नई दिल्ली: एमसीडी के नतीजों से पहले ही आम आदमी पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत मान ने पार्टी आलाकमान पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब चुनाव से पहले लिए गए कुछ फैसलों की वजह से आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा. भगवंत मान ने पंजाब में 400 धुआंधार रैलियां की थीं, लेकिन दिल्ली में चुनाव के प्रचार में वह शामिल नहीं हुए. यही नहीं राजौरी गार्डन उपचुनाव में भी उन्होंने पार्टी की किसी बैठक या सभा में हिस्सा नहीं लिया.
एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने कहा है कि ईवीएम की खामी निकालने से कोई फायदा नहीं होने वाला. चुनावों की रणनीति को लेकर पार्टी ने ऐतिहासिक गलतियां की हैं. पार्टी को आत्मविश्लेषण करना चाहिए, जिससे पता चल सके कि हार क्यों हुई. फिलहाल मान अमेरिका गए हैं. वह लौटकर विकल्पों पर विचार करेंगे और अगले कदम पर फैसला लेंगे.
मान ने यह भी बताया कि हार को लेकर मैंने अपने विचारों से अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट दे दी है. मैंने उन्हें बताया है कि कैसे पार्टी हाईकमान उस पंजाब में हार के लिए जिम्मेदार है, जिसमें लोगों की बड़ी भीड़ हमारी रैलियों में पहुंची थी. मान ने आरोप लगाया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी बिना कप्तान के लड़ी. मोहल्ला क्रिकेट टीम की तरह बर्ताव किया गया, जिसमें हर प्लेयर खुद तय करता है कि कहां फिल्डिंग करनी है और किस नंबर पर बैटिंग करनी है. जब पार्टी से पूछा गया कि जीतने के बाद सीएम कौन होगा, तो सही जवाब देने के बजाय उल्टे-सीधे जवाब दिए गए. जिससे कंफ्यूजन पैदा हुआ.
मान ने यह भी कहा कि मैंने कुछ उम्मीदवारों के नामांकन का विरोध किया था, लेकिन उन्हें बदलने के बजाय पार्टी ने मुझे ही अलग-थलग कर दिया. मैं चुप रहा क्योंकि उस समय कोई बवाल नहीं खड़ा करना चाहता था. अगर मैंने विरोध किया होता तो पार्टी की हार का जिम्मेदार मुझे ठहरा दिया गया होता. जरनैल सिंह को राजौरी गार्डन से इस्तीफा दिलवाकर पंजाब चुनाव में उतारने के फैसले को भी भगवंत मान ने गलत बताया.इस कदम से पंजाब के लोग सीएम फेस को लेकर कंफ्यूज हो गए.
एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने कहा है कि ईवीएम की खामी निकालने से कोई फायदा नहीं होने वाला. चुनावों की रणनीति को लेकर पार्टी ने ऐतिहासिक गलतियां की हैं. पार्टी को आत्मविश्लेषण करना चाहिए, जिससे पता चल सके कि हार क्यों हुई. फिलहाल मान अमेरिका गए हैं. वह लौटकर विकल्पों पर विचार करेंगे और अगले कदम पर फैसला लेंगे.
मान ने यह भी बताया कि हार को लेकर मैंने अपने विचारों से अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट दे दी है. मैंने उन्हें बताया है कि कैसे पार्टी हाईकमान उस पंजाब में हार के लिए जिम्मेदार है, जिसमें लोगों की बड़ी भीड़ हमारी रैलियों में पहुंची थी. मान ने आरोप लगाया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी बिना कप्तान के लड़ी. मोहल्ला क्रिकेट टीम की तरह बर्ताव किया गया, जिसमें हर प्लेयर खुद तय करता है कि कहां फिल्डिंग करनी है और किस नंबर पर बैटिंग करनी है. जब पार्टी से पूछा गया कि जीतने के बाद सीएम कौन होगा, तो सही जवाब देने के बजाय उल्टे-सीधे जवाब दिए गए. जिससे कंफ्यूजन पैदा हुआ.
मान ने यह भी कहा कि मैंने कुछ उम्मीदवारों के नामांकन का विरोध किया था, लेकिन उन्हें बदलने के बजाय पार्टी ने मुझे ही अलग-थलग कर दिया. मैं चुप रहा क्योंकि उस समय कोई बवाल नहीं खड़ा करना चाहता था. अगर मैंने विरोध किया होता तो पार्टी की हार का जिम्मेदार मुझे ठहरा दिया गया होता. जरनैल सिंह को राजौरी गार्डन से इस्तीफा दिलवाकर पंजाब चुनाव में उतारने के फैसले को भी भगवंत मान ने गलत बताया.इस कदम से पंजाब के लोग सीएम फेस को लेकर कंफ्यूज हो गए.
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