उत्तर पूर्वी राज्य नगालैंड में भी अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडु जैसी राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है, जहां मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के खिलाफ पार्टी विधायकों ने बगावत करते हुए नेफ्यू रियो को अगला मुख्यमंत्री चुन लिया.
राज्य के शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने के खिलाफ नगा गुटों के हिंसक आंदोलन के बाद से जेलियांग के खिलाफ बगावती सुर उठने लगे थे. नगा विद्रोही गुट जेलियांग के इस्तीफे की मांग पर अड़े थे. ऐसे में राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायकों ने शनिवार को पड़ोसी राज्य असम स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क में बैठक की.
इस बैठक में शामिल अधिकांश विधायक नगा गुटों के विरोध प्रदर्शनों को ठीक ढंग से संभाल पाने में असर्थता के चलते जेलियांग को सीएम पद से हटाने की मांग पर सहमत दिखे. इसके बाद विधायकों की बैठक में नेफ्यू रियो को दोबारा सीएम चुन लिया गया.
गौरतलब कि 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में एनपीएफ 49 विधायक हैं, जिनमें से करीब 40 विधायक इस बैठक में शामिल हुए थे और वह अधिकांश विधायकों ने रियो को सीएम बनाए जाने पर सहमति दी. नगालैंड के एक मात्र सांसद रियो को अनुभवी राजनीतिज्ञ माना जाता है. वह इससे पहले साल 2003 से 2014 तक लगातार तीन बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
बता दें कि शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33% आरक्षण के खिलाफ नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमिटी और ज्वायंट कोर्डिनेशन कमिटी की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते राज्य में सामान्य जनजीवन खासा प्रभावित है और यहां सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहता है. ये दोनों संगठन जेलियांग का इस्तीफा मांग रहे थे. इन संगठनों ने हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान दो युवकों की मौत के लिए जेलियांग को जिम्मेदार ठहराया था और उन्हें सीएम पद से नहीं हटाए जाने पर बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी.
राज्य के शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने के खिलाफ नगा गुटों के हिंसक आंदोलन के बाद से जेलियांग के खिलाफ बगावती सुर उठने लगे थे. नगा विद्रोही गुट जेलियांग के इस्तीफे की मांग पर अड़े थे. ऐसे में राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायकों ने शनिवार को पड़ोसी राज्य असम स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क में बैठक की.
इस बैठक में शामिल अधिकांश विधायक नगा गुटों के विरोध प्रदर्शनों को ठीक ढंग से संभाल पाने में असर्थता के चलते जेलियांग को सीएम पद से हटाने की मांग पर सहमत दिखे. इसके बाद विधायकों की बैठक में नेफ्यू रियो को दोबारा सीएम चुन लिया गया.
गौरतलब कि 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में एनपीएफ 49 विधायक हैं, जिनमें से करीब 40 विधायक इस बैठक में शामिल हुए थे और वह अधिकांश विधायकों ने रियो को सीएम बनाए जाने पर सहमति दी. नगालैंड के एक मात्र सांसद रियो को अनुभवी राजनीतिज्ञ माना जाता है. वह इससे पहले साल 2003 से 2014 तक लगातार तीन बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
बता दें कि शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33% आरक्षण के खिलाफ नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमिटी और ज्वायंट कोर्डिनेशन कमिटी की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते राज्य में सामान्य जनजीवन खासा प्रभावित है और यहां सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहता है. ये दोनों संगठन जेलियांग का इस्तीफा मांग रहे थे. इन संगठनों ने हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान दो युवकों की मौत के लिए जेलियांग को जिम्मेदार ठहराया था और उन्हें सीएम पद से नहीं हटाए जाने पर बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी.
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