बिहार पेपर लीक मामले में एसआईटी ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के चेयरमैन सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी की टीम सुधीर कुमार से पूछताछ कर रही है.
एसआईटी की टीम इससे पहले भी बीएसएससी चेयरमैन सुधीर कुमार से कई घंटों तक पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ के दौरान सुधीर कुमार ने एसआईटी टीम को बताया था कि अभ्यर्थियों के लिए कई नेताओं और रसूखदार शख्सियतों की पैरवी अक्सर उनके पास पहुंचती रही है. फिलहाल एसआईटी टीम सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है.
बताते चलें कि एसआईटी ने इससे पहले एवीएन स्कूल के निदेशक व औरंगाबाद जिले के निवासी रामाशीष सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. एसआईटी का यह दावा है कि इसी सेंटर से आधा घंटा पहले बीएसएससी पेपर लीक हुआ था. सूत्रों के अनुसार, रामाशीष सिंह की गिरफ्तारी के बाद से औरंगाबाद जिले के एक विधायक का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा था.
दरअसल इस मामले में जिले के कई विधायक और नेताओं का नाम भी सामने आया था. कई सेंटरों पर प्रश्नों के उत्तर की पर्चियां भी पहुंचाई गई थी. कुछ अभ्यर्थी तो चिट के रूप में इसे लेकर परीक्षा में पहुंचे थे. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज एफआईआर की जांच में यह बात सामने आई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा कि बिहार में कानून का राज है. लोग बिहार को सिर्फ बदनाम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने टॉपर घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उस घोटाले में सभी दोषी जेल गए थे. अब बीएसएससी का पेपर लीक मामला सामने आया है. इसमें भी किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दूसरे चरण की परीक्षा से पहले ही उसके प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गए थे. इसे लेकर पुलिस विभाग और कर्मचारी चयन आयोग में हड़कंप मचा रहा. जिलाधिकारी और कर्मचारी आयोग की सारी दलीलों को धता बता परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पंजिका कई हजार रुपये में बिकते रहे.
पटना के 72 केंद्रों के अलावा बिहार के 742 केंद्रों पर बीएसएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी. कुछ प्रमुख राजनीतिक दल इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. हाल ही में गुस्साए आईसा और एबीवीपी छात्रों ने आयोग के दफ्तर में जमकर हंगामा किया था और आयोग के सचिव परमेश्वर राम और उनके पीए की जमकर पिटाई कर दी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट मीटिंग में इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया था.
एसआईटी की टीम इससे पहले भी बीएसएससी चेयरमैन सुधीर कुमार से कई घंटों तक पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ के दौरान सुधीर कुमार ने एसआईटी टीम को बताया था कि अभ्यर्थियों के लिए कई नेताओं और रसूखदार शख्सियतों की पैरवी अक्सर उनके पास पहुंचती रही है. फिलहाल एसआईटी टीम सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है.
बताते चलें कि एसआईटी ने इससे पहले एवीएन स्कूल के निदेशक व औरंगाबाद जिले के निवासी रामाशीष सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. एसआईटी का यह दावा है कि इसी सेंटर से आधा घंटा पहले बीएसएससी पेपर लीक हुआ था. सूत्रों के अनुसार, रामाशीष सिंह की गिरफ्तारी के बाद से औरंगाबाद जिले के एक विधायक का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा था.
दरअसल इस मामले में जिले के कई विधायक और नेताओं का नाम भी सामने आया था. कई सेंटरों पर प्रश्नों के उत्तर की पर्चियां भी पहुंचाई गई थी. कुछ अभ्यर्थी तो चिट के रूप में इसे लेकर परीक्षा में पहुंचे थे. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज एफआईआर की जांच में यह बात सामने आई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा कि बिहार में कानून का राज है. लोग बिहार को सिर्फ बदनाम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने टॉपर घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उस घोटाले में सभी दोषी जेल गए थे. अब बीएसएससी का पेपर लीक मामला सामने आया है. इसमें भी किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दूसरे चरण की परीक्षा से पहले ही उसके प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गए थे. इसे लेकर पुलिस विभाग और कर्मचारी चयन आयोग में हड़कंप मचा रहा. जिलाधिकारी और कर्मचारी आयोग की सारी दलीलों को धता बता परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पंजिका कई हजार रुपये में बिकते रहे.
पटना के 72 केंद्रों के अलावा बिहार के 742 केंद्रों पर बीएसएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी. कुछ प्रमुख राजनीतिक दल इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. हाल ही में गुस्साए आईसा और एबीवीपी छात्रों ने आयोग के दफ्तर में जमकर हंगामा किया था और आयोग के सचिव परमेश्वर राम और उनके पीए की जमकर पिटाई कर दी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट मीटिंग में इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया था.
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