श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में विध्वंसक गतिविधियों में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद और हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी की भूमिका के सिलसिले में अपनी जांच के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर के तीन अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की है.
अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व वाली एनआईए की टीम ने नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे और गाजी जावेद बाबा को अपने समक्ष पेश होकर टीवी चैनल पर हुए एक खुलासे के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा था। मालूम हो कि एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में अलगाववादी नेता नईम खान और फारूक अहमद डार ने कबूल किया है कि हुर्रियत को पाकिस्तान की ओर से मदद मिलती है।
अलगाववादी नेताओं के चेहरे बेनकाब होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की जांच शुरू करते हुए न्यूज चैनल से स्टिंग ऑपरेशन का विडियो उपलब्ध कराने को भी कहा है. जांच एजेंसी ने तरहीक-ए-हुर्रियत के नेता नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ विट्टा कराटे और गाजी जावेद बाबा को समन जारी कर पेश होने को कहा है. नईम ने कहा, 'मैं भारतीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार नहीं हूं. मैं हुर्रियत नेताओं और स्थानीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार हूं. इसमें पुराना विडियो इस्तेमाल किया गया है.'
शुरूआती अनिच्छा के बाद, तीनों अलगाववादी रास्ते पर आ गये और एनआईए की टीम ने अलग-अलग उनसे पूछताछ की है. टीम ने इनका नाम प्राथमिक जांच में दर्ज किया था. एनआईए के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने हवाला और आतंकवाद को मिलने वाले धन के सिलसिले में डार से श्रीनगर में पूछताछ की.
प्रवक्ता ने कहा, ‘नईम खान और गाजी जावेद बाबा से अभी भी पूछताछ चल रही है. उनसे जांच के लिए कुछ दस्तावेज देने को भी कहा गया है. श्रीनगर के जिस होटल में यह स्टिंग हुआ था, उसकी पहचान कर ली गई है. एनआईए की टीम कमरे की पहचान और रेकॉर्ड जमा करने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही है.’ अलगाववादी नेताओं को मिलने वाले धन से जुड़े सभी पहलुओं की एनआईए जांच कर रही है.
बयान में कहा गया है, ‘एनआईए ने करीब 150 मामलों में दर्ज प्राथमिकियों की प्रतियां एकत्र की हैं और कश्मीर में हंगामा तथा हिंसा करने की बड़ी साजिश के तहत स्कूलों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में हाल के दिनों में घाटी में दर्ज इन मामलों का विश्लेषण कर रही है.’ एनआईए टीम स्कूलों को जलाने के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एकत्र साक्ष्यों को भी एकत्र करेगी क्योंकि खान ने दावा किया था कि सीमा पार से रचे गये षड्यंत्र के तहत शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया.
प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के पिछले वर्ष 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद स्कूलों को निशाना बनाया गया था. इन तीनों के अलावा एनआईए ने सईद और गिलानी का नाम भी शुरूआती जांच में दिया है. इसके बाद ही प्राथमिकी दर्ज होगी.
