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    Monday, 29 May 2017

    मोदी सरकार और सेना की तरफ से कश्मीर को लेकर सख्त रणनीति का संकेत - modi government new policy on kashmir

    नई दिल्ली: बंटवारे के बाद से ही कश्मीर भारत-पाकिस्तान के लिए रिश्तों में खटास और विवाद का मुद्दा रहा है. देश से लेकर राज्य में सत्ता परिवर्तन हुए, लेकिन हालात आज भी काबू में नहीं हैं. 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी तो कश्मीर नीति पर सख्ती के संकेत मिले. हालांकि पिछले कुछ वक्त में कश्मीर के हालात काफी तनावपूर्ण हैं. पत्थरबाजी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में मोदी सरकार की कश्मीर नीति को लेकर भी विपक्षी खेमे सवाल उठाने लगे हैं. जिसके बाद मोदी सरकार और सेना की तरफ से कश्मीर को लेकर सख्त रणनीति के संकेत मिल रहे हैं.

    1. गृहमंत्री राजनाथ की प्रतिज्ञा: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या को हल करने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी और इसके लिए उनका प्लान तैयार है.


    2. पहली बार आर्मी चीफ का सख्त बयान: आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पहली बार सीधे तौर पर कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर अटैक किया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में पत्थरबाजों को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि वो पत्थर की जगह हथियार चलाएं, ताकि मैं जो करना चाहूं वो कर सकूं. साथ ही उन्होंने कहा कि जब पत्थर और बम फेंके जाएंगे तो मैं अपने जवानों से केवल इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता. आर्मी चीफ ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए मानव ढाल बनाने के कदम को भी सही ठहराया.

    3. गोगोई का सम्मान कर सेना का मनोबल बढ़ाना: कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई का सेना ने सम्मान किया. सेना ने अपने इस कदम से न सिर्फ पत्थरबाजों के इरादों को पस्त करने की दिशा में एक कदम उठाया बल्कि जवानों का भी हौसला बढ़ाया.

    गोगोई के अलावा कश्मीर निवासी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की शहादत के बाद घाटी के नौजवानों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई. सेना ने घाटी में एक स्कूल का नाम बदलकर शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज के नाम पर रखा, साथ ही उनके परिवार को 75 लाख रुपये का चेक दिया गया.

    4. बुरहान वानी के बाद उसके उत्तराधिकारी का एनकाउंटर: जून, 2016 में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया. जिसके बाद घाटी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई और पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी आ गई. वानी के बाद अब 27 मई त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट को भी सेना ने मार गिराया. सब्जार बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था और उसे बुरहान के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता था.

    5. कश्मीर पर बात नहीं करना: मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ 'आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते' की नीति को अपनाया. कश्मीर मसले पर भारत पाकिस्तान से बातचीत के न्यौते भी ठुकरा चुका है.


    6. पाकिस्तान की चौकियां ध्वस्त करना: सीमापार से नापाक हरकतों का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब भारतीय सेना ने एलओसी के पास पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त कर दिया. इन बंकरों के जरिए पाकिस्तानी आर्मी आतंकवादियों को कवर देती है. भारत ने इस अटैक का वीडियो भी जारी किया, जिससे पाकिस्तान के साथ सख्ती से निपटने के संकेत दिए.

    7. अलगाववादियों से एकदम बातचीत नहीं: केंद्र सरकार ने अप्रैल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कश्मीर में हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए वो अलगाववादियों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी. केंद्र सरकार ने कहा कि वो मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से बातचीत करने के लिए तैयार है. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आजतक को दिए इंटरव्यू में भी कहा कि कश्मीर समस्या पर किसी के साथ किसी शर्त के साथ बातचीत नहीं की जाएगी.

    8. हुर्रियत नेताओं पर कार्रवाई: हाल ही में 'ऑपरेशन हुर्रियत' के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इस ऑपरेशन में हुर्रियत के नेता कैमरे पर पत्थरबाजों को पाकिस्तान से फंडिंग की बात कबूलते हुए नजर आए थे. जिसके बाद उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया.

    9. कश्मीर में टूरिज्म को बढ़ावा: पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही मोदी सरकार कश्मीर में रोजगार को बढ़ावा देकर वहां के हालात पर काबू करने की योजना पर काम करती दिख रही है. हाल ही में पीएम मोदी ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर देश की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन किया. इसके अलावा चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाया जा रहा है. इसकी ऊंचाई एफिल टावर से करीब 35 मीटर अधिक होगी. साल 2019 तक इसके तैयार हो जाने की उम्मीद है. इस टनल और पुल की मदद से सैलानियों का कश्मीर जाना बेहद आसान हो जाएगा.

    10. सेना में भर्तियां: कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को नौजवान अंजाम देते हैं. हाल ही में वहां के स्कूली छात्र भी पत्थरबाजी करते हुए नजर आए. ऐसे में सरकार उन्हें रोजगार देकर मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है. इसका रिजल्ट भी कश्मीर में देखने को मिला. हाल ही में वहां हुई सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में बड़ी संख्या में नौजवानों ने हिस्सा लिया.
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