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    Friday 3 February 2017

    37 अरब की लूट का पर्दाफ़ाश - Facts about online scam mastermind

    5 रुपये का लालच और 37 अरब की लूट. ये कहानी ज़रा हट के है. यूपी एसटीएफ़ ने नोएडा में एक ऐसी ठग कंपनी का पर्दाफ़ाश किया है, जिसने सोशल ट्रेडिंग का झांसा देकर लोगों से करीब 37 अरब रुपये ठग लिए, लेकिन जब ठगी का शिकार हुए लोग पुलिस के पास पहुंचे, तो कंपनी का भांडा फूट गया. दरअसल, ये कंपनी इनवेस्टमेंट के बहाने लोगों कुछ लिंक्स देती. लिंक्स के हर लाइक पर उन्हें पांच रुपये मिलने का झांसा दिया जाता था. लेकिन कंपनी ने रुपये तो लिये, पर लाइक्स के बावजूद पैसे नहीं दिए.

    37 अरब की इस ठग कंपनी के पीछे पुलिस ने जिन चेहरों को बेनकाब किया है, उनमें एक बीटेक है, तो दूसरा एमबीए, तीसरा ग्रैजुएट. लेकिन ठगों की इस तिकड़ी ने अपनी क्वालिफिकेशन का जैसा इस्तेमाल किया है, उसे देख कर किसी को भी अफ़सोस हो सकता है. पुलिस की मानें तो इन ठगों ने लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल जैसी कई सेलिब्रिटीज का भी इस्तेमाल कर लिया. अपने खून पसीने कमाई लुटवा कर अब ऐसे लोग सड़कों पर मारे-मारे फिर रहे हैं.

    गनीमत इस बात की है कि पुलिस ने लोगों को घर बैठे रुपये कमाने का सब्जबाग दिखाकर लूटनेवाले इन धंधेबाज़ों को अब गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन इनकी बातों में फंस कर उनकी फर्ज़ी कंपनी में लाखों रुपये इनवेस्ट करनेवाले लोगों को उनके रुपये कब तक और कौन लौटाएगा, इसकी गारंटी फ़िलहाल किसी के पास नहीं है. वहीं, पुलिस को इस ठग के दो फ्लैट का पता चला है, जिसकी कीमत 12 करोड़ बताई जा रही है. इसके पास कई लग्जरी गाड़ियां भी मिली है. इसके एकाउंट को सीज करवाने की तैयारी हो रही है.

    अनुभव मित्तल, श्रीधर प्रसाद, महेश दयाल,  ये वो तीन नाम हैं, जिन्होंने दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर के करीब सात लाख लोगों को ऐसा ठगा कि अब सारे के सारे लोग अपना सिर धुन रहे हैं. ठगी की शुरुआत अनुभव मित्तल की शातिर चालों से हुई. दरअसल, हापुड़ के रहने वाले मित्तल ने साल 2010 में अपने हॉस्टल के कमरे से ही अपनी पहली फ़र्ज़ी कंपनी की शुरुआत की थी. लेकिन तब इस कंपनी की मार इतनी ज़्यादा नहीं थी. धीरे-धीरे इसने जाल-बट्टा फैलाया और कंपनी ने नोएडा के सेक्टर 63 में सोशल ट्रेड डॉट बिज़ के नाम काम शुरू किया. काम भी तेजी से निकल पड

    चूंकि इरादे सही नहीं थे, पकड़े जाने का डर था. लिहाजा, ये बार-बार अपनी कंपनी का नाम बदल दिया करते थे. सोशल ट्रेड डॉट बिज़ से कंपनी का नाम अचानक फ्रीहब डॉट कॉम हो गया. फिर फ्री हब डॉट कॉम से इन्टमार्ट डॉट कॉम और इन्टमार्ड डॉट कॉम से फ्रेंजअप डॉट कॉम और फ्रेंजअप डॉट कॉम से थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम हो गई. फिर से इस कंपनी ने अपना नाम बदल कर अब्लेज इन्फो सॉल्यूशंस रख लिया था. ये कंपनी लोगों को इनवेस्ट करने का ऑफर देती थी. इसके बदले में लिंक्स पर हर क्लिक पर पांच रुपये देने का वादा करती थी.

