गुजरात पुलिस को दहशत के खिलाफ जंग में अहम कामयाबी मिली है. अहमदाबाद एटीएस ने रविवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस के 2 संदिग्धों को पकड़ा है.
खबरों के मुताबिक, एक आरोपी को भावनगर और दूसरे को राजकोट से धरा गया. संदिग्ध आतंकियों के नाम वसीम और नईम रामोदिया बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, इनमें से एक क्रिकेट अंपायर आरिफ रामोदिया का बेटा और दूसरा भाई है. आरिफ हाल ही में सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से रिटायर हुए हैं. उनका परिवार राजकोट के नेहरूनगर इलाके में रहता है.
संदिग्धों के पास से देसी बम, गन पाउडर, मास्क, कंप्यूटर समेत काफी सामान जब्त किया गया है. उनके कंप्यूटर और मोबाइल फोन से प्रतिबंधित साहित्य सामग्री भी बरामद की गई है. एटीएस के उप-अधीक्षक के.के. पटेल ने बताया कि दोनों संदिग्ध पिछले डेढ़ साल से पुलिस के रडार पर थे. आरोप है कि दोनों ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम नाम के मैसेजिंग एप के जरिए आईएसआईएस के संपर्क में थे.
पुलिस की मानें तो वसीम और नईम पश्चिमी देशों में हुए कई हमलों की तर्ज पर यहां भी 'लोन वुल्फ' हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे. 'लोन वुल्फ' हमलों में अक्सर कोई बड़ा रैकेट नहीं होता. आतंकी इसे अपने स्तर पर ही अंजाम देते हैं. लिहाजा इन्हें रोकना ज्यादा कठिन होता है. माना जा रहा है कि दोनों संदिग्ध अगले कुछ दिनों में बम धमाके भी करने वाले थे.
खबरों के मुताबिक, एक आरोपी को भावनगर और दूसरे को राजकोट से धरा गया. संदिग्ध आतंकियों के नाम वसीम और नईम रामोदिया बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, इनमें से एक क्रिकेट अंपायर आरिफ रामोदिया का बेटा और दूसरा भाई है. आरिफ हाल ही में सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से रिटायर हुए हैं. उनका परिवार राजकोट के नेहरूनगर इलाके में रहता है.
संदिग्धों के पास से देसी बम, गन पाउडर, मास्क, कंप्यूटर समेत काफी सामान जब्त किया गया है. उनके कंप्यूटर और मोबाइल फोन से प्रतिबंधित साहित्य सामग्री भी बरामद की गई है. एटीएस के उप-अधीक्षक के.के. पटेल ने बताया कि दोनों संदिग्ध पिछले डेढ़ साल से पुलिस के रडार पर थे. आरोप है कि दोनों ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम नाम के मैसेजिंग एप के जरिए आईएसआईएस के संपर्क में थे.
पुलिस की मानें तो वसीम और नईम पश्चिमी देशों में हुए कई हमलों की तर्ज पर यहां भी 'लोन वुल्फ' हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे. 'लोन वुल्फ' हमलों में अक्सर कोई बड़ा रैकेट नहीं होता. आतंकी इसे अपने स्तर पर ही अंजाम देते हैं. लिहाजा इन्हें रोकना ज्यादा कठिन होता है. माना जा रहा है कि दोनों संदिग्ध अगले कुछ दिनों में बम धमाके भी करने वाले थे.
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