भुवनेश्वर: भारत ने गुरुवार को ओडिशा में अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों के मुताबिक, मिसाइल का परीक्षण सुबह 9.12 बजे एकीकृत परीक्षण रेंज के लांच पैड नंबर-4 से किया गया. भारतीय सेना की विशेष इकाई सामरिक बल कमान ने डीआरडीओ के सहयोग से यह परीक्षण किया.
सूत्रों के मुताबिक अग्नि-3 भारत के परमाणु हथियारों का मुख्य आधार है और जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया, उसे जखीरे से निरुद्देश्यता से चुना गया था.
अग्नि-3 की मारक क्षमता 3,000 किलोमीटर से 5,000 किलोमीटर है और यह 1.5 टन वजनी पारंपरिक और परमाणु विस्फोटकों का वहन करने में सक्षम है. मिसाइल द्वि-स्तरीय ठोस प्रणोदक इंजन से युक्त है. इसकी लंबाई 17 मीटर, व्यास दो मीटर और वजन लगभग 2,200 किलोग्राम है. इसे जून 2011 में सेना के बेड़े में शामिल किया गया था.
यह परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा एक नौसेना जहाज से ब्रह्मोस के भूमि संस्करण के परीक्षण के एक सप्ताह से भी कम समय में सामने आया है. भारत ने बीते छह महीनों के दौरान, 450 किलोमीटर मारक क्षमता वाले ब्रह्मोस मिसाइल, ब्रह्मोस के हवाई संस्करण, एक्जो-एटमॉस्फेरिकपृथ्वी डिफेंस व्हीकल (पीडीवी) इंटरसेप्टर मिसाइल तथा इंडो-एटमॉस्फेरिकएडवांस एयर डिफेंस मिसाइल, अग्नि 4 तथा अग्नि 5 का परीक्षण किया है.
सूत्रों के मुताबिक अग्नि-3 भारत के परमाणु हथियारों का मुख्य आधार है और जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया, उसे जखीरे से निरुद्देश्यता से चुना गया था.
अग्नि-3 की मारक क्षमता 3,000 किलोमीटर से 5,000 किलोमीटर है और यह 1.5 टन वजनी पारंपरिक और परमाणु विस्फोटकों का वहन करने में सक्षम है. मिसाइल द्वि-स्तरीय ठोस प्रणोदक इंजन से युक्त है. इसकी लंबाई 17 मीटर, व्यास दो मीटर और वजन लगभग 2,200 किलोग्राम है. इसे जून 2011 में सेना के बेड़े में शामिल किया गया था.
यह परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा एक नौसेना जहाज से ब्रह्मोस के भूमि संस्करण के परीक्षण के एक सप्ताह से भी कम समय में सामने आया है. भारत ने बीते छह महीनों के दौरान, 450 किलोमीटर मारक क्षमता वाले ब्रह्मोस मिसाइल, ब्रह्मोस के हवाई संस्करण, एक्जो-एटमॉस्फेरिकपृथ्वी डिफेंस व्हीकल (पीडीवी) इंटरसेप्टर मिसाइल तथा इंडो-एटमॉस्फेरिकएडवांस एयर डिफेंस मिसाइल, अग्नि 4 तथा अग्नि 5 का परीक्षण किया है.
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