728x90 AdSpace

  • Latest News

    Tuesday, 28 February 2017

    आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हड़ताल - Govt bank strike on 28th feb 2017

    नई दिल्ली: पिछले सप्ताह लंबे वीकेंड के बाद सोमवार को खुले सार्वजनिक  क्षेत्र के बैंक मंगलवार यानी आज फिर बंद हैं. नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त काम करने के लिये बैंक कर्मचारियों को मुआवजा दिये जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 28 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया है. हालांकि, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक, एचडीएफसी (HDFC) बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक में कामकाज सामान्य रहने की उम्मीद है. केवल चेक क्लीयरेंस में कुछ देरी हो सकती है.

    यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है जिसका बैंकों के कामकाज पर असर पड़ सकता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOI) सहित कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि यदि हड़ताल होती है तो उनकी शाखाओं में कामकाज प्रभावित हो सकता है.

    हालांकि, यूएफबीयू में शामिल दो बैंक यूनियनों नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं. इन संगठनों ने इस हड़ताल को राजनीति से प्रभावित कदम बताया है. इन संगठनों का कहना है कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं है इसलिये इसे यूएफबीयू की हड़ताल कहना सरासर गलत है.

    ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव हरविंदर सिंह ने कहा, 'हड़ताल का कार्यक्रम जारी है क्योंकि बैंक प्रबंधन विशेषतौर से भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की तरफ से इसे स्थगित करने के लिये कोई कदम नहीं उठाया गया.' ऑल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त ने बैंक प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के बीच 21 फरवरी को एक सहमति बैठक कराई थी लेकिन इसमें बैंक प्रबंधन के अड़ियल रख के कारण बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. वेंकटाचलम ने कहा कि संघों द्वारा की गई मांगों का कोई समाधान निकालने की सभी कोशिशें बेकार जाने के बाद मजबूरन हड़ताल का आह्वान करना पड़ा है. वेंकटचलम ने बताया, 'भारतीय बैंकिंग उद्योग को असली खतरा डूबे हुए बड़े कर्ज और जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवालों से है.' बुरे कर्जो के लिए जबावदेही तय करना तथा जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाले कर्जदारों तथा उन्हें कर्ज मुहैया करानेवाले बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना समय की जरूरत है, न कि बैड बैंक का गठन करना.'

    आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में 'बैड बैंक' की स्थापना का सुझाव दिया गया था, ताकि बैंकों के फंसे हुए कर्जो (जिसे गैर निष्पादित परिसंपत्तियां कहा जाता है) से निपटा जा सके. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार एक संपत्ति पुर्नवास एजेंसी का गठन करें, जो फंसे हुए कर्जो को बैंकों से खरीद कर उसका बोझ उठाए, ताकि बैंकों के कर्ज का बोझ कम करने का कठिन राजनीतिक फैसला लिया जा सके. वेंकटचलम के अनुसार यह एक सरकारी संस्था के फंसे हुए कर्जो को दूसरी सरकारी संस्था का गठन कर उसके सिर मढ़ने के अलावा कुछ नहीं है.
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    Post a Comment

    Item Reviewed: आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हड़ताल - Govt bank strike on 28th feb 2017 Rating: 5 Reviewed By: Sonali
    Scroll to Top