एक तरफ जहां भारत में सिल्वर लाने के बाद बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू पर इनामों की बौछार हो रही है वहीं दूसरी ओर केन्या की एक एथलीट रियो से न केवल गोल्ड लेकर बल्कि पूरे गांव वालों के लिए खुशियों की सौगात लेकर अपने गांव पहुंची.
जब फैथ किपयेगोन केन्या से रियो ओलंपिक के लिए चली थीं तो उन्हें शायद ही आभास होगा की चार सालों पर आयोजित होने वाले इस मेगा इवेंट में उनका प्रदर्शन उनके गुमनाम गांव के लिए एक नया जीवन लेकर आएगा. फैथ किपयेगोन ने रियो ओलंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्डधारी इथोपिया की गेन्जेबे दिबाबा को पछाड़ते हुए महिलाओं की 1500 मीटर रेस का गोल्ड अपने नाम किया.
हैरान करने वाली बात यह है कि जब 22 वर्षीय किपयेगोन रियो ओलंपिक में यह कारनामा करते हुए हजारों लोगों को अपने इस कारनामे से अचंभित कर रही थीं तब नकुरू काउंटी के उनके अनसुने गांव नदाबिबित पूरी तरह अंधेरे में डूबा था. इस गांव में 1980 से ही बिजली नहीं है और किपयेगोन के पिता उनके इस प्रदर्शन को लाइव देख तक नहीं सके. हालांकि, किपयेगोन के इस जीत के तुरंत बाद उनके पिता सैमुएल कोएच किपयेगोन ने राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा से एक मांग कर दी. उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा से गुहार करता हूं कि हमारे गांव में बिजली मुहैया कराई जाए जिससे मैं भविष्य में अपनी बेटी को केन्या के लिए मेडल जीतते देख सकूं.’
किपयेगोन के पिता की इस मांग के ठीक एक दिन बाद ही केन्या के बिजली विभाग का एक दल उनके गांव पहुंचा और रिकॉर्ड 9 दिनों में बिजली के तार बिछा दिए गए. पूरे गांव में खुशी फैल गई. जब पहली बार किपयेगोन के घर पर बिजली का स्विच ऑन किया जा रहा था तो वहां पूरा गांव उमड़ पड़ा.
बिजली के साथ ही किपयेगोन के घर पर कुछ और खुशियां पहुंची. सैमसंग ने उन्हें फ्लैट स्क्रीन टीव सेट देने का वादा किया तो सुपरस्पोर्ट्स ने डिकोडर.
गांव में बिजली पहुंचे के बाद किपयेगोन ने कहा, ‘मैं केवल भगवान को धन्यवाद देना चाहता हूं जिसने मुझे एक अद्भुत बेटी प्रदान किया जिसकी वजह से पूरे गांव में यह परिवर्तन आया और मैं भगवान से उसे ताकत और अच्छे स्वास्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं जिससे वो केन्या के लिए और अधिक मेडल जीत सके.’
इसके विपरीत भारत में सिल्वर जीत कर लौटी पीवी सिंधू और ब्रॉन्ज लेकर आई साक्षी मलिक को करोड़ों रुपये कैश, बीएमडब्ल्यू और जमीन की सौगात मिली. न केवल मेडल जीतकर लौटी इन दो खिलाड़ियों पर इनामों की बौछार की गई बल्कि जिम्नास्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं दीपा कर्माकर और सिंधू के कोच पुलेला गोपीचंद को भी लक्जरी कार का तोहफा मिला.
जब फैथ किपयेगोन केन्या से रियो ओलंपिक के लिए चली थीं तो उन्हें शायद ही आभास होगा की चार सालों पर आयोजित होने वाले इस मेगा इवेंट में उनका प्रदर्शन उनके गुमनाम गांव के लिए एक नया जीवन लेकर आएगा. फैथ किपयेगोन ने रियो ओलंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्डधारी इथोपिया की गेन्जेबे दिबाबा को पछाड़ते हुए महिलाओं की 1500 मीटर रेस का गोल्ड अपने नाम किया.
हैरान करने वाली बात यह है कि जब 22 वर्षीय किपयेगोन रियो ओलंपिक में यह कारनामा करते हुए हजारों लोगों को अपने इस कारनामे से अचंभित कर रही थीं तब नकुरू काउंटी के उनके अनसुने गांव नदाबिबित पूरी तरह अंधेरे में डूबा था. इस गांव में 1980 से ही बिजली नहीं है और किपयेगोन के पिता उनके इस प्रदर्शन को लाइव देख तक नहीं सके. हालांकि, किपयेगोन के इस जीत के तुरंत बाद उनके पिता सैमुएल कोएच किपयेगोन ने राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा से एक मांग कर दी. उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा से गुहार करता हूं कि हमारे गांव में बिजली मुहैया कराई जाए जिससे मैं भविष्य में अपनी बेटी को केन्या के लिए मेडल जीतते देख सकूं.’
किपयेगोन के पिता की इस मांग के ठीक एक दिन बाद ही केन्या के बिजली विभाग का एक दल उनके गांव पहुंचा और रिकॉर्ड 9 दिनों में बिजली के तार बिछा दिए गए. पूरे गांव में खुशी फैल गई. जब पहली बार किपयेगोन के घर पर बिजली का स्विच ऑन किया जा रहा था तो वहां पूरा गांव उमड़ पड़ा.
बिजली के साथ ही किपयेगोन के घर पर कुछ और खुशियां पहुंची. सैमसंग ने उन्हें फ्लैट स्क्रीन टीव सेट देने का वादा किया तो सुपरस्पोर्ट्स ने डिकोडर.
गांव में बिजली पहुंचे के बाद किपयेगोन ने कहा, ‘मैं केवल भगवान को धन्यवाद देना चाहता हूं जिसने मुझे एक अद्भुत बेटी प्रदान किया जिसकी वजह से पूरे गांव में यह परिवर्तन आया और मैं भगवान से उसे ताकत और अच्छे स्वास्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं जिससे वो केन्या के लिए और अधिक मेडल जीत सके.’
इसके विपरीत भारत में सिल्वर जीत कर लौटी पीवी सिंधू और ब्रॉन्ज लेकर आई साक्षी मलिक को करोड़ों रुपये कैश, बीएमडब्ल्यू और जमीन की सौगात मिली. न केवल मेडल जीतकर लौटी इन दो खिलाड़ियों पर इनामों की बौछार की गई बल्कि जिम्नास्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं दीपा कर्माकर और सिंधू के कोच पुलेला गोपीचंद को भी लक्जरी कार का तोहफा मिला.
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