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सहारनपुर । पांच बजे के बाद हुई वोटिंग ही संजय गर्ग व राजीव गुंबर की जीत तय करेंगी। 15 फरवरी को हुए मतदान में सुबह से ही मत प्रतिशत काफी कम रहा, परंतु जैसे-जैसे दिन बीतता गया वैसे-वैसे मतदान भी तेज हो गया और मतदान केंद्रों पर वोट ड़ालने वालों की भीड़ जुट गई। परिणाम ये हुआ कि वोटिंग टाइम पांच बजे बंद होने के बावजूद भी मतदान केंद्रों पर मौजूद लोगों के वोट डलवाए गए।
पांच बजे तक मतदान प्रतिशत 65 प्रतिशत के करीब था, परंतु मतदान की समय सीमा खत्म होने के बाद भी नगर में वोटिंग मतदान केंद्र मौजूद लोगों के जिस प्रकार से वोट डलवाए गए है। उसके बाद ही नगर का मतदान प्रतिशत 68 के पार पहुंच गया। बहरहाल, भाजपा के राजीव गुंबर व कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी संजय गर्ग की जीत, बढ़ा हुआ तीन प्रतिशत मतदान तय करेंगा।
समर्थक पेश कर रहे अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत
नगर सीट पर गुंबर व गर्ग की आमने-सामने की टक्कर होने के साथ-साथ ये भी निश्चित होने लगा है कि कौन प्रत्याशी किस पर भारी पड़ रहा है, परंतु दोनों पार्टी के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी की जीत घोषणा कर रहे है। वहीं समर्थक प्रत्याशियों के मन की बात कहने से नहीं चुक रहे है और प्रत्याशी के सामने अपने-अपने आंकड़ें फीट कर रहे है। सभी प्रत्याशियों ने मतदान खत्म होते ही अपने-अपने समर्थकों से वोटिंग के आंकड़ें मांगना शुरू कर दिए, समर्थक भी प्रत्याशियों को बढ़-चढ़कर मतदान के आंकड़ें बता रहे है और प्रत्याशी भी समर्थकों के आंकड़ों से संतुष्ट होकर अपनी जीत माने बैठा है। वैसे तो नगर में एक ही विधायक हो सकता है, पर हर पार्टी के समर्थक अपने प्रत्याशी को विधायक माने बैठे हैं।
देहात सीट त्रिकोणीय मुकाबला
देहात सीट पर वैसे चार लोगोंं की आपस में टक्कर मानी जा रही थी। बसपा से सीटिंग विधायक जगपाल, भाजपा से मनोज चौधरी, कांग्रेस-सपा समर्थित मसूद अख्तर व पूर्व सांसद मंसूद अली खान के पुत्र साद अली खान निर्दलीय ही मैदान में हैं। परंतु मतदान से दो दिन पहले अफवाहों की ऐसी हवा चली की साद अली खान को फाइट से बाहर कर दिया गया। हालांकि साद अपने बर्ताव व रसूख के दम पर अच्छे वोट हासिल कर सकते है। भाजपा के पूर्व विधायक व प्रत्याशी मनोज चौधरी भी देहात सीट पर कोई ऐसा खास प्रदर्शन नहीं कर पाए है। ऐसे में सीटिंग विधायक जगपाल व कांग्रेस के मसूद अख्तर में मुकाबला माना जा रहा है। अब देखना है कि किसके सिर पर ताज आता है। हालांकि मसूद अख्तर को फाइट से निर्दलीय प्रत्याशी साद अली खान अच्छे वोट लेकर बाहर निकाल सकते है।
नकुड़ सीट बनी आकृषण का केंद्र
इमरान मसूद व पूर्व मंत्री डा. धर्मसिंह के नकुड़ से चुनाव लडऩे के साथ ही इस हाट सीट पर सबकी नजर है। हालांकि धर्मसिंह सैनी यहां से सीटिंग विधायक है। वही बसपा से नवीन चौधरी भी अच्छी फाइट कर रहे है। नकुड़ सीट की कुल आबादी तीन लाख 28 हजार 915 है। जिसमें एक लाख मुस्लिम व साठ हजार एससी है। वहीं चालिस हजार गुर्जर, 25 हजार सैनी व 47 हजार अन्य बिरादरी का वोट बैंक है। इसी के आंकड़ों के साथ नकुड़ सीट पर सीटिंग विधायक भाजपा से हिंदू वोटों को कारण अपनी जीत माने बैठा है। वही इमरान मसूद भी मुस्लिम वोट बैंक के साथ अपनी जीत दर्ज कर रहा है। तीन बार धर्मसिंह सैनी विधायक रहे है। अबकि बार नवीन चौधरी भी दलित, गुर्जर व मुस्लिम वोट बैंक के साथ अपनी जीत को सुनिश्चित मान रहे है।
