नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ( reliance jio) ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रतिद्वंद्वी एयरटेल द्वारा तिकोना के प्रस्तावित अधिग्रहण सौदे से सरकार को 217 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
जियो ने कहा कि यदि इंटरनेट सेवा प्रदाता के पास मौजूद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल वॉयस कॉल करने के लिए किया जाएगा, तो इससे सरकार को घाटा होगा.
जियो ने दूरसंचार विभाग से मांग की है कि वह तब तक इस अधिग्रहण सौदे को मंजूरी न दे जब तक कि एयरटेल ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को आईएसपी लाइसेंस से यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए भुगतान नहीं कर देती है. इसके बाद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है.
तीन पृष्ठ के पत्र में जियो ने इसके साथ ही कहा है कि उसे 1,658 करोड़ रपये का वह शुल्क लौटाया जाए जो उसने 2013 में अपने ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए किया था.
जियो ने कहा कि यदि इंटरनेट सेवा प्रदाता के पास मौजूद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल वॉयस कॉल करने के लिए किया जाएगा, तो इससे सरकार को घाटा होगा.
जियो ने दूरसंचार विभाग से मांग की है कि वह तब तक इस अधिग्रहण सौदे को मंजूरी न दे जब तक कि एयरटेल ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को आईएसपी लाइसेंस से यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए भुगतान नहीं कर देती है. इसके बाद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है.
तीन पृष्ठ के पत्र में जियो ने इसके साथ ही कहा है कि उसे 1,658 करोड़ रपये का वह शुल्क लौटाया जाए जो उसने 2013 में अपने ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए किया था.
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