 300 फीट खाई में दब गए। अभी भी ये लोग खदान में फंसे हुए हैं। खदान में 20 वोलबो, एक डोजर, छह पोकलेन वोलबो, एक बोलेरो भी धंस गया। रात में कोहरे और ठंड के कारण राहत कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू नहीं हो सका। एनडीआरएफ की टीम आने के बाद राहत और बचाव कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू होंगे।
बताया जाता है कि परियोजना के इंजीनियर ने तीन दिन पहले इसीएल के सीजीएम और सर्वेयर को इस खदान में दरार आने की सूचना दी थी, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। घटना की सूचना फैलते ही आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जुट गये। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
गोड्डा जिले के इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया स्थित भोड़ाय साइट में गुरुवार रात खदान धंसने से करीब 50 लोग 300 फीट खाई में दब गए। अभी भी ये लोग खदान में फंसे हुए हैं। खदान में 20 वोलबो, एक डोजर, छह पोकलेन वोलबो, एक बोलेरो भी धंस गया। रात में कोहरे और ठंड के कारण राहत कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू नहीं हो सका। एनडीआरएफ की टीम आने के बाद राहत और बचाव कार्य व्यापक पैमाने पर शुरू होंगे।
बताया जाता है कि परियोजना के इंजीनियर ने तीन दिन पहले इसीएल के सीजीएम और सर्वेयर को इस खदान में दरार आने की सूचना दी थी, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। घटना की सूचना फैलते ही आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जुट गये। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
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