नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले के बाद अब सीआरपीएफ जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है. उम्मीद की जा रही है कि बस्तर में जल्द ही नक्सलियों के खिलाफ ताजा अभियान छेड़ा जाएगा. गुरुवार को सीआरपीएफ के कार्यकारी डीजी सुदीप लखटकिया ने बस्तर के दौरे से लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है. सुकमा जिले के बुर्कापाल गांव के पास नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों को शहीद कर दिया था.
गृह मंत्रालय अब बस्तर में छिपे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने जा रहा है. सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ अभियान छेड़ने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने अगले कुछ हफ्तों में इस ऑपरेशन के नतीजे लाने का निर्देश दिया है. इसके लिए सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट की कमान में स्पेशल ऑपरेशन चलाए जाने की तैयारी की जा रही है. इन ऑपरेशन्स का फोकस दक्षिणी बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, बीजापुर और जगदलपुर इलाकों में छिपे नक्सलियों का सफाया होगा.
सूत्रों के मुताबिक ताजा अभियान में सुरक्षाबलों को हवाई मदद भी मिलेगी. इसके लिए बस्तर के आसपास तैनात चार हेलीकॉप्टर्स और तीन यूएवी की मदद ली जा सकती है. फिलहाल ये यूएवी भिलाई में रखे गए हैं और बस्तर के जंगलों के अलावा ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाकों में नक्सलियों पर नजर रखते हैं.
सूत्रों का दावा है कि सीआरपीएफ ने पिछले कुछ नक्सली हमलों से सबक लिया है और नक्सलियों की रणनीति को देखते हुए अपने तरीके में बदलाव का फैसला किया है. सरकार ना सिर्फ सुरक्षाबलों की ज्यादा बेहतर तैनाती चाहती है बल्कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन्स की तादाद और असर को भी बढ़ाना चाहती है. सीआरपीएफ अब ये सुनिश्चित करेगी की नक्सली अचानक हमले ना कर पाएं और इससे पहले ही उनका सामना किया जाए. डीजी लखटकिया के मुताबिक अब बस्तर में तैनात जवानों में से आधे सड़क निर्माण जैसे कामों की हिफाजत करेंगे. बाकी को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन्स में लगाया जाएगा. इसके अलावा नक्सलियों से निपटने के लिए बनाए गए तरीकों पर भी दोबारा गौर किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की कुल 28 बटालियन तैनात हैं. इनमें से 10 बस्तर में हैं.
गृह मंत्रालय अब बस्तर में छिपे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने जा रहा है. सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ अभियान छेड़ने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने अगले कुछ हफ्तों में इस ऑपरेशन के नतीजे लाने का निर्देश दिया है. इसके लिए सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट की कमान में स्पेशल ऑपरेशन चलाए जाने की तैयारी की जा रही है. इन ऑपरेशन्स का फोकस दक्षिणी बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, बीजापुर और जगदलपुर इलाकों में छिपे नक्सलियों का सफाया होगा.
सूत्रों के मुताबिक ताजा अभियान में सुरक्षाबलों को हवाई मदद भी मिलेगी. इसके लिए बस्तर के आसपास तैनात चार हेलीकॉप्टर्स और तीन यूएवी की मदद ली जा सकती है. फिलहाल ये यूएवी भिलाई में रखे गए हैं और बस्तर के जंगलों के अलावा ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाकों में नक्सलियों पर नजर रखते हैं.
सूत्रों का दावा है कि सीआरपीएफ ने पिछले कुछ नक्सली हमलों से सबक लिया है और नक्सलियों की रणनीति को देखते हुए अपने तरीके में बदलाव का फैसला किया है. सरकार ना सिर्फ सुरक्षाबलों की ज्यादा बेहतर तैनाती चाहती है बल्कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन्स की तादाद और असर को भी बढ़ाना चाहती है. सीआरपीएफ अब ये सुनिश्चित करेगी की नक्सली अचानक हमले ना कर पाएं और इससे पहले ही उनका सामना किया जाए. डीजी लखटकिया के मुताबिक अब बस्तर में तैनात जवानों में से आधे सड़क निर्माण जैसे कामों की हिफाजत करेंगे. बाकी को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन्स में लगाया जाएगा. इसके अलावा नक्सलियों से निपटने के लिए बनाए गए तरीकों पर भी दोबारा गौर किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की कुल 28 बटालियन तैनात हैं. इनमें से 10 बस्तर में हैं.
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