भारती एयटरेल द्वारा आज सुबह टेलिनोर इंडिया के अधिग्रहण की घोषणा करने के बाद एयरटेल के शेयरों में जोरदार उछाल देखा गया. इसके शेयर 11 फीसदी तेजी के साथ साल भर के सर्वोच्च स्तर पर आ गए. एयरटेल सभी सात सर्कलों में जहां उसके पास स्पेक्ट्रम है टेलिनोर इंडिया का अधिग्रहण करेगी. हालांकि, इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है.
इसके बाद इसके शेयरों में 52 हफ्ते का सर्वोच्च स्तर देखा गया और यह बीएसई में 10.93 फीसदी तेजी के साथ 400.65 के स्तर पर आ गया. वहीं एनएसई में इसके शेयरों में 11 फीसदी की तेजी देखी घई और यह सालभर के पीक लेवल को दिखाते हुए 401 रुपए के स्तर पर आ गया.
भारतीय एयरटेल (भारत और दक्षिण एशिया) के प्रबंध निदेशक और सीईओ गोपाल विट्टल ने आज कहा इस अधिग्रहण के जरिये मिलने वाले अतिरिक्त स्पेक्ट्रम से एयरटेल के स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो का और विस्तार होगा. वहीं टेलिनोर समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिगवे ब्रेके ने समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमारे भारतीय कारोबार के दीर्घकालिक समाधान की तलाश करना हमारी प्राथमिकता में था और एयरटेल के साथ हमारे समझौते को लेकर हम खुश हैं. भारत से निकलने का हमारा निर्णय हल्के फुल्के ढंग से नहीं लिया गया बल्कि इसके लिये गहन विचार विमर्श किया गया.
बतौर नए मालिक के तौर पर एयरटेल टेलिनोनर के स्पेक्ट्रम, लाइसेंस और ऑपरेशन्स को टेक ओवर करेगी. इसी के तहत इसके सभी कर्मी और इसका 44 मिलियन का कस्टमर बेस एयरटेल के अधिकारक्षेत्र में आ जाएगा. एयरटेल भारत का सबसे बड़ा वायरलेस ऑपरेटर है जिसके पास 269 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और मार्केट में 33 फीसदी का रेवन्यू शेयर है.
टेलिनोर ने वर्ष 2008 में भारतीय बाजार में प्रवेश की घोषणा की थी. कंपनी ने कहा है कि वर्ष 2017 की पहली तिमाही से टेलिनोर इंडिया को बिक्री वाली संपत्ति के तौर पर माना जाएगा और टेलिनोर समूह की वित्तीय रिपोर्टिंग में इसे शामिल नहीं किया जाएगा.
इसके बाद इसके शेयरों में 52 हफ्ते का सर्वोच्च स्तर देखा गया और यह बीएसई में 10.93 फीसदी तेजी के साथ 400.65 के स्तर पर आ गया. वहीं एनएसई में इसके शेयरों में 11 फीसदी की तेजी देखी घई और यह सालभर के पीक लेवल को दिखाते हुए 401 रुपए के स्तर पर आ गया.
भारतीय एयरटेल (भारत और दक्षिण एशिया) के प्रबंध निदेशक और सीईओ गोपाल विट्टल ने आज कहा इस अधिग्रहण के जरिये मिलने वाले अतिरिक्त स्पेक्ट्रम से एयरटेल के स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो का और विस्तार होगा. वहीं टेलिनोर समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिगवे ब्रेके ने समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमारे भारतीय कारोबार के दीर्घकालिक समाधान की तलाश करना हमारी प्राथमिकता में था और एयरटेल के साथ हमारे समझौते को लेकर हम खुश हैं. भारत से निकलने का हमारा निर्णय हल्के फुल्के ढंग से नहीं लिया गया बल्कि इसके लिये गहन विचार विमर्श किया गया.
बतौर नए मालिक के तौर पर एयरटेल टेलिनोनर के स्पेक्ट्रम, लाइसेंस और ऑपरेशन्स को टेक ओवर करेगी. इसी के तहत इसके सभी कर्मी और इसका 44 मिलियन का कस्टमर बेस एयरटेल के अधिकारक्षेत्र में आ जाएगा. एयरटेल भारत का सबसे बड़ा वायरलेस ऑपरेटर है जिसके पास 269 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और मार्केट में 33 फीसदी का रेवन्यू शेयर है.
टेलिनोर ने वर्ष 2008 में भारतीय बाजार में प्रवेश की घोषणा की थी. कंपनी ने कहा है कि वर्ष 2017 की पहली तिमाही से टेलिनोर इंडिया को बिक्री वाली संपत्ति के तौर पर माना जाएगा और टेलिनोर समूह की वित्तीय रिपोर्टिंग में इसे शामिल नहीं किया जाएगा.
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