लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण में सोमवार को नेपाल से लगे तराई और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 51 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. मतदान का यह दौर समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए बहुत अहम है. बीजेपी को सत्ता तक पहुंचने के लिए और सपा को अपनी सत्ता बचाने के लिए. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए पांचवां फेज 'करो या मरो' जैसा है. जिन 51 सीटों पर मतदान हो रहा है, साल 2012 में उनमें से 37 सीटें सपा ने जीती थीं.
सपा इस बार पांचवें चरण की सभी सीटों पर खुद नहीं लड़ रही, बल्कि 14 पर गठबंधन की साथी कांग्रेस भी मैदान में है. चार सीटों पर तो दोनों आमने-सामने भी हैं. ऐसे में एक-दूसरे से हार कर भी जीतना है. पांचवें दौर में सपा के अभय सिंह की किस्मत का फैसला होना है, जिनके खिलाफ 26 मुकदमे हैं और भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे गायत्री प्रजापति भी जिन पर रेप का मुकदमा भी दर्ज हो गया है. न सिर्फ सपा या बसपा, बल्कि बीजेपी को भी एहसास है कि अब सत्ता का रास्ता पूर्वांचल होकर ही गुज़रेगा.
इस चरण में बलरामपुर, गोण्डा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं. पांचवें चरण में करीब 83 लाख 80 हजार महिलाओं समेत कुल एक करोड़ 81 लाख 71 हजार 826 मतदाता 12 हजार 555 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. पांचवें चरण में 40 महिलाओं समेत कुल 607 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. अमेठी में सबसे अधिक 24 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. अंबेडकरनगर के आलापुर में सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर कनौजिया के निधन के कारण चुनाव आयोग ने यहां मतदान की तारीख 9 मार्च निर्धारित की है.
उल्लेखनीय है कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने आलापुर सहित कुल 52 सीटों में से 37 सीटें जीती थीं. भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थीं. श्रावस्ती, बलरामपुर, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर में सपा प्रत्याशियों ने हर सीट पर जीत दर्ज की थी. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के मुताबिक, पांचवें चरण में 19 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. ऐसे उम्मीदवारों की संख्या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में सबसे ज्यादा है. इस चरण में सर्वाधिक 43 करोड़ करोड़पति उम्मीदवार बसपा की ओर से हैं. भाजपा के 38, सपा के 32 और कांग्रेस के सात करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं.
सपा इस बार पांचवें चरण की सभी सीटों पर खुद नहीं लड़ रही, बल्कि 14 पर गठबंधन की साथी कांग्रेस भी मैदान में है. चार सीटों पर तो दोनों आमने-सामने भी हैं. ऐसे में एक-दूसरे से हार कर भी जीतना है. पांचवें दौर में सपा के अभय सिंह की किस्मत का फैसला होना है, जिनके खिलाफ 26 मुकदमे हैं और भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे गायत्री प्रजापति भी जिन पर रेप का मुकदमा भी दर्ज हो गया है. न सिर्फ सपा या बसपा, बल्कि बीजेपी को भी एहसास है कि अब सत्ता का रास्ता पूर्वांचल होकर ही गुज़रेगा.
इस चरण में बलरामपुर, गोण्डा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं. पांचवें चरण में करीब 83 लाख 80 हजार महिलाओं समेत कुल एक करोड़ 81 लाख 71 हजार 826 मतदाता 12 हजार 555 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. पांचवें चरण में 40 महिलाओं समेत कुल 607 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. अमेठी में सबसे अधिक 24 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. अंबेडकरनगर के आलापुर में सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर कनौजिया के निधन के कारण चुनाव आयोग ने यहां मतदान की तारीख 9 मार्च निर्धारित की है.
उल्लेखनीय है कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने आलापुर सहित कुल 52 सीटों में से 37 सीटें जीती थीं. भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थीं. श्रावस्ती, बलरामपुर, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर में सपा प्रत्याशियों ने हर सीट पर जीत दर्ज की थी. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के मुताबिक, पांचवें चरण में 19 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. ऐसे उम्मीदवारों की संख्या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में सबसे ज्यादा है. इस चरण में सर्वाधिक 43 करोड़ करोड़पति उम्मीदवार बसपा की ओर से हैं. भाजपा के 38, सपा के 32 और कांग्रेस के सात करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं.
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