राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष की ओर से दमदार प्रत्याशी खड़ा करने की दिशा में कांग्रेस ने कोशिशें तेज कर दी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फोन पर ममता, मुलायम और लालू यादव से की बात की है. इस सिलसिले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की.
जल्दी ही सोनिया मायावती और ममता से मुलाकात भी करेंगी. दूसरी तरफ, राहुल गांधी ने अखिलेश यादव और शरद पवार से फोन पर बात की. जल्दी ही ममता बनर्जी भी राहुल से मिलेंगी. सोनिया और राहुल डीएमके नेता के स्टालिन से भी मिलेंगे. सूत्रों के अनुसार ये सभी बातें, मुलाकातें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सयुंक्त उम्मीदवारी पर चर्चा के लिए हो रही हैं और जरूरत पड़ी तो सबकी एक साथ मीटिंग भी की जाएगी. गैर राजनीतिक व्यक्तियों के नाम पर भी विचार जारी है.
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता बाद में गैर बीजेपी सभी दलों से बात भी कर सकते हैं. बाद में आप और बीजद से भी चर्चा की संभावना है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस एक विचारधारा और एक ही व्यक्ति का फैसला थोपने के खिलाफ सबको साथ लाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मोरार जी देसाई और वाजपेयी से अलग हैं मोदी, वो विपक्ष मुक्त भारत चाहते हैं. मोदी से उम्मीद नहीं कि वह आम सहमति बनाने की कोशिश भी करेंगे, इसलिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार उतारेगा विपक्ष.
राष्ट्रपति चुनाव का क्या है समीकरण?
लोकसभा और राज्यसभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं. जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट. इस तरह कुल वोट 10 लाख 93 हजार 654 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए.
विपक्ष की नजर कहां है?
लोकसभा में अभी एनडीए के पास 339 सांसद हैं और राज्यसभा में 74 सांसद हैं. चूंकि मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देते इसलिए लोकसभा के 337 सांसद और राज्यसभा के 70 सांसद वोट देंगे. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है इस हिसाब से लोकसभा में एनडीए के 2 लाख 38 हजार 596 वोट हैं और राज्यसभा में एनडीए के 49 हजार 560 वोट हैं. यानी एनडीए के सांसदों के 2 लाख 88 हजार 156 वोट हुए. इसके अलावा विधानसभा से वोट पड़ेंगे. जाहिर है मोदी सरकार को इतना समर्थन जुटाना होगा. विपक्ष यहीं चोट करना चाहता है.
जल्दी ही सोनिया मायावती और ममता से मुलाकात भी करेंगी. दूसरी तरफ, राहुल गांधी ने अखिलेश यादव और शरद पवार से फोन पर बात की. जल्दी ही ममता बनर्जी भी राहुल से मिलेंगी. सोनिया और राहुल डीएमके नेता के स्टालिन से भी मिलेंगे. सूत्रों के अनुसार ये सभी बातें, मुलाकातें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सयुंक्त उम्मीदवारी पर चर्चा के लिए हो रही हैं और जरूरत पड़ी तो सबकी एक साथ मीटिंग भी की जाएगी. गैर राजनीतिक व्यक्तियों के नाम पर भी विचार जारी है.
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता बाद में गैर बीजेपी सभी दलों से बात भी कर सकते हैं. बाद में आप और बीजद से भी चर्चा की संभावना है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस एक विचारधारा और एक ही व्यक्ति का फैसला थोपने के खिलाफ सबको साथ लाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मोरार जी देसाई और वाजपेयी से अलग हैं मोदी, वो विपक्ष मुक्त भारत चाहते हैं. मोदी से उम्मीद नहीं कि वह आम सहमति बनाने की कोशिश भी करेंगे, इसलिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार उतारेगा विपक्ष.
राष्ट्रपति चुनाव का क्या है समीकरण?
लोकसभा और राज्यसभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं. जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट. इस तरह कुल वोट 10 लाख 93 हजार 654 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए.
विपक्ष की नजर कहां है?
लोकसभा में अभी एनडीए के पास 339 सांसद हैं और राज्यसभा में 74 सांसद हैं. चूंकि मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देते इसलिए लोकसभा के 337 सांसद और राज्यसभा के 70 सांसद वोट देंगे. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है इस हिसाब से लोकसभा में एनडीए के 2 लाख 38 हजार 596 वोट हैं और राज्यसभा में एनडीए के 49 हजार 560 वोट हैं. यानी एनडीए के सांसदों के 2 लाख 88 हजार 156 वोट हुए. इसके अलावा विधानसभा से वोट पड़ेंगे. जाहिर है मोदी सरकार को इतना समर्थन जुटाना होगा. विपक्ष यहीं चोट करना चाहता है.
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