नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले ही विस्फोटक क्रिकेटर यूसुफ पठान को BCCI ने हांगकांग टी-20 लीग में खेलने की अनुमति देते हुए उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया था. ऐसे में लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे विस्फोटक बल्लेबाज यूसुफ पठान ऐसे पहले भारतीय क्रिकेटर बनने जा रहे थे, जो किसी विदेशी टी-20 लीग के लिए खेलता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. खबर है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अपना रुख बदलते हुए यूसुफ पठान को दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र वापस ले लिया है. ऐसे में न केवल यूसुफ पठान बल्कि उन अन्य भारतीय क्रिकेटरों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है, जो विदेशी लीग में खेलने का सपना देख रहे थे. बोर्ड ने कहा है कि वह अपनी इस नीति पर कायम है कि भारतीय क्रिकेटरों को आईपीएल के अलावा किसी अन्य लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वास्तव में इसके पीछे कुछ खास 'डर' हैं, जो बोर्ड को सता रहा है और इसका आभास होते ही उसने पठान को दी गई मंजूरी वापस ले ली.
माना जा रहा है कि BCCI ने यह कदम कई खास वजहों से उठाया है. बोर्ड का मानना है कि यूसुफ पठान को अनुमति देने से अन्य खिलाड़ी भी इसकी मांग करेंगे. जैसे कि दिनेश कार्तिक ने कैरीबियन प्रीमियर लीग (CPL) में खेलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन बोर्ड ने उन्हें नकार दिया था. भारतीय क्रिकेटर ब्रांड वैल्यू रखते हैं और उनके जाने से भारत के फैन्स आकर्षित होंगे. मतलब आईपीएल के सामने प्रतिस्पर्धा खड़ी हो जाएगी.
भारतीय क्रिकेटरों के जाने से बोर्ड के प्रायोजक भी उसमें रुचि दिखाएंगे.
बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'भारतीय खिलाड़ी एक ब्रांड की तरह हैं. किसी अन्य लीग में उनके खेलने से भारतीय दर्शक आकर्षित होंगे और हमारे प्रायोजक भी वहां निवेश करना चाहेंगे. इन्हीं सब कारणों से हम किसी भी भारतीय खिलाड़ी को बाहरी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देंगे.'
गौरतलब है कि यूसुफ पठान लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं और वह वर्तमान में बीसीसीआई से अनुबंधित नहीं हैं. पठान उस टीम का हिस्सा रहे हैं जिसने 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता था. यूसुफ ने बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन को शुक्रिया भी कहा था.
माना जा रहा है कि BCCI ने यह कदम कई खास वजहों से उठाया है. बोर्ड का मानना है कि यूसुफ पठान को अनुमति देने से अन्य खिलाड़ी भी इसकी मांग करेंगे. जैसे कि दिनेश कार्तिक ने कैरीबियन प्रीमियर लीग (CPL) में खेलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन बोर्ड ने उन्हें नकार दिया था. भारतीय क्रिकेटर ब्रांड वैल्यू रखते हैं और उनके जाने से भारत के फैन्स आकर्षित होंगे. मतलब आईपीएल के सामने प्रतिस्पर्धा खड़ी हो जाएगी.
भारतीय क्रिकेटरों के जाने से बोर्ड के प्रायोजक भी उसमें रुचि दिखाएंगे.
बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'भारतीय खिलाड़ी एक ब्रांड की तरह हैं. किसी अन्य लीग में उनके खेलने से भारतीय दर्शक आकर्षित होंगे और हमारे प्रायोजक भी वहां निवेश करना चाहेंगे. इन्हीं सब कारणों से हम किसी भी भारतीय खिलाड़ी को बाहरी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देंगे.'
गौरतलब है कि यूसुफ पठान लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं और वह वर्तमान में बीसीसीआई से अनुबंधित नहीं हैं. पठान उस टीम का हिस्सा रहे हैं जिसने 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता था. यूसुफ ने बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन को शुक्रिया भी कहा था.
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