नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट छुपा रुस्तम बॉलर के रूप में उभरे हैं. अपनी इस सफलता पर बात करते हुए उनादकट का कहना है कि आईपीएल के पिछले कई सीजन में वो इसलिए सफल नहीं हो सके क्योंकि उन्हें कप्तानों से पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा था. जयदेव ने साफ कहा कि अब तक उन्हें एक-दो मैच के खराब प्रदर्शन के बाद ही टीम से ड्रॉप कर दिया जाता था. इसके कारण उन्हें प्रतिभा दिखाने का पर्याप्त मौका ही नहीं मिल सका. लेकिन इस बार स्टीव स्मिथ ने उनपर भरोसा दिखाया और यही भरोसा अच्छे प्रदर्शन के रूप में सामने आया. मिड डे से बात करते हुए जयदेव ने कहा, 'मुझे अब तक कप्तानों से पूरा समर्थन नहीं मिला. लेकिन इस बार मैंने सोच लिया था कि मुझे जो भी मौका मिलेगा, उसे पूरी तरह भुनाना है.'
उनादकट पिछले सीजन में पुणे टीम आए थे, तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे. इससे पहले वे कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे। इन दोनों टीमों के कप्तान गौतम गंभीर और विराट कोहली हैं. आईपीएल के इस सीजन में पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ हैं. स्मिथ ने उनादकट को लगातार मौके दिए तो उन्होंने भी विकेट लेकर उनके भरोसे को कायम रखा है.
उनादकट के पास लीग का अंत सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के तौर पर करने का मौका है. इस समय आईपीएल के इस संस्करण में सबसे ज्यादा विकेट सनराइजर्स हैदराबाद के भुवनेश्वर कुमार के नाम हैं. वह 14 मैचों में 26 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने पास रखे हुए हैं. वहीं उनादकट सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर हैं. उन्होंने अभी तक 11 मैचों में 22 विकेट लिए हैं.
मुंबई इंडियंस और पुणे की टीमें रविवार को खिताबी भिड़ंत करेंगी. ऐसे में उनादकट के पास भुवनेश्वर को पछाड़ने का मौका होगा. अगर वह चार विकेट लेते हैं तो भुवनेश्वर की बराबरी पर आ जाएंगे जबिक पांच विकेट उन्हें भुवनेश्वर से आगे ले जाएंगे. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस आईपीएल से पहले उनादकट की गेंदबाज के तौर पर खास पहचान नहीं रही है. अगर वे पर्पल कैप के हकदार होते हैं तो उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने की दावेदारी मजबूत होगी.
हैदराबाद की टीम इलिमिनेटर मैच हार कर खिताबी दौड़ से पहले ही बाहर हो गई है. वहीं फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम मुंबई के दो गेंदबाज सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे और चौथे स्थान पर हैं. मिशेल मैक्लेघन 14 मैचों में 19 विकेट लेकर तीसरे और जसप्रीत बुमराह 15 मैचों में 18 विकेट लेकर तीसरे स्थान पर हैं.
मालूम हो कि सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर के पास ही ऑरैंज कैप रहने के आसार हैं. वार्नर ने इस आईपीएल में 14 मैचों में 58.27 की औसत से 641 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं. फाइनल में पहुंची पुणे और मुंबई टीमों का कोई भी बल्लेबाज वार्नर के स्कोर के करीब नहीं है. लीग के इस संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में पुणे के कप्तान स्टीवन स्मिथ पांचवें स्थान पर हैं. स्मिथ के अभी तक 14 मैचों में 38.27 की औसत से 421 रन हैं. उन्हें अगर वार्नर की बराबरी भी करनी है तो फाइनल में 220 रन बनाने होंगे, जो टी-20 के लिहाज से नामुमकिन लगता है.
उनादकट पिछले सीजन में पुणे टीम आए थे, तब टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे. इससे पहले वे कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे। इन दोनों टीमों के कप्तान गौतम गंभीर और विराट कोहली हैं. आईपीएल के इस सीजन में पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ हैं. स्मिथ ने उनादकट को लगातार मौके दिए तो उन्होंने भी विकेट लेकर उनके भरोसे को कायम रखा है.
उनादकट के पास लीग का अंत सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के तौर पर करने का मौका है. इस समय आईपीएल के इस संस्करण में सबसे ज्यादा विकेट सनराइजर्स हैदराबाद के भुवनेश्वर कुमार के नाम हैं. वह 14 मैचों में 26 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने पास रखे हुए हैं. वहीं उनादकट सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर हैं. उन्होंने अभी तक 11 मैचों में 22 विकेट लिए हैं.
मुंबई इंडियंस और पुणे की टीमें रविवार को खिताबी भिड़ंत करेंगी. ऐसे में उनादकट के पास भुवनेश्वर को पछाड़ने का मौका होगा. अगर वह चार विकेट लेते हैं तो भुवनेश्वर की बराबरी पर आ जाएंगे जबिक पांच विकेट उन्हें भुवनेश्वर से आगे ले जाएंगे. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस आईपीएल से पहले उनादकट की गेंदबाज के तौर पर खास पहचान नहीं रही है. अगर वे पर्पल कैप के हकदार होते हैं तो उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने की दावेदारी मजबूत होगी.
हैदराबाद की टीम इलिमिनेटर मैच हार कर खिताबी दौड़ से पहले ही बाहर हो गई है. वहीं फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम मुंबई के दो गेंदबाज सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे और चौथे स्थान पर हैं. मिशेल मैक्लेघन 14 मैचों में 19 विकेट लेकर तीसरे और जसप्रीत बुमराह 15 मैचों में 18 विकेट लेकर तीसरे स्थान पर हैं.
मालूम हो कि सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर के पास ही ऑरैंज कैप रहने के आसार हैं. वार्नर ने इस आईपीएल में 14 मैचों में 58.27 की औसत से 641 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं. फाइनल में पहुंची पुणे और मुंबई टीमों का कोई भी बल्लेबाज वार्नर के स्कोर के करीब नहीं है. लीग के इस संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में पुणे के कप्तान स्टीवन स्मिथ पांचवें स्थान पर हैं. स्मिथ के अभी तक 14 मैचों में 38.27 की औसत से 421 रन हैं. उन्हें अगर वार्नर की बराबरी भी करनी है तो फाइनल में 220 रन बनाने होंगे, जो टी-20 के लिहाज से नामुमकिन लगता है.
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