नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी को दिल्ली सरकार से मिला दफ़्तर छिन गया है. उप राज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश जारी कर इस ऑफिस का आवंटन रद्द कर दिया है. दरअसल, शुंगलू समिति की रिपोर्ट में इस दफ़्तर आवंटन पर सवाल उठाए गए थे और कहा गया था कि क्योंकि ज़मीन दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र नहीं, इसलिए वो किसी राजनीतिक दल को दफ़्तर/ज़मीन देने के लिए नीति नही बना सकती.
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'जिस पार्टी के विधानसभा में केवल तीन विधायक हैं उसके पास दफ़्तर है, जिस पार्टी का विधानसभा में एक भी विधायक नहीं, उसका दफ़्तर भी हमारे सामने है और जिस पार्टी की सरकार दिल्ली में उसका कोई दफ़्तर नही होगा! दिल्ली की जनता ये सब 'डर्टी ट्रिक्स' देख रही हैं... चुनाव में इसका जवाब देगी'.
उल्लेखनीय है कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर देने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई वह अवैध है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली में आईटीओ के पास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 206, राउज़ एवेन्यू 'आप' को दफ्तर के लिए आवंटित किया है. शुंगलू समिति ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसके लिए पॉलिटिकल पार्टियों को दफ्तर के लिए जमीन देने की बाकायदा नई पॉलिसी बनाई, जिसमें ये भी कहा गया कि जमीन पाने योग्य पार्टियों को 5 साल तक कोई इमारत या बंगला दिया जा सकता है, क्योंकि इतने समय में वह अपनी आवंटित ज़मीन पर दफ़्तर बना सकते हैं.
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है 'लैंड दिल्ली सरकार का अधिकार क्षेत्र नहीं इसलिए आदेश रद्द होना चाहिए. यह साफ है कि पॉलिटिकल पार्टी को जमीन देने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि आम आदमी पार्टी को सरकारी आवास मिल सके.'
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'जिस पार्टी के विधानसभा में केवल तीन विधायक हैं उसके पास दफ़्तर है, जिस पार्टी का विधानसभा में एक भी विधायक नहीं, उसका दफ़्तर भी हमारे सामने है और जिस पार्टी की सरकार दिल्ली में उसका कोई दफ़्तर नही होगा! दिल्ली की जनता ये सब 'डर्टी ट्रिक्स' देख रही हैं... चुनाव में इसका जवाब देगी'.
उल्लेखनीय है कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर देने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई वह अवैध है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली में आईटीओ के पास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 206, राउज़ एवेन्यू 'आप' को दफ्तर के लिए आवंटित किया है. शुंगलू समिति ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसके लिए पॉलिटिकल पार्टियों को दफ्तर के लिए जमीन देने की बाकायदा नई पॉलिसी बनाई, जिसमें ये भी कहा गया कि जमीन पाने योग्य पार्टियों को 5 साल तक कोई इमारत या बंगला दिया जा सकता है, क्योंकि इतने समय में वह अपनी आवंटित ज़मीन पर दफ़्तर बना सकते हैं.
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है 'लैंड दिल्ली सरकार का अधिकार क्षेत्र नहीं इसलिए आदेश रद्द होना चाहिए. यह साफ है कि पॉलिटिकल पार्टी को जमीन देने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि आम आदमी पार्टी को सरकारी आवास मिल सके.'
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