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    Monday 24 April 2017

    बंदूकें और पत्थरों की छाया में कोई बातचीत नहीं हो सकती है, लेकिन घाटी में सुधार बातचीत हो सकती है: महबूबा - pm modi mehbooba mufti meeting kashmir violence

    नई दिल्ली: कश्मीर में बिगड़े हालातों के बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी से सोमवार को मुलाकात की. दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने बताया कि राज्य में गठबंधन और राज्य के हालात को लेकर बातचीत हुई. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने पीएम मोदी से कहा कि किसी न किसी लेवल पर बातचीत जरूरी है. महबूबा ने कहा कि कश्मीर का हल वाजपेयी की नीति से निकाला जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि केंद्र को राज्य के कल्याण के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.


    मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार घाटी में 2-3 महीने में स्थिति को नियंत्रित कर लेगी. उन्होंने कहा कि हम चीजें बदल लेंगे. महबूबा ने पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद ये बयान दिया. उन्होंने कहा कि 2-3 महीने के समय में अलगाववादी के साथ बातचीत संभव है. उन्होंने कहा कि बंदूकें और पत्थरों की छाया में कोई बातचीत नहीं हो सकती है, लेकिन घाटी की स्थिति में सुधार होने पर अलगाववादियों के साथ बातचीत हो सकती है.




    पत्थरबाजी के मुद्दे पर भी महबूबा की पीएम मोदी से बातचीत हुई. मुफ्ती ने कहा कि पत्थरबाजों को उकसाया जा रहा है. पत्थरबाजी और गोली के बीच बातचीत नहीं हो सकती. वहीं राज्य में राज्यपाल शासन लगाने के सवाल पर महबूबा ने कहा कि ये केंद्र से पूछा जाना चाहिए.


    महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में बातचीत शुरू करने का समर्थन किया. महबूबा महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी ने अपील की कि जहां तक वाजपेयी जी ने कोशिश की थी उसके आगे बढ़ना चाहिए. इसके लिए आगे माहौल बनाना होगा.


    पीएम मोदी से मिलने के बाद कश्मीर में गठबंधन को लेकर जारी अटकलों पर भी विराम लग गया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गठबंधन को लेकर मतभेद सुलजाने पर काम होगा. राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला केंद्र को लेना है. इस बीच बीजेपी का भी बयान आया है कि राज्य में गठबंधन सही दिशा में काम कर रहा है.

    महबूबा मुफ्ती ने बताया कि सिंधु जल समझौते से कश्मीर को नुकसान है. पीएम मोदी ने इस पर विचार करने की बात कही.


    इस बीच, गृह मंत्रालय में कश्मीर के हालात को लेकर उच्च स्तरीय बैठक भी हुई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर के हालात को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, डायरेक्टर आईबी, गृह सचिव के साथ राज्य के हालात पर चर्चा की.


    इससे पहले रविवार को हुई नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने सभी राज्य सरकारों से अपील की कि अपने-अपने राज्यों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों से संपर्क करें. बैठक में महबूबा मुफ्ती ने यह मुद्दा उठाया. राजस्थान के मेवाड़ में कुछ कश्मीरी छात्रों की पिटाई और उत्तर प्रदेश के मेरठ में कश्मीरी छात्रों से राज्य छोड़ने के लिए कहने के बाद यह अपील काफी मायने रखती है. मोदी ने महबूबा के इस सुझाव का समर्थन किया कि दूसरे राज्यों में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों के हितों का राज्यों को ख्याल रखना चाहिए. राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय में कश्मीर के छह छात्रों की कुछ स्थानीय लोगों ने पिटाई कर दी थी. मेरठ में भी एक होर्डिंग लगाकर कश्मीरी छात्रों से उत्तर प्रदेश छोड़ने के लिए कहा गया था.


    जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के नेता राज्य में ही बीजेपी के नेताओं के उन बयानों से परेशान हैं, जिसमें वह कश्मीर विरोधी बयान देते रहे हैं. यही वजह है कि पहली बार राजनीति में आए महबूबा मुफ्ती के भाई और अनंतनाग लोकसभा सीट से पीडीपी उम्मीदवार तसादुक मुफ्ती ने कुछ ही दिन पहले एक अखबार के साथ बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर को लेकर गंभीर नहीं है.


    जम्मू कश्मीर में साल 2016 में कई महीनों तक अशांति के बाद महबूबा मुफ्ती को उम्मीद थी कि साल 2017 में कश्मीर के हालात सुधर गए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और अब विरोध प्रदर्शनों में पत्थरबाजों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलजों के छात्र भी जुटने लगे हैं. कश्मीर में पिछले एक हफ्ते से कॉलेज बंद पड़े हैं और पिछले साल की तरह ही इस साल भी पर्यटन फीका रह गया है.
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