नई दिल्ली. आर्थिक विश्लेषकों की मानें तो इम्प्लॉइज प्राविडेंट फंड (ईपीएफ) पर इस साल पिछले साल की तरह 8.8 फीसदी ब्याज मिलना मुश्किल है. वित्त मंत्रालय पब्लिक प्राॅविडेंट फंड (पीपीएफ ) और सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
विश्लेषकों के अनुसार पिछले 6 महीनों में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी हैं, ऐसे में ब्याज दर में कटौती की जा सकती है. एक अंग्रेजी अखबार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों के बारे में अनुमान लगाने के लिए 25 वित्तीय प्रोफेशनल्स से बात की. इनमें से 84 फीसदी विश्लेषकों ने कहा कि इस साल ईपीएफ दर में कमी आएगी.
वहीं, 64 प्रतिशत का मानना है कि छोटी बचत योजनाओं की दरों में कमी आनी तय है. हालांकि, 32 प्रतिशत का मानना था कि यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, इसलिए सरकार हर तीन महीने पर इनकी दरों की समीक्षा नहीं करेगी.
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