चेन्नई: भारत के इसरो ने आज मेगा मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड बना लिया है. PSLV के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट का सफल लॉन्च किया गया है. वैसे अभी तक यह रिकार्ड रूस के नाम है, जो 2014 में 37 सैटेलाइट एक साथ भेजने में कामयाब रहा है. इस लॉन्च में जो 101 छोटे सैटेलाइट्स हैं उनका वजन 664 किलो ग्राम था. इन्हें कुछ वैसे ही अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया जैसे स्कूल बस बच्चों को क्रम से अलग-अलग ठिकानों पर छोड़ती जाती हैं.
सैटेलाइट एक दूसरे से टकराए नहीं, इसकी महारथ इसरो ने अपने पिछले प्रक्षेपणों के दौरान हासिल कर ली थी. 27 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार महज 600 सेकेंड के भीतर सभी 101 सैटेलाइट लॉन्च किए गए.
भारत ने इससे पहले जून 2015 में एक बार में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था. यह उसका दूसरा सफल प्रयास है.पीएसएलवी पहले 714 किलोग्राम वजनी काटरेसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह का पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपण किया और उसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट करवाया जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है. इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का इस्तेमाल किया है, जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका इस्तेमाल महत्वाकांक्षी चंद्रयान में और मंगल मिशन में किया जा चुका है.
सैटेलाइट एक दूसरे से टकराए नहीं, इसकी महारथ इसरो ने अपने पिछले प्रक्षेपणों के दौरान हासिल कर ली थी. 27 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार महज 600 सेकेंड के भीतर सभी 101 सैटेलाइट लॉन्च किए गए.
भारत ने इससे पहले जून 2015 में एक बार में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था. यह उसका दूसरा सफल प्रयास है.पीएसएलवी पहले 714 किलोग्राम वजनी काटरेसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह का पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपण किया और उसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट करवाया जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है. इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का इस्तेमाल किया है, जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका इस्तेमाल महत्वाकांक्षी चंद्रयान में और मंगल मिशन में किया जा चुका है.
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