नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि निजी निवेशकों व बैंकों का खराब प्रदर्शन अभी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है. जेटली ने में कहा, "देश में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आने के बावजूद निजी उद्योग द्वारा किया जानेवाला निवेश संतोषजनक नहीं है. यह स्थिति बैंकों से संबंधित है." मंत्री ने कहा कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया जा रहा है और वैश्विक विकास में भी सकारात्मक रुझान दिख रहा है, इसलिए इन दो चुनौतियों से पार पाना होगा. जेटली ने कहा, "लेकिन यहां तीसरी चुनौती भी है - देशी उद्योग में निवेश का चक्र बढ़ाना, जिसका भी बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन से संबंध है."
उन्होंने पहले कहा था कि विकास का समर्थन करने के लिए बैकों को मजबूत स्थिति में होना जरूरी है और अगर उनके पास बड़ी संख्या में गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए या फंसे हुए कर्जे) हैं तो इससे उनकी क्षमता प्रभावित होती है. जेटली ने कहा कि बकाया परिवाद से उधार के माहौल को नुकसान पहुंचता है. सरकार ने पांच मई को एक अध्यादेश लाकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सरकारी बैंकों के फंसे हुए कर्जो से निपटने की शक्ति प्रदान की थी.
जेटली ने पहले कहा था कि सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या सुलझाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें संपत्तियों की बिक्री, गैर लाभकारी शाखाओं को बंद करना, पुर्नपूंजीकरण जैसे कदम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त संपत्तियों की एक सूची है, जिस पर आरबीआई गौर कर रही है.
उन्होंने पहले कहा था कि विकास का समर्थन करने के लिए बैकों को मजबूत स्थिति में होना जरूरी है और अगर उनके पास बड़ी संख्या में गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए या फंसे हुए कर्जे) हैं तो इससे उनकी क्षमता प्रभावित होती है. जेटली ने कहा कि बकाया परिवाद से उधार के माहौल को नुकसान पहुंचता है. सरकार ने पांच मई को एक अध्यादेश लाकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सरकारी बैंकों के फंसे हुए कर्जो से निपटने की शक्ति प्रदान की थी.
जेटली ने पहले कहा था कि सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या सुलझाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें संपत्तियों की बिक्री, गैर लाभकारी शाखाओं को बंद करना, पुर्नपूंजीकरण जैसे कदम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त संपत्तियों की एक सूची है, जिस पर आरबीआई गौर कर रही है.
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