गंगोह सीट पर सपा-कांग्रेस में रही रार
गंगोह सीट पर कांग्रेस-सपा का गठबंधन होने के बावजूद भी यहां पर दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। हालांकि हाईकमान से इंद्रसेन को सपा पार्टी से छ: साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है, परंतु यहां भी तीन खानदानों की साख दांव पर लगी है। कांग्रेस से नोमान मसूद, साइकिल चिंह के साथ इंद्रसेन व भाजपा से प्रदीप चौधरी चुनाव लड़े है। गंगोह सीट की कुल आबादी तीन लाख 54 हजार 856 है। जिसमें एक लाख मुस्लिम, 50 हजार एससी, गुर्जर 35 हजार, सैनी 25 हजार व कश्यप, राजपूत, ब्राहमण, जाट, वैश्य व सिख आदि की भी अच्छी खासी पैठ है। वहीं इमरान मसूद के भाई नौमान मसूद को उस समय भारी झटका लगा जब उनके चाचा रसीद मसूद ही उनके खिलाफ खड़े हो गए ओर उन्होंने इंद्रसेन को चुनाव मैदान सपोर्ट की। गंगोह क्षेत्र में रसीद मसूद का रसूख व स्वर्गीय यशपाल चौधरी का वजूद भी मायने रखता है। इसी के साथ मतदान के बाद कांग्रेस के नोमान मसूद फाइट से बाहर नजर आ रहे है। वही मुकाबला भाजपा के प्रदीप चौधरी व इंद्रसेन में ही सिमटता नजर आ रहा है।
देवबंद पर माजिद-बृजेश में मुकाबला
देवबंद सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा था, परंतु मतदान के बाद तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। क्योंकि जिस प्रकार इमरान के वायरल हुए वीडियों से ठाकुर गुट में काफी विरोध नजर आया। इस सभा के बाद ही यहां तस्वीर साफ हो गई थी, यहां भाजपा व बसपा में मुकाबला माना जा रहा है। देवबंद सीट की कुल आबादी तीन लाख 26 हजार 861 हैं। यहां पर मुस्लिम एक लाख, एसी 60 हजार, गुर्जर 25 हजार है। इसी के साथ सैनी, कश्यप, राजपूत, ब्राहमण व वैश्य की आबादी भी बहुतायत है।
रामपुर में भी त्रिकोणीय मुकाबला
रामुपर सीट आरक्षित होने के साथ ही यहां बसपा का तिलस्म भी बरकार है। यहां बसपा के सीटिंग विधायक रविंद्र मोल्हू व पूर्व विधायक रामस्वरूप नीम के पुत्र देवेंद्र नीम भाजपा के प्रत्याशी है, वहीं कांग्रेस के विश्वदयाल छुट्टन मैदान में उतरे थे। रामपुर की कुल आबादी दो लाख 96 हजार 988 है। वहीं मुस्लिम 25 हजार, एससी 70 हजार, गुर्जर 35 हजार, सैनी 25 हजार है। इसी के साथ अन्य बिरादरी का भी यहां अच्छा वोट बैंक है। तीनों प्रत्याशियों में भारी मुकाबला हुआ और यहां की सीट इन तीनों प्रत्याशियों के भविष्य तय करेगी।
बेहट सीट पर बसपा-कांग्रेस में मुकाबला
बेहट सीट की कुल आबादी तीन लाख 36 हजार 250 है। जिसमें डेढ़ लाख मुस्लिम, 60 हजार एससी, 35 हजार सैनी व 28 हजार राजपूतों का वोट बैंक है। इसी के साथ यहां अन्य बिरादरी का वोट बैंक बहुत है। बेहट सीट पर बसपा से हाजी इकबाल, कांग्रेस से नरेश सैनी व भाजपा से महावीर राणा चुनाव लड़े है। भाजपा का वोट बैंक काटने के लिए यहां से निर्दलीय कुंवर आदित्य प्रताप सिंह भी मैदान में थे। निर्दलीय आदित्य प्रताप सिंह ने चुनाव मैदान में उतरते ही भाजपा के प्रत्याशी को चुनाव की फाइट से बाहर कर दिया था। इसी के साथ ही यहां की फाइट बसपा व कांग्रेस में है। हालांकि इस सीट पर स्टार प्रचारकों की भी भरमार रही है।
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