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    Monday 15 May 2017

    आईसीजे में कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने अपनी मांगें रखी - india pleads its case in icj over death sentence to kulbhushan jadhav by pakistan

    भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मुद्दे को लेकर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय पंचाट (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय या इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस या आईसीजे) में सोमवार को सुनवाई में भारत ने अपना पक्शुष रख दिया है. इस संबंध में भारत ने अपनी मांगें साफ कर दी हैं.  भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं. पाकिस्तान को अब अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है. गौरतलब है कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. मामले की सुनवाई नीदरलैंड (हॉलैंड) के शहर हेग में स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में हो रही है. इससे पहले दोनों देश लगभग 18 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की इस शीर्ष अदालत में आमने-सामने आए थे, जब पाकिस्तान ने उसके नौसैनिक विमान को मार गिराए जाने के मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था. पढ़िए, सुनवाई की खास बातें...
    भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व डॉ दीपक मित्तल कर रहे हैं. भारत की ओर जाने माने वकील हरीश साल्वे ने ्पक्ष रखा है. भारत ने पाकिस्तान पर विएना समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया.




    • पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है. कुलभूषण जाधव को बिना राजनयिक मुलाकात का मौका दिए गिरफ्तार कर रखा गया, और अब उन पर फांसी की तलवार लटक रही है.
    • पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाया जाना अनुच्छेद 36 के तहत अधिकारों के उल्लंघन है.
    • भारत द्वारा अनुरोध किए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने कोई सबूत या दस्तावेज़ भारत को नहीं दिया.
    • भारत ने अंतरराष्ट्रीय पंचाट से कहा है कि पाकिस्तान सभी आवश्यक कदम उठाए, ताकि कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दिया जाना सुनिश्चित हो सके.
    • अनुच्छेद 74 के अनुसार, प्रावधानिक कदम उठाए जाने का अनुरोध सभी अन्य अनुरोधों की तुलना में प्राथमिकता पाएगा.
    • भारत ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है, इसलिए कोर्ट से शॉर्ट नोटिस में संपर्क किया गया है.
    • कुलभूषण को पाकिस्तान में कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया. पाकिस्तान ने भारत को इसकी सूचना नहीं दी.
    • भारत की ओर से कहा गया कि आईएसपीआर (पाकिस्तानी सेना का मीडिया) के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव के पास दूतावास की पहुंच का अधिकार नहीं है. भारत इस बारे में यह कहना चाहता है -
    • तीन ऐसे मौके रहे हैं -
    • कॉस्टा रिका बनाम निकारागुआ केस में, बेल्जियम और सेनेगल के केस में जो संभव था उसका प्रयास किया गया था.
    • पैरागुए बनाम अमेरिका के मामले में कोर्ट ने यह फैसला किया था कि अमेरिकी सरकार पैरागुए के नागरिक को दूतावास की पहुंच उपलब्ध कराए.
    • जर्मनी बनाम अमेरिका के केस में भी कोर्ट ने यह कहा था कि जर्मनी के नागरिक को मौत की सजा न्याय के लिए क्षति होगी.
    • कुलभूषण के मामले में कई कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं. उसे तब तक फांसी नहीं दी जा सकती जब इस कोर्ट में केस चल रहा है.  अगर ऐसा हुआ तो यह वीएना कंवेनशन का उल्लंघन होगा.
    • पाकिस्तान अभी तक आश्वासन नहीं दे पाया है कि कुलभूषण को केस चलने तक फांसी नहीं दी जाएगी.
    • भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके पास कुलभूषण जाधव के जासूसी करने के कई सबूत हैं. लेकिन भारत के लगातार आग्रहों को उसने खारिज कर दिया और एक भी सबूत इस मामले में नहीं दिखाया.
    • भारत ने साफ कहा कि जाधव पर लगे जासूसी के आरोपों से भारत इनकार करता है.
    • भारत का कहना है कि जाधव का अपहरण ईरान से किया गया और सेना के कब्जे में रहते हुए उनसे कबूलनामा लिया गया.
    • पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ आधारहीन, सुविचारित और प्रोपेगैंडा के तहत आरोप लगाए.
    • पाकिस्तान के आरोपों में सत्यता का अभाव है. जब से पाकिस्तान ने उसको अपनी जमीं पर पकड़े जाने का दावा किया है तब से भारत को उस तक पहुंच के अधिकार से वंचित रखा गया है.
    • भारत ने वीएना कनवेंशन के अनुच्छेद 1 के तहत केस दर्ज किया है. कोर्ट ने हमेशा ही दूतावास की पहुंच उपलब्ध कराई जब भी ऐसे मामलों में मिलिट्री कोर्ट में केस चला है.  भारत यह फिर कहता है कि भारत को यह पहुंच अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. 
    • भारत को अभी तक कुलभूषण पर लगे आरोपों की कॉपी नहीं दी गई है. इस वजह से भारत उस पर लगे आरोपों पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं कर पाया है. हम कुलभूषण जाधव के मामले में कानूनी रूप से अपना पक्ष रखना चाहते हैं.
    • भारत ने कहा कि वह इस मामले में वीएना कनवेंशन के आधार पर अपनी बातें रखी हैं. हम केवल यह कहना चाहते हैं कि इस प्रकार की किसी भी गिरफ्तारी के लिए संबंधित देश को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए.
    • यह मामला प्रथम दृष्टया विएना कंवेनशन का उल्लंघन है. जाधव के पाकिस्तान में होने की परिस्थिति के बारे में कुछ बातें अभी तक साफ नहीं हैं.
    • भारत ने पाकिस्तान कई आवेदन देकर यह मांग की कि कुलभूषण जाधव तक पहुंच उपलब्ध कराई जाए
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