नई दिल्ली/कुपवाड़ा: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैंप पर गुरुवार सुबह हुए आतंकी हमले में आर्मी के तीन जवान शहीद हुए. शहीद हुए जवानों में शामिल शहीद कैप्टन आयुष यादव ने आतंकियों से लड़ते हुए देश के लिए बलिदान दिया. आयुष यादव की मां ने अपने बेटे के शहीद होने पर कहा कि अगर प्रधानमंत्री इस पर कोई एक्शन नहीं लेंगे, तो मैं अपने बेटे का बदला जरूर लूंगी. आपको बता दें कि इससे पहले शहीद आयुष यादव के पिता ने भी सरकार से कई सवाल पूछे थे. हमले में शहीद हुए तीन हुए तीन जवानों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा.
इससे पहले यूपी के कानुपर में रहने वाले शहीद आयुष यादव के पिता अरुण यादव ने सरकार से पूछा है कि उन्होंने तो अपना बेटा खो दिया लेकिन आखिर कब तक देश अपने बेटों को ऐसे ही खोता रहेगा. उन्होंने बताया कि आयुष उनका इकलौता बेटा था और बुधवार को ही फोन पर उन्होंने अपने बेटे से बात की थी. आयुष ने अपने पिता को घूमने के लिए श्रीनगर बुलाया था. लेकिन जब पिता ने कहा कि वहां तो बहुत पत्थरबाजी हो रही है तो इस पर आयुष हंसने लगे.
दो दिन पहले ही सुकमा में हुए नक्सली हमले में भी सीआपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे. जब जवानों के शव उनके घर पहुंचे तो उनके परिजन भी सरकार से यही सवाल पूछ रहे थे कि देश के लिए कब तक हमारे जवानों को शहादत देने पड़ेगी. सरकार ने कहा है कि आतंकी और नक्सली हमले रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि देश के दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब दिया जा सके.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से आतंकी लगातार सेना के कैंपों को निशाना बना रहे हैं. हाल ही में जम्मू कश्मीर के नौहट्टा में भी सीआरपीएफ कैंप पर ग्रेनेड हमला हुआ था. इस हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था. इससे पहले उरी, पठानकोट और कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमलों में भी सुरक्षाबलों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था.
आपको बता दें कि गुरुवार तड़के करीब 5.15 बजे कई आतंकियों ने कुपवाड़ा के आर्मी कैंप पर आत्मघाती हमला कर दिया था. इस हमले में सेना के तीन जवान शहीद हुए थे, और दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
इससे पहले यूपी के कानुपर में रहने वाले शहीद आयुष यादव के पिता अरुण यादव ने सरकार से पूछा है कि उन्होंने तो अपना बेटा खो दिया लेकिन आखिर कब तक देश अपने बेटों को ऐसे ही खोता रहेगा. उन्होंने बताया कि आयुष उनका इकलौता बेटा था और बुधवार को ही फोन पर उन्होंने अपने बेटे से बात की थी. आयुष ने अपने पिता को घूमने के लिए श्रीनगर बुलाया था. लेकिन जब पिता ने कहा कि वहां तो बहुत पत्थरबाजी हो रही है तो इस पर आयुष हंसने लगे.
दो दिन पहले ही सुकमा में हुए नक्सली हमले में भी सीआपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे. जब जवानों के शव उनके घर पहुंचे तो उनके परिजन भी सरकार से यही सवाल पूछ रहे थे कि देश के लिए कब तक हमारे जवानों को शहादत देने पड़ेगी. सरकार ने कहा है कि आतंकी और नक्सली हमले रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि देश के दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब दिया जा सके.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से आतंकी लगातार सेना के कैंपों को निशाना बना रहे हैं. हाल ही में जम्मू कश्मीर के नौहट्टा में भी सीआरपीएफ कैंप पर ग्रेनेड हमला हुआ था. इस हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था. इससे पहले उरी, पठानकोट और कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमलों में भी सुरक्षाबलों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था.
आपको बता दें कि गुरुवार तड़के करीब 5.15 बजे कई आतंकियों ने कुपवाड़ा के आर्मी कैंप पर आत्मघाती हमला कर दिया था. इस हमले में सेना के तीन जवान शहीद हुए थे, और दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
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