नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को मुख्य कोच के पद के लिये आवेदन मंगवाए हैं जिससे मुख्य कोच अनिल कुंबले को संकेत मिल गया कि चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद खत्म हो रहे उनके मौजूदा कार्यकाल का स्वत: विस्तार नहीं होगा. इच्छुक उम्मीदवार 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं जिसके बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति उनका इंटरव्यू लेगी.
बीसीसीआई की विज्ञप्ति के अनुसार,‘निष्पक्ष और पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के लिये यह जरूरी था कि प्रशासकों की समिति का एक प्रतिनिधि क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ पूरी प्रक्रिया की निगरानी करे.’ मौजूदा कोच कुंबले को इंटरव्यू प्रक्रिया में सीधे प्रवेश मिलेगा. बीसीसीआई की इस घोषणा से स्पष्ट हो गया कि आला अधिकारी बतौर कोच कुंबले के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. इसके पीछे कारण यह है कि खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध और अपने वेतन में इजाफे के लिये उन्होंने काफी आक्रामक रवैया अपनाया. भारत ने कुंबले के कोच रहते घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 13 में से 10 टेस्ट जीते , दो ड्रॉ खेले और सिर्फ एक गंवाया. इसके बाद हालांकि खिलाड़ियों के भुगतान में बढ़ोतरी को लेकर उनका रवैया बीसीसीआई को रास नहीं आया.
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा,‘मौजूदा मुख्य कोच होने के नाते वह दौड़ में हैं.’ सबसे हैरानी की बात यह है कि ऐसे समय में नये आवेदन मंगवाये गए हैं जब टीम चैंपियंस ट्रॉफी खेलने इंग्लैंड पहुंची ही है. सूत्र ने कहा,‘बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने तक इंतजार कर सकता था लेकिन किसी को अपनी जगह हलके में नहीं लेनी चाहिए.’ उन्होंने कहा ,‘कुंबले अपने और खिलाड़ियों के वेतन में इजाफे की बात कर रहे हैं. कोई बात नहीं लेकिन कल बीसीसीआई उनकी जगह किसी और को नियुक्त करता है तो वह ऐसा नहीं कर पायेंगे. उनकी कुछ मांगे तो समझ से परे है.’ बोर्ड इस बात से भी खफा है कि कुंबले ने कप्तानी का अतिरिक्त बोझ लेने वाले विराट कोहली के लिये 25 प्रतिशत अतिरिक्त कप्तानी फीस की मांग की है. उन्होंने मुख्य कोच होने के नाते चयन समिति में जगह की भी मांग की है. उनकी यह मांग लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि चयन समिति में तीन ही सदस्य होंगे.
बीसीसीआई की विज्ञप्ति के अनुसार,‘निष्पक्ष और पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के लिये यह जरूरी था कि प्रशासकों की समिति का एक प्रतिनिधि क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ पूरी प्रक्रिया की निगरानी करे.’ मौजूदा कोच कुंबले को इंटरव्यू प्रक्रिया में सीधे प्रवेश मिलेगा. बीसीसीआई की इस घोषणा से स्पष्ट हो गया कि आला अधिकारी बतौर कोच कुंबले के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. इसके पीछे कारण यह है कि खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध और अपने वेतन में इजाफे के लिये उन्होंने काफी आक्रामक रवैया अपनाया. भारत ने कुंबले के कोच रहते घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 13 में से 10 टेस्ट जीते , दो ड्रॉ खेले और सिर्फ एक गंवाया. इसके बाद हालांकि खिलाड़ियों के भुगतान में बढ़ोतरी को लेकर उनका रवैया बीसीसीआई को रास नहीं आया.
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा,‘मौजूदा मुख्य कोच होने के नाते वह दौड़ में हैं.’ सबसे हैरानी की बात यह है कि ऐसे समय में नये आवेदन मंगवाये गए हैं जब टीम चैंपियंस ट्रॉफी खेलने इंग्लैंड पहुंची ही है. सूत्र ने कहा,‘बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने तक इंतजार कर सकता था लेकिन किसी को अपनी जगह हलके में नहीं लेनी चाहिए.’ उन्होंने कहा ,‘कुंबले अपने और खिलाड़ियों के वेतन में इजाफे की बात कर रहे हैं. कोई बात नहीं लेकिन कल बीसीसीआई उनकी जगह किसी और को नियुक्त करता है तो वह ऐसा नहीं कर पायेंगे. उनकी कुछ मांगे तो समझ से परे है.’ बोर्ड इस बात से भी खफा है कि कुंबले ने कप्तानी का अतिरिक्त बोझ लेने वाले विराट कोहली के लिये 25 प्रतिशत अतिरिक्त कप्तानी फीस की मांग की है. उन्होंने मुख्य कोच होने के नाते चयन समिति में जगह की भी मांग की है. उनकी यह मांग लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि चयन समिति में तीन ही सदस्य होंगे.
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