नईम खान को गिलानी ने हुर्रियत से निलंबित कर दिया है. स्टिंग ऑपरेशन में खान ने टीवी पर कथित रूप से यह स्वीकार किया है कि उन्हें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से धन मिल रहा है. कट्टरपंथी नेता के प्रवक्ता ने कहा, इस मामले पर पूरा स्पष्टीकरण आने और सच्चाई सामने आने तक गिलानी ने खान के नेशनल फ्रंट को हुर्रियत कांफ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
खान ने यहां संवाददाता सम्मेलन कर दावा किया कि वीडियो ‘डॉक्टर्ड’ है और चैनल को इसका पूरा वीडियो चलाने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, ‘वीडियो डॉक्टर्ड है, कई जगह से थोड़ा, थोड़ा करके जोड़ा गया है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. भारतीय मीडिया का एजेंडा कश्मीर संघर्ष और स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले नेताओं की छवि खराब करना है.’ एनआईए की शुरूआती जांच में यह आरोप लगाया गया है कि अलगाववादियों को कश्मीर घाटी में विध्वंसक गतिविध्यिां चलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा से धन मिल रहा है
अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व वाली एनआईए की टीम ने नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे और गाजी जावेद बाबा को अपने समक्ष पेश होकर टीवी चैनल पर हुए एक खुलासे के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा था। मालूम हो कि एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में अलगाववादी नेता नईम खान और फारूक अहमद डार ने कबूल किया है कि हुर्रियत को पाकिस्तान की ओर से मदद मिलती है।
अलगाववादी नेताओं के चेहरे बेनकाब होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की जांच शुरू करते हुए न्यूज चैनल से स्टिंग ऑपरेशन का विडियो उपलब्ध कराने को भी कहा है. जांच एजेंसी ने तरहीक-ए-हुर्रियत के नेता नईम खान, फारूक अहमद डार उर्फ विट्टा कराटे और गाजी जावेद बाबा को समन जारी कर पेश होने को कहा है. नईम ने कहा, 'मैं भारतीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार नहीं हूं. मैं हुर्रियत नेताओं और स्थानीय मीडिया के प्रति जिम्मेदार हूं. इसमें पुराना विडियो इस्तेमाल किया गया है.'
शुरूआती अनिच्छा के बाद, तीनों अलगाववादी रास्ते पर आ गये और एनआईए की टीम ने अलग-अलग उनसे पूछताछ की है. टीम ने इनका नाम प्राथमिक जांच में दर्ज किया था. एनआईए के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने हवाला और आतंकवाद को मिलने वाले धन के सिलसिले में डार से श्रीनगर में पूछताछ की.
प्रवक्ता ने कहा, ‘नईम खान और गाजी जावेद बाबा से अभी भी पूछताछ चल रही है. उनसे जांच के लिए कुछ दस्तावेज देने को भी कहा गया है. श्रीनगर के जिस होटल में यह स्टिंग हुआ था, उसकी पहचान कर ली गई है. एनआईए की टीम कमरे की पहचान और रेकॉर्ड जमा करने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही है.’ अलगाववादी नेताओं को मिलने वाले धन से जुड़े सभी पहलुओं की एनआईए जांच कर रही है.
बयान में कहा गया है, ‘एनआईए ने करीब 150 मामलों में दर्ज प्राथमिकियों की प्रतियां एकत्र की हैं और कश्मीर में हंगामा तथा हिंसा करने की बड़ी साजिश के तहत स्कूलों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में हाल के दिनों में घाटी में दर्ज इन मामलों का विश्लेषण कर रही है.’ एनआईए टीम स्कूलों को जलाने के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एकत्र साक्ष्यों को भी एकत्र करेगी क्योंकि खान ने दावा किया था कि सीमा पार से रचे गये षड्यंत्र के तहत शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया.
प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के पिछले वर्ष 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद स्कूलों को निशाना बनाया गया था. इन तीनों के अलावा एनआईए ने सईद और गिलानी का नाम भी शुरूआती जांच में दिया है. इसके बाद ही प्राथमिकी दर्ज होगी.
नईम खान को गिलानी ने हुर्रियत से निलंबित कर दिया है. स्टिंग ऑपरेशन में खान ने टीवी पर कथित रूप से यह स्वीकार किया है कि उन्हें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से धन मिल रहा है. कट्टरपंथी नेता के प्रवक्ता ने कहा, इस मामले पर पूरा स्पष्टीकरण आने और सच्चाई सामने आने तक गिलानी ने खान के नेशनल फ्रंट को हुर्रियत कांफ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
खान ने यहां संवाददाता सम्मेलन कर दावा किया कि वीडियो ‘डॉक्टर्ड’ है और चैनल को इसका पूरा वीडियो चलाने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, ‘वीडियो डॉक्टर्ड है, कई जगह से थोड़ा, थोड़ा करके जोड़ा गया है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. भारतीय मीडिया का एजेंडा कश्मीर संघर्ष और स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले नेताओं की छवि खराब करना है.’ एनआईए की शुरूआती जांच में यह आरोप लगाया गया है कि अलगाववादियों को कश्मीर घाटी में विध्वंसक गतिविध्यिां चलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा से धन मिल रहा है
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