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    Friday 24 February 2017

    एक बार फिर से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पुरानी करेंसी को मान्य करना चाहिए : आईएमएफ - Considering reintroducing old currency in rural areas : imf

    इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) ने भारत सरकार को मार्केट में करेंसी संकट से निपटने के लिए दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसे नई करेंसी की सप्लाई तेज करने के साथ-साथ ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में एक बार फिर से पुरानी करेंसी को मान्य करने की दिशा में सोचने की जरूरत है.

    आईएमएफ की तरफ से देश में जारी कैश के संकट के बारे में कहा गया है कि 8 नंवबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले ने मार्केट से कैश ठीक उसी तरह खींच लिया है जैसे कोई वैक्युम क्लीनर से सफाई करता है. आईएमएफ के एशिया-पैसिफिक मिशन में असिस्टेंट डायरेक्टर पॉल ए काशिन के मुताबिक वैक्युम क्लीनर से कैश खींच लेने के बाद नई करेंसी को संचालित करने के लिए क्लीनर को रिवर्स चलाया जा रहा है, जिसके कारण देश में खपत पर गंभीर असर पड़ा है.

    गौरतलब है कि आईएमएफ ने भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट में कैश की समस्या से निपटने के लिए कुछ और तरीके सुझाए हैं जिसमें करेंसी की निकासी पर लगे प्रतिबंध को हटाने समेत पुरानी करेंसी के टार्गेटेड इस्तेमाल का भी एक तरीका है. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठन आईएमएफ ने यह भी सलाह दी है कि नोटबंदी ने विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव डाला है लिहाजा सरकार को देश के बैंकों के एनपीए बढ़ने के खतरों के प्रति सजग रहने की जरूरत है. इसके साथ ही सरकार को अर्थव्यवस्था के उन सेक्टर को मदद देने की जरूरत है जिन्हें नोटबंदी के बाद नुकसान उठाना पड़ा है.

    आईएमएफ के मुताबिक नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव 2017 की पहली तिमाही के दौरान जारी रह सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को आईएमएफ ने विकास दर को 6.6 फीसदी आंका था और वित्त वर्ष 2017-18 के बाद विकास दर 7.2 फीसदी होने की संभावना जताई थी.
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