नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि उनकी सरकार के तीन साल पूरे होने पर कई तरह के सर्वे और ओपीनियन पोल आए हैं. कई तारीफ हुई है तो कहीं आलोचना. लेकिन हमारे सभी महत्वपूर्ण हैं. हमारे 3 साल के काम को हर कसौटी में कसा गया है. लोकतंत्र में सरकारें जवाबदेह होती हैं उनको जनता-जनार्दन को हिसाब देना चाहिए. पीएम ने कहा कि वह उन सब लोगों का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने समय निकाल करके सरकार के काम की गहराई से विवेचना की, जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.
पीएम मोदी ने क्या कहीं हैं खास बातें
पीएम मोदी ने सबसे पहले सबको रमजान की मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा कि रमजान में प्रार्थना और अध्यात्म है. भारत इस बात का गर्व कर सकता है कि दुनिया के सभी संप्रदाय के लोग इस देश में रहते हैं. मूर्ति पूजा का विरोधी और मूर्ति पूजा करने वाले लोग भी इस यहां साथ रहते हैं. हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है. रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता के साथ आगे बढ़ने में सहायक होगा. हम एक बार फिर से सबको शुभकामनाएं देता हूं.
पीएम मोदी ने एक बार फिर से देश को संबोधित करते हुए कि नौजवान कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उनको नई चीजें सीखने के लिए ललक होनी चाहिए. मुझे यह जानकर खुशी है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों के बारे में जानने में रुचि रखती है. आज वीर सवारकर जी की जन्मजयंती है. मैं देश के युवा पीढ़ी को जरूर कहुंगा कि अंडमान जाकर सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें.
पर्यावरण पर पीएम ने कहा कि 5 जून को महीने को पहला सोमवार है. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. महात्मा गांधी कहते थे कि हम जो दुनिया नहीं देखेंगे हमें उसकी चिंता भी करनी चाहिए.
एक बार से पीएम मोदी ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि तनावमुक्त जीवन के लिए योग करना चाहिए. योग सिर्फ व्यायाम नहीं है. अभी दो दिन पहले ही योग को दिवस को लेकर विश्व की सभी सरकारों को चिट्ठी लिखी है. कुछ लोगों का सुझाव आया है कि इस बार एक ही परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और उसकी तस्वीर शेयर करें. मैं इस सुझाव के लिए धन्यवाद करता हूं. आप नरेंद्र मोदी एप औक मायगव एप पर इसको शेयर कर सकते हैं. मैं 1 जून से ट्विटर पर योग से संबंधित बातें शेयर करुंगा. 21 जून को करुंगा.
पीएम ने कहा कि वह जहां जाता हूं उसको लोगों ने स्वच्छता से जोड़ दिया है. सफाई एक आंदोलन बनना चाहिए. जहां जाता हूं वहां सफाई के कार्यक्रम किए जाते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब दो प्रकार के कूड़ेदान उपलब्ध कराए जाएंगे. सूखा कचरा नीले और गीला कचरा हरे कूड़ा डालें. ये सारी चीजें खेत के काम आती हैं. हरे कूड़ेदान में किचन से जुड़ा कूड़ा डालें. सूखे कचरे को मशीन में डालकर रिसाइकिल किया जाता है.
मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना है तभी हम गांधी जी का सपना पूरा कर पाएंगे. एक आदमी ठान ले तो क्या कर सकता है. मुंबई के वर्सोवा बीच का लोगों ने कायाकल्प कर दिया. एक सज्जन श्रीमान अफरोज शाह अक्टूबर 2015 से जुटे हुए थे. उनके युनाइटेड नेशंस की ओर से पुरस्कार दिया गया है. स्वच्छ भारत के अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हो गया है. वहां की मां-बहनों ने इसके लिए जागरुकता फैलाई है. वहां के प्रशासकों और लोगों को बधाई देता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अख़बार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के 3 वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है. 3 साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था. ढ़ेर सारे सर्वे हुए हैं, ढ़ेर सारे ओपीनियन पोल आए हैं. मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही अच्छे संकेत के रूप में देखता हूं. हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है. समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए. जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए. मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियाँ निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूँ. जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है. बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.
आखिर में पीएम ने कहा कि मान्य नागरिक की तरह मेरे ऊपर भी हर अच्छी बुरी बात का असर होता है. मन की बात कार्यक्रम ने मुझे हर परिवार का सदस्य बना दिया है. मेरे प्यारे देशवासियों अगली बार जब मिलेंगे तो बरसात आ चुकी है. रिजल्ट आ चुके होंगे.
गौरतलब है कि 'मन की बात' रविवार सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित होता है. पीएम मोदी आज 32वीं बार 'मन की बात' के तहत देश की जनता को संबोधित करेंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले बार 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर के खिलाफ अपने विचार रखे थे. इससे पहले वह न्यू इंडिया पर देश की जनता को संबोधित किया था.
पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम में हर बार आम व्यक्ति से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण गतिविधि को केंद्रित करते हैं और इसके लिए सभी देशवासियों से विषय और सुझाव आमंत्रित करते हैं. वह देशवासियों की टिप्पणियों को अपने इस लोकप्रिय कार्यक्रम में शामिल भी करते हैं. बता दें, पीएम इससे पहले अर्थव्यवस्था, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या जैसे मुद्दों पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं. आकाशवाणी सभी क्षेत्रीय भाषाओं में इसका सीधा प्रसारण करता है.
