नई दिल्ली: कुछ जानकारों की नजर में उत्तर कोरिया की सरजमीं पर तीसरे विश्वयुद्ध के बीज बोए जा रहे हैं. लेकिन वहां की तानाशाही सरकार के तल्ख तेवरों पर इससे कोई असर नहीं पड़ा है. अब किम जोंग उन के नुमाइंदे ने धमकी दी है कि अगर उत्तर कोरिया चाहे तो महज तीन बमों से पूरी दुनिया का खात्मा कर सकता है.
ये चेतावनी किम जोंग उन के करीबी माने जाने वाले एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो ने दी है. उन्होंने कहा, 'उत्तर कोरिया को छू नहीं सकता. अगर ऐसा होता है तो वहां के लोग बंदूकों और मिसाइलों से अपनी रक्षा करेंगे. हमारे पास परमाणु बम हैं. ऐसे सिर्फ तीन बमों से दुनिया खत्म हो जाएगी.'
एलेग्जेंड्रो का कहना था कि उत्तर कोरिया एक ऐसा आदर्श राज्य है जहां लोग इज्जत के साथ सुरक्षित जीवन जीते हैं. उनके मुताबिक 'उत्तर कोरिया में लोग अमन-चैन के साथ रहते हैं. वहां कोई सामाजिक संघर्ष नहीं है. हमारे यहां लोग सड़कों पर नहीं सोते. वहां के लोग आपसी सहयोग के साथ जीते हैं. एलेग्जेंड्रो ने किम जोंग उन के शासन में मानवाधिकारों के उल्लंघन से भी इनकार किया. उनका कहना था कि ऐसे आरोप महज पश्चिमी देशों का प्रोपेगेंडा हैं.
एलेग्जेंड्रो उत्तर कोरिया में विदेशी देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों की समिति के विशेष सदस्य हैं. मूल रूप से स्पेन के रहने वाले एलेग्जेंड्रो पश्चिमी देशों के पहले ऐसे शख्स हैं जिन्हें उत्तर कोरिया ने नागरिकता दी है. उन्हें पश्चिमी जगत में उत्तर कोरिया का अनिधृकित प्रतिनिधि माना जाता है.
ये चेतावनी किम जोंग उन के करीबी माने जाने वाले एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो ने दी है. उन्होंने कहा, 'उत्तर कोरिया को छू नहीं सकता. अगर ऐसा होता है तो वहां के लोग बंदूकों और मिसाइलों से अपनी रक्षा करेंगे. हमारे पास परमाणु बम हैं. ऐसे सिर्फ तीन बमों से दुनिया खत्म हो जाएगी.'
एलेग्जेंड्रो का कहना था कि उत्तर कोरिया एक ऐसा आदर्श राज्य है जहां लोग इज्जत के साथ सुरक्षित जीवन जीते हैं. उनके मुताबिक 'उत्तर कोरिया में लोग अमन-चैन के साथ रहते हैं. वहां कोई सामाजिक संघर्ष नहीं है. हमारे यहां लोग सड़कों पर नहीं सोते. वहां के लोग आपसी सहयोग के साथ जीते हैं. एलेग्जेंड्रो ने किम जोंग उन के शासन में मानवाधिकारों के उल्लंघन से भी इनकार किया. उनका कहना था कि ऐसे आरोप महज पश्चिमी देशों का प्रोपेगेंडा हैं.
एलेग्जेंड्रो उत्तर कोरिया में विदेशी देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों की समिति के विशेष सदस्य हैं. मूल रूप से स्पेन के रहने वाले एलेग्जेंड्रो पश्चिमी देशों के पहले ऐसे शख्स हैं जिन्हें उत्तर कोरिया ने नागरिकता दी है. उन्हें पश्चिमी जगत में उत्तर कोरिया का अनिधृकित प्रतिनिधि माना जाता है.
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