नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे तमिननाडु के किसानों से राज्य के सीएम ई पलानीस्वामी ने मुलाकात की. तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने कहा है कि वो किसानों की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएंगे और उनसे किसानों का अनशन खत्म कराने की अपील करेंगे. पलानीस्वामी नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे हैं. सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के किसान करीब 40 दिनों से धरने पर बैठे हैं इनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द किसानों का कर्ज माफ करे.
शनिवार को किसानों ने अपनी समस्या जाहिर करने के लिए मानव मूत्र पीकर अपना विरोध जताया था. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों के नहीं माना गया तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे. इससे पहले तमिननाडु के किसानों ने पीएमओ के बाहर नग्न प्रदर्शन भी किया था.
पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से धरने पर बैठे ये किसान नग्न प्रदर्शन से लेकर चूहे खाने और सांप को मुंह में रखने जैसे तरीके अपना चुके हैं. वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं. इरादा सिर्फ इतना है कि केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है.
13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है. अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे. कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. इसके साथ ही मामले में गोपाल शंकरनारायण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है. ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है.
शनिवार को किसानों ने अपनी समस्या जाहिर करने के लिए मानव मूत्र पीकर अपना विरोध जताया था. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों के नहीं माना गया तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे. इससे पहले तमिननाडु के किसानों ने पीएमओ के बाहर नग्न प्रदर्शन भी किया था.
पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से धरने पर बैठे ये किसान नग्न प्रदर्शन से लेकर चूहे खाने और सांप को मुंह में रखने जैसे तरीके अपना चुके हैं. वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं. इरादा सिर्फ इतना है कि केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है.
13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है. अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे. कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. इसके साथ ही मामले में गोपाल शंकरनारायण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है. ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है.
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