केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई. यह योजना निश्चित तौर पर बच्ची के भविष्य के लिए लाभकारी तो है ही, साथ ही आपके कथित बोझ और चिंता को भी कम करेगी. शादी के समय भी आप इसमें से रकम निकाल सकेंगे. अगर आपकी बेटी 10 साल से कम की है तो अभी पोस्ट ऑफिस और कुछ अन्य ऑथराइज्ड बैंकों जैसे एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक में जाकर इसे खुलवा लीजिए. जब बच्ची 21 साल की हो जाएगी, तब यह खाता मच्योर होगा. खास बात यह है कि इसमें जमा धन पर 80 सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. यानी इसमें जमा डेढ़ लाख रुपए तक की राशि पर आपको टैक्स छूट मिलेगी.
अगर आपकी दो बेटी हैं तो दोनों के लिए यह खाता खोल सकते हैं लेकिन दो से अधिक बेटियों के लिए नहीं खोल पाएंगे. कानूनी तौर पर बच्ची के अभिभावक या माता पिता ही खाता खुलवा सकते हैं. स्कीम के अनाउंसमेंट के समय इस बाबत ग्रेस पीरियड दिया गया. यदि बच्ची 2.12.2003 से 1.12.2004 के बीच पैदा हुई है तो 1.12.2015 तक खाता खुलवाया जा सकता था.
इसमें जमा किए गए धन पर आपको 8.5% सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. किसी एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक हजार रुपए जमा करवाना जरूरी है और अधिक से अधिक 1,50,000 रुपए आप जमा करवा सकते हैं. आप यह एक ही बार में भी जमा करवा सकते हैं और साल भर किस्तों के हिसाब से भी. हां एक बात का ध्यान रखें किसी कारणवश, यदि आप किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 हजार रुपए तक जमा नहीं करवा पाते हैं तो खाता बंद हो जाएगा और इसे फिर से चालू करने के लिए आपको प्रति साल के हिसाब से 50 रुपए की पेनल्टी देनी होगी. साथ ही अकाउंट में मिनिमम अमाउंट भी सुनिश्चित करना होगा.
यह नियम था कि यदि आप बच्ची के 21 साल का होने से पूर्व धन निकालना चाहते हैं तो 50 फीसदी धन निकाल सकते हैं लेकिन यह आप उसी स्थिति में कर पाएंगे जब बच्ची की शादी हो रही हो और वह 18 साल की हो. लेकिन नए नियम के मुताबिक, अब आप बेटी की शादी पर 100 फीसदी रकम निकाल सकते हैं. एक बात और, जब खाता मच्योर हो जाएगा यानी बेटी 21 साल की हो जाएगी, उसके बाद इस पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा.
केंद्र की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत इस स्कीम को लॉन्च किया था. वैसे पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) की तरह ही इसमें भी सालाना धन जमा की सीमा डेढ़ लाख रुपए है. साल 2016 में अपडेट की गई इस योजना में कुछ नए फीचर भी जोड़े गए. जैसे कि आप बच्ची के इस खाते में ऑनलाइन पैसा जमा करवा सकते हैं और यह गोद ली गई बेटी के लिए भी खोला जा सकता है. यदि आपके पास से पासबुक खो गई है तो नई पासबुक 50 रुपए देकर ले सकते हैं. एक बच्ची के लिए एक ही अकाउंट खोल सकते हैं. जब खाता खुलवाने जाएं तब बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र तो लेकर जाए हीं, अपना आईडी प्रूफ और अपना अड्रेस प्रूफ भी लेकर जाएं.
अगर आपकी दो बेटी हैं तो दोनों के लिए यह खाता खोल सकते हैं लेकिन दो से अधिक बेटियों के लिए नहीं खोल पाएंगे. कानूनी तौर पर बच्ची के अभिभावक या माता पिता ही खाता खुलवा सकते हैं. स्कीम के अनाउंसमेंट के समय इस बाबत ग्रेस पीरियड दिया गया. यदि बच्ची 2.12.2003 से 1.12.2004 के बीच पैदा हुई है तो 1.12.2015 तक खाता खुलवाया जा सकता था.
इसमें जमा किए गए धन पर आपको 8.5% सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. किसी एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक हजार रुपए जमा करवाना जरूरी है और अधिक से अधिक 1,50,000 रुपए आप जमा करवा सकते हैं. आप यह एक ही बार में भी जमा करवा सकते हैं और साल भर किस्तों के हिसाब से भी. हां एक बात का ध्यान रखें किसी कारणवश, यदि आप किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 हजार रुपए तक जमा नहीं करवा पाते हैं तो खाता बंद हो जाएगा और इसे फिर से चालू करने के लिए आपको प्रति साल के हिसाब से 50 रुपए की पेनल्टी देनी होगी. साथ ही अकाउंट में मिनिमम अमाउंट भी सुनिश्चित करना होगा.
यह नियम था कि यदि आप बच्ची के 21 साल का होने से पूर्व धन निकालना चाहते हैं तो 50 फीसदी धन निकाल सकते हैं लेकिन यह आप उसी स्थिति में कर पाएंगे जब बच्ची की शादी हो रही हो और वह 18 साल की हो. लेकिन नए नियम के मुताबिक, अब आप बेटी की शादी पर 100 फीसदी रकम निकाल सकते हैं. एक बात और, जब खाता मच्योर हो जाएगा यानी बेटी 21 साल की हो जाएगी, उसके बाद इस पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा.
केंद्र की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत इस स्कीम को लॉन्च किया था. वैसे पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) की तरह ही इसमें भी सालाना धन जमा की सीमा डेढ़ लाख रुपए है. साल 2016 में अपडेट की गई इस योजना में कुछ नए फीचर भी जोड़े गए. जैसे कि आप बच्ची के इस खाते में ऑनलाइन पैसा जमा करवा सकते हैं और यह गोद ली गई बेटी के लिए भी खोला जा सकता है. यदि आपके पास से पासबुक खो गई है तो नई पासबुक 50 रुपए देकर ले सकते हैं. एक बच्ची के लिए एक ही अकाउंट खोल सकते हैं. जब खाता खुलवाने जाएं तब बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र तो लेकर जाए हीं, अपना आईडी प्रूफ और अपना अड्रेस प्रूफ भी लेकर जाएं.
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