नई दिल्ली: यमुना की सफाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामला 1994 से चल रहा है और अब 2017 आ गया है. आप नालों के लिए ट्रीटमेंट प्लांट तो छोड़िए उन्हें जोड़ने का काम भी नहीं कर पाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि यमुना की सफाई को लेकर अब तक कितना पैसा खर्च हुआ है? ये जानकारी दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड के वकील को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा मामले कि सुनवाई आधे घंटे से हो रही है और आप कह रहे है कि आपको निर्देश नहीं मिला. क्या आप यहां वो सुनने बैठे है जो एमिकस बहस कर रहे है. यह पूरी तरह से कोर्ट का समय बर्बाद करना है.
कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड के वकील से कहा कि आज आप माफी मांग रहे हैं, अगली सुनवाई में फिर माफ़ी मांगेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड ड्रेन प्रोजेक्ट के इंजीनियर वी के गुप्ता को 2 हफ्ते में सीवर प्रोजेक्ट को लिंक करने को लेकर मौजूद स्थिति बताने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि जो भी कार्रवाई चल रही है उसकी रिपोर्ट पेश करें. जो भी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होगी उसको पहले दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य आर एस त्यागी सत्यापित करेंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट 1994 से यमुना के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है. उस वक्त एक अखबार ने मैली यमुना पर एक लेख प्रकाशित किया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.
कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड के वकील से कहा कि आज आप माफी मांग रहे हैं, अगली सुनवाई में फिर माफ़ी मांगेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड ड्रेन प्रोजेक्ट के इंजीनियर वी के गुप्ता को 2 हफ्ते में सीवर प्रोजेक्ट को लिंक करने को लेकर मौजूद स्थिति बताने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि जो भी कार्रवाई चल रही है उसकी रिपोर्ट पेश करें. जो भी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होगी उसको पहले दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य आर एस त्यागी सत्यापित करेंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट 1994 से यमुना के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है. उस वक्त एक अखबार ने मैली यमुना पर एक लेख प्रकाशित किया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.
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