नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ओर से भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने से भारत को मिली कूटनीतिक जीत के बावजूद पाकिस्तान उनकी हत्या करने पर उतारू है. वह भारत की कूटनीतिक जीत से न सिर्फ हैरान, बल्कि बौखलाया हुआ भी है. अब उसे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह क्या करे? लिहाजा अब पाकिस्तानी मीडिया कुलभूषण मामले को लेकर अपने देशवासियों को गुमराह कर रही है.
जहां एक ओर पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं, तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण की फांसी पर रोक नहीं लगाई है. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी सरकार का बयान इन दोनों से भी इतर है. सरताज अजीज ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार जाधव मसले पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश की समीक्षा करेगा.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में 8 मई को अपील की थी, जिस पर अब 15 मई को सुनवाई होगी. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर विएना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है. भारत की ओर से दायर अपील में यह भी बताया गया था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और ना ही उन्हें भारत के उच्चायोग अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गई.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि जाधव के साथ न्याय नहीं हुआ. भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने देने की 16 बार इजाजत मांगी, जिसे खारिज कर दिए जाने के बाद हम अंतरराष्ट्रीय अदालत गए. बागले ने कहा कि दुर्भाग्य से, हमें कुलभूषण जाधव के ठौर-ठिकाने की कोई जानकारी नहीं. हमें यह भी नहीं पता कि वह किस हाल में हैं. गोपाल बागले ने बताया कि कुलभूषण जाधव के परिवार को पाकिस्तान जाकर उनसे मिलने के लिए खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरताज अजीज को 27 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर परिवार को वीजा देने की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद उनके परिवार को वीजा नहीं दी गई.
जहां एक ओर पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं, तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण की फांसी पर रोक नहीं लगाई है. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी सरकार का बयान इन दोनों से भी इतर है. सरताज अजीज ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार जाधव मसले पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश की समीक्षा करेगा.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में 8 मई को अपील की थी, जिस पर अब 15 मई को सुनवाई होगी. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर विएना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है. भारत की ओर से दायर अपील में यह भी बताया गया था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और ना ही उन्हें भारत के उच्चायोग अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गई.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि जाधव के साथ न्याय नहीं हुआ. भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने देने की 16 बार इजाजत मांगी, जिसे खारिज कर दिए जाने के बाद हम अंतरराष्ट्रीय अदालत गए. बागले ने कहा कि दुर्भाग्य से, हमें कुलभूषण जाधव के ठौर-ठिकाने की कोई जानकारी नहीं. हमें यह भी नहीं पता कि वह किस हाल में हैं. गोपाल बागले ने बताया कि कुलभूषण जाधव के परिवार को पाकिस्तान जाकर उनसे मिलने के लिए खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरताज अजीज को 27 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर परिवार को वीजा देने की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद उनके परिवार को वीजा नहीं दी गई.
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