नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई एसीबी (ACB) ने बीती रात आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के घर छापा मारा है. एसीबी की टीम ने यह छापा दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यू घोटाले के आरोपों के चलते मारा है. बंसल के अलावा पवन कुमार और कमल कुमार के घर पर भी एक साथ एसीबी ने रेड डाली और सभी के घरों कथित घोटाले से जुड़े कागजात बरामद कर कब्जे में ले लिये.
इस कथित घोटाले को लेकर तीन प्राथमीकियां दर्ज की गई थी. इनमें एक प्राथमिकी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिवंगत करीबी रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल के खिलाफ है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे प्राथमिकी दर्ज नामों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं. हालांकि, उन्होंने और अधिक ब्योरा देने से इनकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर जब रिश्तखोरी के आरोप लगाए थे. अपने आरोपों के साथ कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल का नाम भी लिया था. हालांकि जिस दिन कपिल मिश्रा ने यह आरोप लगाए उसी दिन बंसल को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया था.
एसीबी सूत्रों का कहना है कि बंसल के घर एसीबी ने कार्रवाई के दौरान कुछ जरूरी कागजात बरामद कर जब्त कर लिए हैं. सूत्रों का कहना है कि इन कागजों का संबंध घोटाले से हो सकता है. बता दें कि दिल्ली की एसीबी ने इस संबंध में अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
दिल्ली पुलिस ने मार्च में कथित पीडब्ल्यूडी घोटाले में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उनके रिश्तेदार और एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को स्थानांतरित कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा के समक्ष दायर की गई दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने शिकायत को लेकर जांच की और अब इसे एसीबी को भेज दिया गया है.
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रिपोर्ट में कहा, "शिकायत आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को भेज दी गई है."
'रोड्स एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन' के संस्थापक राहुल शर्मा की शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दिल्ली में सड़कों और सीवर लाइनों से संबंधित ठेकों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.
शिकायतकर्ता की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता के. पांडेय ने 'भ्रष्टाचार की जड़ों के गहरे तक फैली होने' का आरोप लगाया था और कहा था कि दस्तावेजों से पता चलता है कि कोई भी सामग्री असल में परियोजना कार्यान्वयन के लिए नहीं खरीदी गई. एक अन्य अदालत ने पूर्व में मजिस्ट्रेट मल्होत्रा की अदालत से मामले को स्थानांतरित करने का आग्रह करने संबंधी बंसल की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि आवेदन विचार योग्य नहीं है.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सामग्री की खरीद दिखाने वाले दस्तावेज 'मनगढ़ंत और फर्जी हैं' तथा इससे सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. याचिका में मांग की गई कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने बंसल और अन्य को कथित तौर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए काफी लाभ पहुंचाया.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बंसल कई वरिष्ठ पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से मिलकर सरकारी ठेके हासिल करने के लिए कई फर्जी कंपनियां चलाता था. ये ठेके कभी भी क्रियान्वित नहीं हुए, 'जबकि केजरीवाल के दबाव में सभी भुगतान आश्चर्यजनक ढंग से कर दिए गए.'
इस कथित घोटाले को लेकर तीन प्राथमीकियां दर्ज की गई थी. इनमें एक प्राथमिकी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिवंगत करीबी रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल के खिलाफ है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे प्राथमिकी दर्ज नामों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं. हालांकि, उन्होंने और अधिक ब्योरा देने से इनकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर जब रिश्तखोरी के आरोप लगाए थे. अपने आरोपों के साथ कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल का नाम भी लिया था. हालांकि जिस दिन कपिल मिश्रा ने यह आरोप लगाए उसी दिन बंसल को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया था.
एसीबी सूत्रों का कहना है कि बंसल के घर एसीबी ने कार्रवाई के दौरान कुछ जरूरी कागजात बरामद कर जब्त कर लिए हैं. सूत्रों का कहना है कि इन कागजों का संबंध घोटाले से हो सकता है. बता दें कि दिल्ली की एसीबी ने इस संबंध में अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
दिल्ली पुलिस ने मार्च में कथित पीडब्ल्यूडी घोटाले में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उनके रिश्तेदार और एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को स्थानांतरित कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा के समक्ष दायर की गई दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने शिकायत को लेकर जांच की और अब इसे एसीबी को भेज दिया गया है.
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रिपोर्ट में कहा, "शिकायत आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को भेज दी गई है."
'रोड्स एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन' के संस्थापक राहुल शर्मा की शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दिल्ली में सड़कों और सीवर लाइनों से संबंधित ठेकों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.
शिकायतकर्ता की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता के. पांडेय ने 'भ्रष्टाचार की जड़ों के गहरे तक फैली होने' का आरोप लगाया था और कहा था कि दस्तावेजों से पता चलता है कि कोई भी सामग्री असल में परियोजना कार्यान्वयन के लिए नहीं खरीदी गई. एक अन्य अदालत ने पूर्व में मजिस्ट्रेट मल्होत्रा की अदालत से मामले को स्थानांतरित करने का आग्रह करने संबंधी बंसल की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि आवेदन विचार योग्य नहीं है.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सामग्री की खरीद दिखाने वाले दस्तावेज 'मनगढ़ंत और फर्जी हैं' तथा इससे सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. याचिका में मांग की गई कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने बंसल और अन्य को कथित तौर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए काफी लाभ पहुंचाया.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बंसल कई वरिष्ठ पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से मिलकर सरकारी ठेके हासिल करने के लिए कई फर्जी कंपनियां चलाता था. ये ठेके कभी भी क्रियान्वित नहीं हुए, 'जबकि केजरीवाल के दबाव में सभी भुगतान आश्चर्यजनक ढंग से कर दिए गए.'
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