नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में भले ही रिश्तों की बर्फ इतनी आसानी से ना पिघले, लेकिन सद्भभावना भरे कदम कशीदगी तो कम करते ही हैं. ऐसा ही एक कदम उठाते हुए पाकिस्तान ने शनिवार को दो भारतीय नागरिक स्वदेश भेजे. बदले में भारत भी उरी हमले के बाद गिरफ्तार दो संदिग्ध गाइड्स को जल्द रिहा कर सकता है.
शनिवार को एलओसी के चकोथी-उरी क्रॉसिंग प्वाइंट पर बिलाल अहमद (23) और अरफाज यूसुफ (24) ने करीब 2 साल बाद अपनी सरजमीं पर कदम रखा. अहमद कश्मीर के गुरेज गांव का रहने वाला है जबकि यूसुफ का घर कुपवाड़ा में है. यूसुफ ने साल 2014 और अहमद ने 2015 में गलती से नियंत्रण रेखा पार की थी. इसके बाद से दोनों पाकिस्तान में फंसे हुए थे. लेकिन सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें कपड़े, स्वेटर, बैग, जूते और मिठाइयां देकर विदा किया.
दूसरी ओर, एनआईए ने पाक अधिकृत कश्मीर के 2 संदिग्धों से जुड़े केस में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. फैसल हुसैन और ऐहसान खुर्शीद पर उरी हमले में शामिल आतंकियों को गाइड करने का आरोप था. लेकिन जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं. दोनों को 21 सितंबर को एलओसी के पास पकड़ा गया था और अब उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अगर अदालत क्लोजर रिपोर्ट को मान लेती है तो दोनों घर वापस लौट सकेंगे.
सबूत नहीं मिलने की वजह से एजेंसी ने दोनों के खिलाफ जांच रिपोर्ट बंद करने का फैसला लिया है. दोनों के खिलाफ भारतीय सेना को दिए गए बयान के अलावा कोई और पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया. फैजल और अहसान, दोनों ही अब क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद वापस पाकिस्तान जा सकेंगे.
शनिवार को एलओसी के चकोथी-उरी क्रॉसिंग प्वाइंट पर बिलाल अहमद (23) और अरफाज यूसुफ (24) ने करीब 2 साल बाद अपनी सरजमीं पर कदम रखा. अहमद कश्मीर के गुरेज गांव का रहने वाला है जबकि यूसुफ का घर कुपवाड़ा में है. यूसुफ ने साल 2014 और अहमद ने 2015 में गलती से नियंत्रण रेखा पार की थी. इसके बाद से दोनों पाकिस्तान में फंसे हुए थे. लेकिन सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें कपड़े, स्वेटर, बैग, जूते और मिठाइयां देकर विदा किया.
दूसरी ओर, एनआईए ने पाक अधिकृत कश्मीर के 2 संदिग्धों से जुड़े केस में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. फैसल हुसैन और ऐहसान खुर्शीद पर उरी हमले में शामिल आतंकियों को गाइड करने का आरोप था. लेकिन जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं. दोनों को 21 सितंबर को एलओसी के पास पकड़ा गया था और अब उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अगर अदालत क्लोजर रिपोर्ट को मान लेती है तो दोनों घर वापस लौट सकेंगे.
सबूत नहीं मिलने की वजह से एजेंसी ने दोनों के खिलाफ जांच रिपोर्ट बंद करने का फैसला लिया है. दोनों के खिलाफ भारतीय सेना को दिए गए बयान के अलावा कोई और पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया. फैजल और अहसान, दोनों ही अब क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद वापस पाकिस्तान जा सकेंगे.
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