-- ‘जन लीडर न्यूज‘ के रूबरू हुए शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र अरोड़ा
-- सपा से है सीधा मुकाबला, भाजपा को ‘दौड़ से बाहर‘ करार दिया
पवन शर्मा
सहारनपुर। महाराष्ट्र में अपनी ‘मुखर‘ कार्यशैली के लिए अलग पहचान रखने वाली शिवसेना इस बार यूपी में भी पूरे दमखम के साथ चुनावी ‘दंगल‘ में ताल ठोक रही है। सहारनपुर शहर सीट पर शिवसेना ने युवा चेहरे रवि अरोड़ा को नुमाइंदगी सौंपी है, जो अपनी पार्टी की नीतियों से ‘कदमताल‘ करते हुए अलग ही तेवर में चुनाव लड़ रहे हैं। सपा से अपना मुख्य मुकाबला मान रहे अरोड़ा दो टूक कहते हैं कि भाजपा तो यहां दौड़ से ही बाहर है। बकौल उनके, इस बार शहरी मतदाता बदलाव के मूड में हैं क्योंकि, उन्हें एक सही मायने में ‘आक्रामक‘ तेवर वाला विधायक चाहिए और इस कसौटी पर वे पूरी तरह खरे साबित होंगे। ‘जन लीडर न्यूज़‘ की उनसे विशेष वार्ता के प्रमुख अंशः-
जन लीडरः- अभी तक किस प्रकार का रुझान सामने आया है ?
रविन्द्र अरोड़ाः- मैं पहली बार चुनाव लड़ रहा हूं। सभी जगह जनसंपर्क कर रहा हूं। पंजाबी सिख समाज सहित हर वर्ग से प्यार और समर्थन मिल रहा है। लोग बदलाव चाहते हैं, ऐसा साफ महसूस हो रहा है।
जन लीडरः- शिवसेना की छवि आक्रामक है। क्या सहारनपुर नगर को भी मौजूदा दौर में एक आक्रामक तेवर वाले विधायक की आवश्यकता है, जो शहर के विकास को नए अंदाज में गति दे सके ?
अरोड़ाः- बिलकुल सही ! शहर को ऐसा ही विधायक चाहिए क्योंकि, आज व्यापारियों समेत हर कोई बेहद परेशान है। ऐसे में, हमने सौ शिवसैनिकों की एक टीम बनाई है, जो किसी भी समस्या से जूझ रहे लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी।
जन लीडरः- क्या शिवसेना को केवल एक वर्ग विशेष का समर्थन मिल रहा है ?
अरोड़ाः- ऐसा कतई नहीं है। सिख-पंजाबी ही नहीं, राजपूत-गुर्जर समाज तक मेरे साथ है। अन्य वर्ग भी मुझे जिताने में भरपूर योगदान देंगे।
जन लीडरः- आपके घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु क्या हैं ? खासकर, व्यापारियों की क्या समस्याएं हैं, जिन्हें हल करने पर आप ध्यान देंगे ?
अरोड़ाः- व्यापारियों का व्यापक उत्पीड़न हो रहा है। खासकर, टैक्स संबंधी उनकी समस्याओं पर मैं लखनऊ तक आवाज बुलंद करुंगा। आसपास के किसी राज्य में इतना अधिक एंटरटेनमेंट टैक्स नहीं है, जितना यूपी में है। खाली सहारनपुर से हर माह 80 लाख रुपये इस मद में जाता है। इतने अधिक टैक्स को खत्म कराएंगे।
जन लीडरः- आपके प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी शहर विधायक भी रहे हैं। उनसे सिख-पंजाबी समाज को काफी अपेक्षाएं थीं, जो पूरी नहीं हुईं। आप भी पंजाबी समाज से हैं। क्या आपने इस समाज के उत्थान का कोई प्लान बनाया है ?
अरोड़ाः- जी हां ! यह सही है कि, भाजपा प्रत्याशी जिन वादों की बदौलत उपचुनाव में जीते थे, उनमें कोई भी उन्होंने पूरा नहीं किया। जाम की समस्या से लेकर बाइपास की मांग हो या व्यापारियों का उत्पीड़न। ऐसे किसी मसले पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे व्यापारियों समेत सभी वर्ग उनसे बहुत नाराज हैं। इसलिए, उन्होंने सहारनपुर सीट पर बदलाव का पक्का मन बना लिया है।
जन लीडरः- युवा मतदाताओं के लिए आपका क्या संदेश है ?
अरोड़ाः- मुझे पूरा यकीन है कि, युवा मतदाता जमकर वोटिंग करेंगे और यहां 80 प्रतिशत तक मतदान की संभावना है। आवास विकास, हकीकतनगर और चंद्रनगर सहित शहर के तमाम क्षेत्रों में मेरा जनसंपर्क बेहद कामयाब रहा है।
जन लीडरः- मुख्य मुकाबला किस पार्टी से है और इसकी क्या वजह है ?
अरोड़ाः- मेरा मुख्य मुकाबला सपा के संजय गर्ग से है क्योंकि, भाजपा के विधायक ने कुछ नहीं किया, इसलिए उन्हें जनता वोट भी नहीं देगी। चूंकि, पहले जनता के पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए वे जीत गए। लेकिन, इस बार शिवसेना भाजपा के मजबूत विकल्प के रूप में चुनाव मैदान में है।
जन लीडरः- चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में क्या रणनीति है ? क्या कोई बड़ी रैली भी होगी ?
अरोड़ाः- 10 या 11 फरवरी को बड़ी रैली करेंगे। आदित्य ठाकरे जी और हमारी पार्टी के सांसद व प्रवक्ता संजय राउत के आगमन की पूरी संभावना है।
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