नई दिल्ली: आपके द्वारा की गई बस एक फोन कॉल और पैसा आपके अकाउंट में बमुश्किल 2 से 3 दिन के भीतर पहुंच जाता है. जी हां, क्रेडिट कार्ड लोन प्राप्त करना इतना आसान हो गया है. क्रेडिट कार्ड लोन लेना भले ही आसान है लेकिन इसका इंट्रेस्ट रेट ज्यादा होने के चलते यह महंगा है. बैंकों से सीधे लोन लेने के मुकाबले यह महंगा पड़ता है. लेकिन फिर भी कई बार लोगों को क्रेडिट कार्ड लोन लेना पड़ता है.
ऐसे में आपको यह पता होना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड लोन कब लिया जाए और बैंक से पर्सनल लोन की प्राथमिकता कब यानी किन हालातों में दी जाए. भले ही क्रेडिट कार्ड के लोन भी पर्सनल लोन के इंट्रेस्ट पर ही दिया जा रहा हो लेकिन इसके सर्विसिंग के चार्जेस महंगे होते हैं. प्रोसेसिंग फीस और प्री क्लोजर चार्जेस, क्रेडिट कार्ड कंपनियां सर्विस टैक्स भी लगाती हैं उस अमाउंट पर जोकि आप बतौर ब्याज चुकाते हैं.. ऐसे में कुल मिलाकर यह मंहगा पड़ता है. सर्विस टैक्स वर्तमान में 15 फीसदी है (सर्विस टैक्स@14%+ स्वच्छ भारत टैक्स@ 0.5%+ कृषि कल्याण सेस@0 .5%)
यदि इंट्रेस्ट रेट, प्री क्लोजर चार्जेस और लोन प्रोसिसिंग फीस बैंक जितनी ही रहे तब भी क्रेडिट कार्ड लोन का इंट्रेस्ट कॉस्ट सर्विस टैक्स के चलते 15 फीसदी ज्यादा ही बैठेगा. उदाहरण के लिए यदि आप बैंक से 1 लाख रुपये का लोन लेते हैं और इस पर वह 14 फीसदी का ब्याज 24 महीने की मियाद पर लगाता है तब आपकी पहले महीने की किस्त बैठेगी 4,802 रुपये. इसमें ब्याज का हिस्सा होगा 1,166.66, मूलधन होगा 3635.33 रुपये. यदि लोन यदि आप क्रेडिट कार्ड से लेंगें, इसी इंट्रेस्ट रेट पर तो पहले महीने आपको देने होंगे 4,976.99 रुपये जिसमें से 175 रुपये उस रकम से ज्यादा होंगे जो कि आप पहले महीने की किस्त के तौर पर बैंक को चुकाते. यह जो इजाफा है वह सर्विस टैक्स की वजह से जोकि क्रेडिट कार्ड लोन देने पर दिया जा रहा है. 175 रुपये सर्विस टैक्स 1166.66 रुपये इंट्रेस्ट की रकम पर दिया जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप क्रेडिट कार्ड पेमेंट से की गई खरीद को ईएमआई (equated monthly instalment-EMI) में कंवर्ट करवाते हैं तब भी आप सर्विस टैक्स लगाकर ही ब्याज देते हैं.
फिर भी कुछ मौकों पर क्रेडिट कार्ड लोन को बैंक से पर्सनल लोन लेने से बेहतर बताया जाता है. यदि आप 1 साल से कम समय के लिए 50 हजार रुपये से कम रकम लोन पर लेना चाहते हों तो क्रेडिट कार्ड लोन बेहतर है क्योंकि बैंक आमतौर पर 1 साल से कम के लिए और 50 हजार रुपये से कम का लोन नहीं देते. जबकि, क्रेडिट कार्ड लोन छह महीने के लिए भी देते हैं और कम से कम रकम के लिए जैसे कि 10 हजार के लिए भी देते हैं. ऐसी जरूरतों पर आप इसे वरीयता दे सकते हैं.
ऐसे में आपको यह पता होना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड लोन कब लिया जाए और बैंक से पर्सनल लोन की प्राथमिकता कब यानी किन हालातों में दी जाए. भले ही क्रेडिट कार्ड के लोन भी पर्सनल लोन के इंट्रेस्ट पर ही दिया जा रहा हो लेकिन इसके सर्विसिंग के चार्जेस महंगे होते हैं. प्रोसेसिंग फीस और प्री क्लोजर चार्जेस, क्रेडिट कार्ड कंपनियां सर्विस टैक्स भी लगाती हैं उस अमाउंट पर जोकि आप बतौर ब्याज चुकाते हैं.. ऐसे में कुल मिलाकर यह मंहगा पड़ता है. सर्विस टैक्स वर्तमान में 15 फीसदी है (सर्विस टैक्स@14%+ स्वच्छ भारत टैक्स@ 0.5%+ कृषि कल्याण सेस@0 .5%)
यदि इंट्रेस्ट रेट, प्री क्लोजर चार्जेस और लोन प्रोसिसिंग फीस बैंक जितनी ही रहे तब भी क्रेडिट कार्ड लोन का इंट्रेस्ट कॉस्ट सर्विस टैक्स के चलते 15 फीसदी ज्यादा ही बैठेगा. उदाहरण के लिए यदि आप बैंक से 1 लाख रुपये का लोन लेते हैं और इस पर वह 14 फीसदी का ब्याज 24 महीने की मियाद पर लगाता है तब आपकी पहले महीने की किस्त बैठेगी 4,802 रुपये. इसमें ब्याज का हिस्सा होगा 1,166.66, मूलधन होगा 3635.33 रुपये. यदि लोन यदि आप क्रेडिट कार्ड से लेंगें, इसी इंट्रेस्ट रेट पर तो पहले महीने आपको देने होंगे 4,976.99 रुपये जिसमें से 175 रुपये उस रकम से ज्यादा होंगे जो कि आप पहले महीने की किस्त के तौर पर बैंक को चुकाते. यह जो इजाफा है वह सर्विस टैक्स की वजह से जोकि क्रेडिट कार्ड लोन देने पर दिया जा रहा है. 175 रुपये सर्विस टैक्स 1166.66 रुपये इंट्रेस्ट की रकम पर दिया जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप क्रेडिट कार्ड पेमेंट से की गई खरीद को ईएमआई (equated monthly instalment-EMI) में कंवर्ट करवाते हैं तब भी आप सर्विस टैक्स लगाकर ही ब्याज देते हैं.
फिर भी कुछ मौकों पर क्रेडिट कार्ड लोन को बैंक से पर्सनल लोन लेने से बेहतर बताया जाता है. यदि आप 1 साल से कम समय के लिए 50 हजार रुपये से कम रकम लोन पर लेना चाहते हों तो क्रेडिट कार्ड लोन बेहतर है क्योंकि बैंक आमतौर पर 1 साल से कम के लिए और 50 हजार रुपये से कम का लोन नहीं देते. जबकि, क्रेडिट कार्ड लोन छह महीने के लिए भी देते हैं और कम से कम रकम के लिए जैसे कि 10 हजार के लिए भी देते हैं. ऐसी जरूरतों पर आप इसे वरीयता दे सकते हैं.
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