नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासक समिति के चार सदस्यों में से एक प्रख्यात इतिहासविद रामचंद्र गुहा का व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि भारतीय टीम को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफी में जरूर खेलना चाहिए. गुहा ने रविवार (30 अप्रैल) को ट्वीट कर अपनी इच्छा जाहिर की है.
गुहा ने लिखा है, "व्यक्तिगत तौर पर और एक क्रिकेट प्रशंसक के रूप में मेरा मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफी में निश्चित तौर पर हिस्सा लेना चाहिए." अगले ट्वीट में गुहा ने लिखा है, "इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का बहिष्कार करना या बहिष्कार करने की धमकी देना हमारे देश को एक महान क्रिकेट खेलने वाला देश नहीं बनाएगी."
चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम की घोषणा करने की अंतिम तारीख 25 अप्रैल को समाप्त हो चुकी है और भारत ने अब तक अपनी टीम का एलान नहीं किया है. बीसीसीआई को हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में गहरा झटका लगा. आईसीसी ने अन्य सदस्य देशों के समर्थन से न सिर्फ बीसीसीआई के राजस्व में भारी कटौती की है, बल्कि उसके रसूख को भी बड़ा झटका लगा है. अब बीसीसीआई ने सात मई को अपनी विशेष बैठक बुलाई है.
बीसीसीआई ने आईसीसी द्वारा 40 करोड़ डॉलर प्रति वर्ष के आर्थिक अनुदान की पेशकश ठुकरा दी है. बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी का कहना है कि यह राशि विश्व क्रिकेट में बीसीसीआई के योगदान के आगे कहीं नहीं ठहरता. चौधरी का कहना है कि पूरी दुनिया में क्रिकेट से होने वाली कुल आय का 70 फीसदी अकेले भारतीय बाजार से आता है, इसलिए स्वाभाविक है कि भारत को राजस्व में सर्वाधिक बड़ा हिस्सा मिले.
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