चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री इडाप्पडी के. पलानीस्वामी आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे. इस बीच पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम के सीक्रेट बैलेट के निवेदन को गर्वनर ने विचार के लिए स्पीकर तक विचार के लिए पहुंचा दिया है. शनिवार को ही AIADMK के एक और विधायक ने पाला बदलते हुए पलानीस्वामी के खिलाफ वोट देने की बात कही है.
234 सदस्यों की विधानसभा में पलानीसामी को 117 विधायकों का समर्थन चाहिए रहेगा. सुबह उनके पास स्पीकर को छोड़कर 122 विधायक थे यानि अगर छह और विधायकों ने भी ऐन वक्त पर सीएम का पाला छोड़ दिया तो वह हार सकते हैं. हालांकि डीएमके और पन्नीरसेल्वम ने पलानीस्वामी का विरोध करने का ऐलान किया है.
शुक्रवार को विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी, आर. नटराज ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे. नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम हो कर 123 हो गई है. अन्नाद्रमुक ने वरिष्ठ पार्टी नेता के. ए. सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता चुना है.
उधर, द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी पलानीस्वामी सरकार के विश्वास मत के खिलाफ मतदान करेगी जबकि, विश्वास मत को लेकर कांग्रेस ने अभी रुख साफ नहीं किया है.
नटराज के इस कदम से पहले पलानीस्वामी ने 124 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए कहा था कि उनकी सरकार टिकी रहेगी जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला और उनके परिवार के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने का फैसला किया है.
234 सदस्यों वाली विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं. इस बीच अन्नाद्रमुक ने के. ए. सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता नामित किया है.
गुरुवार को सरकार बनाने का निमंत्रण देते हुए राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने पलानीस्वामी को विश्वास मत हासिल करने को कहा था. नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है.
शशिकला का समर्थन कर रहे कई विधायक अब भी चेन्नई से करीब 80 किलोमीटर दूर कूवाथूर के रिसॉर्ट में रह रहे हैं. उनके शनिवार को 11 बजे विश्वास मत के लिए सुबह समय पर ही यहां से निकलने का कार्यक्रम तय है.
234 सदस्यों की विधानसभा में पलानीसामी को 117 विधायकों का समर्थन चाहिए रहेगा. सुबह उनके पास स्पीकर को छोड़कर 122 विधायक थे यानि अगर छह और विधायकों ने भी ऐन वक्त पर सीएम का पाला छोड़ दिया तो वह हार सकते हैं. हालांकि डीएमके और पन्नीरसेल्वम ने पलानीस्वामी का विरोध करने का ऐलान किया है.
शुक्रवार को विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी, आर. नटराज ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे. नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम हो कर 123 हो गई है. अन्नाद्रमुक ने वरिष्ठ पार्टी नेता के. ए. सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता चुना है.
उधर, द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी पलानीस्वामी सरकार के विश्वास मत के खिलाफ मतदान करेगी जबकि, विश्वास मत को लेकर कांग्रेस ने अभी रुख साफ नहीं किया है.
नटराज के इस कदम से पहले पलानीस्वामी ने 124 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए कहा था कि उनकी सरकार टिकी रहेगी जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला और उनके परिवार के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने का फैसला किया है.
234 सदस्यों वाली विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं. इस बीच अन्नाद्रमुक ने के. ए. सेनगोट्टायन को सदन में पार्टी का नेता नामित किया है.
गुरुवार को सरकार बनाने का निमंत्रण देते हुए राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने पलानीस्वामी को विश्वास मत हासिल करने को कहा था. नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है.
शशिकला का समर्थन कर रहे कई विधायक अब भी चेन्नई से करीब 80 किलोमीटर दूर कूवाथूर के रिसॉर्ट में रह रहे हैं. उनके शनिवार को 11 बजे विश्वास मत के लिए सुबह समय पर ही यहां से निकलने का कार्यक्रम तय है.
0 comments:
Post a Comment