नयी दिल्ली : अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर लिखा कि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद केजरीवाल सरकार को हटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति के पास दिल्ली की सरकार को हटाने का पूरा आधार है.
काटजू ने एक केस का हवाला देते हुए साफ किया कि राष्ट्रपति के पास पूरा आधार है कि आम आदमी पार्टी की नगर निगम चुनाव में हार के बाद सरकार को बर्खास्त कर दें. जस्टिस काटजू ने कहा कि स्टेट ऑफ राजस्थान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, एआईआर1997 एससी 1361 केस में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि अगर कोई पार्टी किसी चुनाव में बुरी तरह हार जाती है तो इसका अर्थ यह है कि अब वह पार्टी लोगों की इच्छा पर खरा नहीं उतर रही है. लोग अब पूरी तरह पार्टी के खिलाफ हो गए हैं. यह भी बताता है कि जनता और पार्टी में दूरी आ गई है.
जस्टिस काटजू ने आगे कहा, क्योंकि लोकतंत्र में लोगों की राय सबसे अहम है और ऐसा माना जाता है कि विधायक लोगों की राय का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए बाद की किसी भी चुनाव में पार्टी की बुरी हार का मतलब यह है कि पार्टी अब लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती. इसलिए ऐसी सरकार को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत बर्खास्त किया जा सकता है. और पुन: चुनाव का आदेश दे दिया जाना चाहिए.
इधर आम आदमी पार्टी को लेकर दिप्पणी के बाद काटजू सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गये हैं. लोग उन्हें भला-बुरा कह रहे हैं. हालांकि कई लोग उनकी बातों से सहमत भी दिख रहे हैं. एक शख्स ने लिखा, आपको आम आदमी पार्टी से क्या दिक्कत है. एक शख्स ने एमसीडी चुनाव का वोटिंग प्रतिशत सामने रखते हुए काटजू को चुनौती दी.
काटजू ने एक केस का हवाला देते हुए साफ किया कि राष्ट्रपति के पास पूरा आधार है कि आम आदमी पार्टी की नगर निगम चुनाव में हार के बाद सरकार को बर्खास्त कर दें. जस्टिस काटजू ने कहा कि स्टेट ऑफ राजस्थान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, एआईआर1997 एससी 1361 केस में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि अगर कोई पार्टी किसी चुनाव में बुरी तरह हार जाती है तो इसका अर्थ यह है कि अब वह पार्टी लोगों की इच्छा पर खरा नहीं उतर रही है. लोग अब पूरी तरह पार्टी के खिलाफ हो गए हैं. यह भी बताता है कि जनता और पार्टी में दूरी आ गई है.
जस्टिस काटजू ने आगे कहा, क्योंकि लोकतंत्र में लोगों की राय सबसे अहम है और ऐसा माना जाता है कि विधायक लोगों की राय का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए बाद की किसी भी चुनाव में पार्टी की बुरी हार का मतलब यह है कि पार्टी अब लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती. इसलिए ऐसी सरकार को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत बर्खास्त किया जा सकता है. और पुन: चुनाव का आदेश दे दिया जाना चाहिए.
इधर आम आदमी पार्टी को लेकर दिप्पणी के बाद काटजू सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गये हैं. लोग उन्हें भला-बुरा कह रहे हैं. हालांकि कई लोग उनकी बातों से सहमत भी दिख रहे हैं. एक शख्स ने लिखा, आपको आम आदमी पार्टी से क्या दिक्कत है. एक शख्स ने एमसीडी चुनाव का वोटिंग प्रतिशत सामने रखते हुए काटजू को चुनौती दी.
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