नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में तमाम मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई सुझाव और मांग रखे.
मुख्यमंत्री योगी ने सुझाव दिया कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कितने लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं इसका आकलन हर 5 साल पर होना चाहिए. उनका सुझाव था कि BPL फैमिली की पहचान के लिए जो टास्ट फोर्स बना है उसे हर 5 साल पर अपने आंकड़े को दुरुस्त करना चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं को उसी हिसाब से लागू किया जा सके. अभी इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है.
पीएम मोदी के सबसे पसंदीदा कार्यक्रम स्वच्छ भारत के लिए योगी ने केंद्र से धनराशि बढ़ाए जाने की मांग की. अभी इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी पैसा देती है और राज्य सरकारों को 40 फीसदी भी पैसा लगाना होता है. योगी का सुझाव था कि इसे 75 और 25 परसेंट कर देना चाहिए. यानी तीन चौथाई पैसा केंद्र सरकार दे और एक चौथाई पैसा राज्य सरकार.
योगी ने सुझाव दिया कि स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत आउटसोर्सिंग को कम करना चाहिए और इसकी जगह स्कूल में प्राध्यापकों को ही ट्रेनिंग देनी चाहिए कि वह बच्चों की काउंसलिंग कर सकें. उनका कहना था कि काउंसलिंग के लिए बाहर की एजेंसी हायर करने से बहुत ज्यादा खर्च हो रहा है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल 59,000 गांव में से 3500 हजार गांव को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच को पूरी तरह से खत्म कर देगा.
सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का बकाया धन दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री ने की, और उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति स्कॉलरशिप के लिए दो हजार करोड़ रुपए की मांग भी रखी. वहीं पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास के लिए 15000 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा. योगी ने कहा कि यह दोनों इलाके यूपी के अन्य जगहों से काफी पिछड़े हुए हैं और इन्हें आगे लाने की सख्त जरूरत है. सोलर इंडिया मिशन के तहत योगी ने 22000 सोलर पंप की मांग रखी है. अभी तक उत्तर प्रदेश को 10,000 सोलर पंप मिले हैं.
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की 86 हजार किलोमीटर सड़कों को पूरी तरह से गड्ढामुक्त करना चाहते हैं. लेकिन उन्होंने मांग रखी कि इसमें से 3000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं और उनको दुरुस्त करने के लिए जो खर्च आएगा वह केंद्र सरकार दे. वहीं मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया की जीएसटी लागू करने के लिए राज्य सरकार तेजी से तैयारी में जुटी हुई है. 77 परसेंट व्यापारियों को जीएसटी लागू करने के लिए पंजीकृत किया जा चुका है और बाकी का काम भी मई तक पूरा कर लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी ने सुझाव दिया कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कितने लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं इसका आकलन हर 5 साल पर होना चाहिए. उनका सुझाव था कि BPL फैमिली की पहचान के लिए जो टास्ट फोर्स बना है उसे हर 5 साल पर अपने आंकड़े को दुरुस्त करना चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं को उसी हिसाब से लागू किया जा सके. अभी इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है.
पीएम मोदी के सबसे पसंदीदा कार्यक्रम स्वच्छ भारत के लिए योगी ने केंद्र से धनराशि बढ़ाए जाने की मांग की. अभी इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी पैसा देती है और राज्य सरकारों को 40 फीसदी भी पैसा लगाना होता है. योगी का सुझाव था कि इसे 75 और 25 परसेंट कर देना चाहिए. यानी तीन चौथाई पैसा केंद्र सरकार दे और एक चौथाई पैसा राज्य सरकार.
योगी ने सुझाव दिया कि स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत आउटसोर्सिंग को कम करना चाहिए और इसकी जगह स्कूल में प्राध्यापकों को ही ट्रेनिंग देनी चाहिए कि वह बच्चों की काउंसलिंग कर सकें. उनका कहना था कि काउंसलिंग के लिए बाहर की एजेंसी हायर करने से बहुत ज्यादा खर्च हो रहा है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल 59,000 गांव में से 3500 हजार गांव को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच को पूरी तरह से खत्म कर देगा.
सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का बकाया धन दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री ने की, और उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति स्कॉलरशिप के लिए दो हजार करोड़ रुपए की मांग भी रखी. वहीं पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास के लिए 15000 करोड़ रुपए का पैकेज मांगा. योगी ने कहा कि यह दोनों इलाके यूपी के अन्य जगहों से काफी पिछड़े हुए हैं और इन्हें आगे लाने की सख्त जरूरत है. सोलर इंडिया मिशन के तहत योगी ने 22000 सोलर पंप की मांग रखी है. अभी तक उत्तर प्रदेश को 10,000 सोलर पंप मिले हैं.
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की 86 हजार किलोमीटर सड़कों को पूरी तरह से गड्ढामुक्त करना चाहते हैं. लेकिन उन्होंने मांग रखी कि इसमें से 3000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं और उनको दुरुस्त करने के लिए जो खर्च आएगा वह केंद्र सरकार दे. वहीं मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया की जीएसटी लागू करने के लिए राज्य सरकार तेजी से तैयारी में जुटी हुई है. 77 परसेंट व्यापारियों को जीएसटी लागू करने के लिए पंजीकृत किया जा चुका है और बाकी का काम भी मई तक पूरा कर लिया जाएगा.
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