नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को चिट्ठी लिखकर गवर्नेंस सुधारने के लिए निर्देश दिए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक सप्ताह में दूसरी बार मुख्य सचिव का पत्र लिखा है. पिछले सप्ताह उन्होंने पत्र लिखकर मुख्य सचिव से सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के लिए पैसे की मांग की थी.
केजरीवाल ने मुख्य सचिव को दिए ये तीन निर्देश
1. आप सभी विभाग के सचिव और आला अधिकारियों को आदेश दें कि हफ्ते में आधा दिन वे फील्ड ऑफिस और जनता के बीच जाएं.
2. हर हफ्ते इसकी पूरी रिपोर्ट आपके जरिए मुझ तक पहुंचाएं.
3. मैंने सभी मंत्रियों को हर हफ्ते ज्यादा से ज्यादा फील्ड विजिट या जनता के बीच आधा दिन जनता के बीच रहने को कहा है.
केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में कहा, 'अधिकारी अपने एसी कमरे छोड़ें और बाहर निकलें तभी पता सरकार की नीतियों के बारे में पता चलेगा वरना सब कागज पर ही रह जाएगा.'
आपको बता दें गुरुवार एक जून से दिल्ली की जनता सीएम अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और सभी अफसरों से बिना समय लिए (अपॉइंटमेंट) मिलेगी। दिल्ली सरकार ने इस नई व्यवस्था के तहत दावा किया है कि दिल्ली की जनता रोजाना सोमवार से शुक्रवार बिना किसी अपॉइंटमेंट के अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए इन जिम्मेदार लोगों के पास सुबह 10 बजे आ सकती है.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि दिल्ली के अस्पतालों में दवाओं और दूसरे हेल्थकेअर उत्पाद सप्लाई करने वालों का बकाया भुगतान काफी लंबे समय से नही हो पाया है, जिसके चलते अस्पतालों में दवाओं की किल्लत है. सीएम ने मुख्य सचिव को भुगतान में देरी के कारणों पर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही इसके लिए पूरा सिस्टम बनाने, भुगतान में देरी होने अफसर की जिम्मेदारी तय करने और बकाया पर ब्याज देने की स्तिथि में पैसा संबंधित अफ़सर के वेतन सर काटने के लिए भी कहा है. केजरीवाल ने मुख्य सचिव से सोमवार तक पूरा प्लान मांगा था.
वैसे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ भुगतान ना होने पर केजरीवाल ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है तो इसके कुछ कारण हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने काम करने का तरीका बदल दिया है. अब वो किसी काम के लिए उस विभाग के मंत्री को बताने या आदेश करने की बजाय संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारी या दिल्ली सरकार के सभी अफसरों के प्रमुख मुख्य सचिव को आदेश या निर्देश देकर काम पर लगाते हैं. इसी तरह उनकी जिम्मेदारी भी तय करने की कोशिश करते हैं.
केजरीवाल ने मुख्य सचिव को दिए ये तीन निर्देश
1. आप सभी विभाग के सचिव और आला अधिकारियों को आदेश दें कि हफ्ते में आधा दिन वे फील्ड ऑफिस और जनता के बीच जाएं.
2. हर हफ्ते इसकी पूरी रिपोर्ट आपके जरिए मुझ तक पहुंचाएं.
3. मैंने सभी मंत्रियों को हर हफ्ते ज्यादा से ज्यादा फील्ड विजिट या जनता के बीच आधा दिन जनता के बीच रहने को कहा है.
केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में कहा, 'अधिकारी अपने एसी कमरे छोड़ें और बाहर निकलें तभी पता सरकार की नीतियों के बारे में पता चलेगा वरना सब कागज पर ही रह जाएगा.'
आपको बता दें गुरुवार एक जून से दिल्ली की जनता सीएम अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और सभी अफसरों से बिना समय लिए (अपॉइंटमेंट) मिलेगी। दिल्ली सरकार ने इस नई व्यवस्था के तहत दावा किया है कि दिल्ली की जनता रोजाना सोमवार से शुक्रवार बिना किसी अपॉइंटमेंट के अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए इन जिम्मेदार लोगों के पास सुबह 10 बजे आ सकती है.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि दिल्ली के अस्पतालों में दवाओं और दूसरे हेल्थकेअर उत्पाद सप्लाई करने वालों का बकाया भुगतान काफी लंबे समय से नही हो पाया है, जिसके चलते अस्पतालों में दवाओं की किल्लत है. सीएम ने मुख्य सचिव को भुगतान में देरी के कारणों पर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही इसके लिए पूरा सिस्टम बनाने, भुगतान में देरी होने अफसर की जिम्मेदारी तय करने और बकाया पर ब्याज देने की स्तिथि में पैसा संबंधित अफ़सर के वेतन सर काटने के लिए भी कहा है. केजरीवाल ने मुख्य सचिव से सोमवार तक पूरा प्लान मांगा था.
वैसे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ भुगतान ना होने पर केजरीवाल ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है तो इसके कुछ कारण हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने काम करने का तरीका बदल दिया है. अब वो किसी काम के लिए उस विभाग के मंत्री को बताने या आदेश करने की बजाय संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारी या दिल्ली सरकार के सभी अफसरों के प्रमुख मुख्य सचिव को आदेश या निर्देश देकर काम पर लगाते हैं. इसी तरह उनकी जिम्मेदारी भी तय करने की कोशिश करते हैं.
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