    इसी वादे की बदौलत उन्होंने आम लोगों को ऐसा चूना लगाया कि उन्हें पता नहीं चला कि कब उनके साथ ठगी हो गई. वो तो जब वादे के मुताबिक ज़्यादातर लोगों को कंप्यूटर पर होने वाले हर क्लिक के बदले में पैसे नहीं मिल रहे थे, तब उन्होंने पुलिस से शिकायत की और तब जाकर यूपी एसटीएफ़ ने इस कंपनी पर अपना शिकंजा कसा, लेकिन इसके बाद जब इस ठग कंपनी के राज बेनकाब होने लगे, तो सुन कर खुद पुलिस भी हैरान हो गई. ये कंपनी लोगों को बैठे-ठाले अमीर बनने का झांसा देती थी. यही झांसा लोगों के लिए फांस बन गया.

    कंपनी का कहना था कि एक बार रुपये निवेश करने के बाद कंप्यूटर लिंक के हर लाइक पर उन्हें 5 रुपये मिलने तय हैं. लेकिन ऐसा होता नहीं था. यूपी एसटीएफ की मानें तो ये पूरा का पूरा बिजनेस मॉडल ही फर्जी है. पुलिस की गिरफ्त में जाने के बाद अनुभव मित्तल ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने कहा कि वह कुछ ही दिनों में जेल से बाहर आ जाएगा. इस मामले में वह बदनाम हुआ, तो क्या हुआ नाम नहीं हुआ है. अब जो रातों-रात अमीर बनने के लिए हर हदों से गुज़रने को तैयार हो, भला उसकी कंपनी ठगी नहीं करेगी, तो क्या करेगी.

    अनुभव मित्तल की कंपनी लोगों को पांच हजार रुपये से 57 हजार रुपये तक की इनवेस्ट करने ऑफर देती थी. इसके बदले में उन्हें कंपनी का लिंक दिया जाता था. ये कहा जाता था कि इन लिंक्स में एक दिन में जितने लाइक होंगे, हर लाइक के हिसाब से पांच रुपये उनके बैंक एकाउंट में अपने-आप जमा हो जाएंगे. इसके लिए कंपनी ने 5 हज़ार 750, 11 हज़ार 500, 28 हज़ार 750 और 57 हज़ार 500 रुपये के चार प्लान रखे थे. इन हर प्लान पर कम से कम 10, 20, 50 और 125 लाइक्स करवाने की ज़िम्मेदारी होती थी.

    इस तरह हर प्लान पर इनवेस्टमेंट के हिसाब से रोजाना 50, 100, 250 और 625 रुपये की कमाई तय थी. जब सालाना आय का आंकड़ा दिखाया जाता था, तो प्लान बड़ा आकर्षक हो जाता था. क्योंकि ये 10 हजार 688 रुपये, 21 हजार 375, 53 हजार 438 और 13 लाख 35 हजार 94 रुपये का दिखता था. लेकिन लोगों की शिकायत थी कि प्लान लेने और कंपनी के लिंक्स लाइक्स करवाने के बावजूद सभी लोगों को रुपये नहीं मिल रहे थे. इस बाद लोगों को लगा कि उन्हें ठगा जा रहा है. लोगों ने इसकी शिकायत थाने में की थी.

    एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक का कहना है कि जब इस बिज़नेस मॉडल की जांच की गई तो पाया गया कि कंपनी के द्वारा सदस्यों को धोखे में रख कर उनसे पैसे अकाउंट में जमा करा लेते थे और जब मेंबर अपने पेज को लॉगिन करते थे, अक्सर उन्हें जो यूआरएल मिलता था, वही गलत होता था. सोशल ट्रेड प्रमुख अनुभव मित्तल के कई बड़े राजनेताओं के साथ संबंध भी उजागर हुए हैं. कुछ केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी उसने तस्वीरें खिंचवा रखी हैं. सनी लियोनी और अमीषा पटेल का भी उसने इस्तेमाल किया है.
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