सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पूर्वांचल के मऊ में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तो उनके भाषण में जिस एक बात पर खास ज़ोर था, वो थी पूर्ण बहुमत की सरकार के लिए लोगों के मतदान की अपील.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा और बसपा अब सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं इसलिए ये दोनों राजनीतिक दल चाहते हैं कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा रहे और किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत न मिले. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के इस मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए लोगों को भारतीय जनता पार्टी को वोट करके राज्य में एक स्पष्ट बहुमत की सरकार बनानी चाहिए.
लेकिन 300 के पार वाले नारे से सजे मंच पर बोलते हुए प्रधानमंत्री शायद यह स्थापित कर गए कि फिलहाल चुनाव किसी एक राजनीतिक दल के हाथ में नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा की स्थिति बेहतर होती तो प्रधानमंत्री त्रिशंकु विधानसभा वाली बात कतई न कहते.
मंच से एक स्पष्ट बहुमत वाली सरकार का आहवान करके प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि जिस तरह की राजनीतिक स्थिति और मतदान अभी तक राज्य में दिखाई दे रहे हैं, वो किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत की ओर नहीं ले जा रहे हैं. और इसी को आधार बनाते हुए प्रधानमंत्री एक बहुमत वाली सरकार की मांग लोगों से कर रहे थे.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक-एक चरण के मतदान को समझाते हुए यह स्थापित करने की कोशिश की कि कैसे जनादेश दोनों ही क्षेत्रीय दलों को पूर्ण बहुमत की ओर नहीं ले जा रहा है. साथ ही यह विश्वास जताया कि भाजपा लगातार बढ़त बना रही है और आगे जा रही है.
प्रधानमंत्री ने लोगों को यह भी समझाने का प्रयास किया कि पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना क्यों ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के हर कोने में भारत की जय-जयकार हो रही है और इसकी वजह है 30 साल बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार. ऐसी ही सरकार अगर सूबे में भी बनी तो विकास होना तय है.
प्रधानमंत्री के साथ मंच पर अच्छी तादाद में केंद्रीय मंत्री और सांसद, विधायक मौजूद थे. ऐसा ही जमावड़ा बनारस में भी है जहां कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी डेरा डाले हुए हैं.
दरअसल, बहुमत न मिलने का डर प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दोनों को सता रहा है और इसीलिए अब भाजपा अब बाकी के चरणों के लिए पूरी ताकत झोंकने में लगी हुई है. प्रधानमंत्री भी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि हंग असेंबली के बजाय स्पष्ट बहुमत के लिए मतदान करें.
भाजपा को सत्ता का सपना साकार करने के लिए इन चरणों में खासी बढ़त की ज़रूरत है और बाकी राजनीतिक दल उसे कड़ी चुनौती दे रहे हैं. इसी चिंता में अब मोदी का नया ब्रह्मास्त्र त्रिशंकु विधानसभा वाली बात बन गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा और बसपा अब सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं इसलिए ये दोनों राजनीतिक दल चाहते हैं कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा रहे और किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत न मिले. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के इस मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए लोगों को भारतीय जनता पार्टी को वोट करके राज्य में एक स्पष्ट बहुमत की सरकार बनानी चाहिए.
लेकिन 300 के पार वाले नारे से सजे मंच पर बोलते हुए प्रधानमंत्री शायद यह स्थापित कर गए कि फिलहाल चुनाव किसी एक राजनीतिक दल के हाथ में नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा की स्थिति बेहतर होती तो प्रधानमंत्री त्रिशंकु विधानसभा वाली बात कतई न कहते.
मंच से एक स्पष्ट बहुमत वाली सरकार का आहवान करके प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि जिस तरह की राजनीतिक स्थिति और मतदान अभी तक राज्य में दिखाई दे रहे हैं, वो किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत की ओर नहीं ले जा रहे हैं. और इसी को आधार बनाते हुए प्रधानमंत्री एक बहुमत वाली सरकार की मांग लोगों से कर रहे थे.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक-एक चरण के मतदान को समझाते हुए यह स्थापित करने की कोशिश की कि कैसे जनादेश दोनों ही क्षेत्रीय दलों को पूर्ण बहुमत की ओर नहीं ले जा रहा है. साथ ही यह विश्वास जताया कि भाजपा लगातार बढ़त बना रही है और आगे जा रही है.
प्रधानमंत्री ने लोगों को यह भी समझाने का प्रयास किया कि पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना क्यों ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के हर कोने में भारत की जय-जयकार हो रही है और इसकी वजह है 30 साल बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार. ऐसी ही सरकार अगर सूबे में भी बनी तो विकास होना तय है.
प्रधानमंत्री के साथ मंच पर अच्छी तादाद में केंद्रीय मंत्री और सांसद, विधायक मौजूद थे. ऐसा ही जमावड़ा बनारस में भी है जहां कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी डेरा डाले हुए हैं.
दरअसल, बहुमत न मिलने का डर प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दोनों को सता रहा है और इसीलिए अब भाजपा अब बाकी के चरणों के लिए पूरी ताकत झोंकने में लगी हुई है. प्रधानमंत्री भी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि हंग असेंबली के बजाय स्पष्ट बहुमत के लिए मतदान करें.
भाजपा को सत्ता का सपना साकार करने के लिए इन चरणों में खासी बढ़त की ज़रूरत है और बाकी राजनीतिक दल उसे कड़ी चुनौती दे रहे हैं. इसी चिंता में अब मोदी का नया ब्रह्मास्त्र त्रिशंकु विधानसभा वाली बात बन गया है.
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