पीएम मोदी ने क्या कहीं हैं खास बातें
पीएम मोदी ने सबसे पहले सबको रमजान की मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा कि रमजान में प्रार्थना और अध्यात्म है. भारत इस बात का गर्व कर सकता है कि दुनिया के सभी संप्रदाय के लोग इस देश में रहते हैं. मूर्ति पूजा का विरोधी और मूर्ति पूजा करने वाले लोग भी इस यहां साथ रहते हैं. हम लोगों मे एक साथ जीने की कला है. रमजान का पवित्र महीना शांति और एकता के साथ आगे बढ़ने में सहायक होगा. हम एक बार फिर से सबको शुभकामनाएं देता हूं.
पीएम मोदी ने एक बार फिर से देश को संबोधित करते हुए कि नौजवान कंफर्ट जोन से बाहर निकलें. उनको नई चीजें सीखने के लिए ललक होनी चाहिए. मुझे यह जानकर खुशी है कि युवा पीढ़ी हमारे महापुरुषों के बारे में जानने में रुचि रखती है. आज वीर सवारकर जी की जन्मजयंती है. मैं देश के युवा पीढ़ी को जरूर कहुंगा कि अंडमान जाकर सेल्युलर जेल जाकर जरूर देखें.
पर्यावरण पर पीएम ने कहा कि 5 जून को महीने को पहला सोमवार है. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. महात्मा गांधी कहते थे कि हम जो दुनिया नहीं देखेंगे हमें उसकी चिंता भी करनी चाहिए.
एक बार से पीएम मोदी ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि तनावमुक्त जीवन के लिए योग करना चाहिए. योग सिर्फ व्यायाम नहीं है. अभी दो दिन पहले ही योग को दिवस को लेकर विश्व की सभी सरकारों को चिट्ठी लिखी है. कुछ लोगों का सुझाव आया है कि इस बार एक ही परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और उसकी तस्वीर शेयर करें. मैं इस सुझाव के लिए धन्यवाद करता हूं. आप नरेंद्र मोदी एप औक मायगव एप पर इसको शेयर कर सकते हैं. मैं 1 जून से ट्विटर पर योग से संबंधित बातें शेयर करुंगा. 21 जून को करुंगा.
पीएम ने कहा कि वह जहां जाता हूं उसको लोगों ने स्वच्छता से जोड़ दिया है. सफाई एक आंदोलन बनना चाहिए. जहां जाता हूं वहां सफाई के कार्यक्रम किए जाते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब दो प्रकार के कूड़ेदान उपलब्ध कराए जाएंगे. सूखा कचरा नीले और गीला कचरा हरे कूड़ा डालें. ये सारी चीजें खेत के काम आती हैं. हरे कूड़ेदान में किचन से जुड़ा कूड़ा डालें. सूखे कचरे को मशीन में डालकर रिसाइकिल किया जाता है.
मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए हर बार हमें नए कदम उठाना है तभी हम गांधी जी का सपना पूरा कर पाएंगे. एक आदमी ठान ले तो क्या कर सकता है. मुंबई के वर्सोवा बीच का लोगों ने कायाकल्प कर दिया. एक सज्जन श्रीमान अफरोज शाह अक्टूबर 2015 से जुटे हुए थे. उनके युनाइटेड नेशंस की ओर से पुरस्कार दिया गया है. स्वच्छ भारत के अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर का रियासी ब्लॉक खुले में शौच से मुक्त हो गया है. वहां की मां-बहनों ने इसके लिए जागरुकता फैलाई है. वहां के प्रशासकों और लोगों को बधाई देता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अख़बार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के 3 वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है. 3 साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था. ढ़ेर सारे सर्वे हुए हैं, ढ़ेर सारे ओपीनियन पोल आए हैं. मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही अच्छे संकेत के रूप में देखता हूं. हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है. समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए. जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए. मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियाँ निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूँ. जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है. बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढ़ना है. रचनात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देता है. एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है.
आखिर में पीएम ने कहा कि मान्य नागरिक की तरह मेरे ऊपर भी हर अच्छी बुरी बात का असर होता है. मन की बात कार्यक्रम ने मुझे हर परिवार का सदस्य बना दिया है. मेरे प्यारे देशवासियों अगली बार जब मिलेंगे तो बरसात आ चुकी है. रिजल्ट आ चुके होंगे.
गौरतलब है कि 'मन की बात' रविवार सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित होता है. पीएम मोदी आज 32वीं बार 'मन की बात' के तहत देश की जनता को संबोधित करेंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले बार 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लाल बत्ती और वीआईपी कल्चर के खिलाफ अपने विचार रखे थे. इससे पहले वह न्यू इंडिया पर देश की जनता को संबोधित किया था.
पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम में हर बार आम व्यक्ति से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण गतिविधि को केंद्रित करते हैं और इसके लिए सभी देशवासियों से विषय और सुझाव आमंत्रित करते हैं. वह देशवासियों की टिप्पणियों को अपने इस लोकप्रिय कार्यक्रम में शामिल भी करते हैं. बता दें, पीएम इससे पहले अर्थव्यवस्था, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या जैसे मुद्दों पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं. आकाशवाणी सभी क्षेत्रीय भाषाओं में इसका सीधा प्रसारण करता है.
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