नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सैन्य कार्यवाई के दौरान बाधा पहुंचाने वाले स्थानीय लोगों को लेकर सेना ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने हिदायत दी है सैन्य ऑपरेशन के दौरान जवानों पर पथराव करने वाले लोगों को आतंकवादियों का सहयोगी माना जाएगा और उनसे सख्ती से निबटा जाएगा. जनरल रावत ने कहा है कि जो लोग ISIS और पाकिस्तान के झंडे दिखाकर आतंकवाद की मदद करना चाहते हैं उनको देश विरोधी माना जाएगा और बख्शा नहीं जाएगा.
सेना प्रमुख ने कहा, 'हम स्थानीय आबादी से आग्रह करेंगे कि जिन लोगों ने हथियार उठाए हैं, वे स्थानीय लड़के हैं और अगर वे आईएसआईएस तथा पाकिस्तान के झंडे लहराकर आतंकवादी कृत्य करना चाहते हैं तो हम उनको राष्ट्रविरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
सेना प्रमुख ने कहा कि मैं चेतावनी नहीं, समझाने के लिए अपनी तरफ से हिदायत दे रहा हूं कि अगर आप बाज नहीं आते हैं और अगर आप सिक्योरिटी फोर्सेज के ऑपरेशन में बाधा बनते हैं तो हमलोग सख्ती से कार्रवाई करेंगे. जिस तरह से हमने peoples friendly ऑपरेशन किए हैं, हमारा नजरिया वही है.
सोशल मीडिया पर जवानों द्वारा शिकायत करने को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कुछ जवान हैं जो सोशल मीडिया में प्रोपेगेंडा के जरिए हो सकता है इस तरह के रुख को अपना रहे हों, लेकिन उनका इस तरह का रवैया रहा तो हम सख्ती से पेश आएंगे.
सेना को यह कड़ा रुख इसलिए लेना पड़ा है क्योंकि एक दिन पहले बीते मंगलवार को घाटी में 2 अलग-अलग मुठभेड़ में एक मेजर समेत 4 जवान शहीद हो गए. इस दौरान 8 जवान घायल भी हुए. बीते कुछ महीनों से सेना और आतंकियों की मुठभेड़ की स्थिति में कई इलाकों में स्थानीय लोगों द्वारा पथराव के मामले बढ़े हैं, जिससे आतंकियों की सीधे मदद मिलती है. कई बार आतंकी इसकी आड़ में भागने में कामयाब रहे हैं. कई बार मुठभेड़ के बाद नाराज स्थानीय लोग पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराते भी पाए गए हैं. अब इन्हें देशद्रोही मानने की बात सेना प्रमुख ने कही है.
हंदवाड़ा और बांदीपुरा अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद सेना प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, 'हम उन्हें (बाधा पहुंचाने वाले स्थानीय नागरिक) अवसर दे रहे हैं, इसके बावजूद अगर उनका कृत्य जारी रहता है तो हम अनवरत अभियान चलाएंगे और कठोर कदम भी उठा सकते हैं.' सेना प्रमुख ने कहा कि अगर वे नहीं रुकते हैं और हमारे अभियान में बाधा डालते हैं तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.'
सेना प्रमुख ने कहा, 'हम स्थानीय आबादी से आग्रह करेंगे कि जिन लोगों ने हथियार उठाए हैं, वे स्थानीय लड़के हैं और अगर वे आईएसआईएस तथा पाकिस्तान के झंडे लहराकर आतंकवादी कृत्य करना चाहते हैं तो हम उनको राष्ट्रविरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
सेना प्रमुख ने कहा कि मैं चेतावनी नहीं, समझाने के लिए अपनी तरफ से हिदायत दे रहा हूं कि अगर आप बाज नहीं आते हैं और अगर आप सिक्योरिटी फोर्सेज के ऑपरेशन में बाधा बनते हैं तो हमलोग सख्ती से कार्रवाई करेंगे. जिस तरह से हमने peoples friendly ऑपरेशन किए हैं, हमारा नजरिया वही है.
सोशल मीडिया पर जवानों द्वारा शिकायत करने को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कुछ जवान हैं जो सोशल मीडिया में प्रोपेगेंडा के जरिए हो सकता है इस तरह के रुख को अपना रहे हों, लेकिन उनका इस तरह का रवैया रहा तो हम सख्ती से पेश आएंगे.
सेना को यह कड़ा रुख इसलिए लेना पड़ा है क्योंकि एक दिन पहले बीते मंगलवार को घाटी में 2 अलग-अलग मुठभेड़ में एक मेजर समेत 4 जवान शहीद हो गए. इस दौरान 8 जवान घायल भी हुए. बीते कुछ महीनों से सेना और आतंकियों की मुठभेड़ की स्थिति में कई इलाकों में स्थानीय लोगों द्वारा पथराव के मामले बढ़े हैं, जिससे आतंकियों की सीधे मदद मिलती है. कई बार आतंकी इसकी आड़ में भागने में कामयाब रहे हैं. कई बार मुठभेड़ के बाद नाराज स्थानीय लोग पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराते भी पाए गए हैं. अब इन्हें देशद्रोही मानने की बात सेना प्रमुख ने कही है.
हंदवाड़ा और बांदीपुरा अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद सेना प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, 'हम उन्हें (बाधा पहुंचाने वाले स्थानीय नागरिक) अवसर दे रहे हैं, इसके बावजूद अगर उनका कृत्य जारी रहता है तो हम अनवरत अभियान चलाएंगे और कठोर कदम भी उठा सकते हैं.' सेना प्रमुख ने कहा कि अगर वे नहीं रुकते हैं और हमारे अभियान में बाधा डालते हैं तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.'
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