फ्रांस के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार इमानुएल मैक्रॉन के चुनावी अभियान को हैकर्स के जरिए पिछले कई हफ्तों से निशाना बनाया जा रहा है. साइबर सिक्योरिटी रिसर्च में पता चला है कि हैकर्स ठीक उसी तरह के हथकंडे अपना रहे हैं जिस तरह से उन्होंने पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका के डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी को प्रभावित करने के लिए अपनाए थे.
टोक्यो के साइबर सिक्योरिटी फर्म ने कहा है कि उन्होंने चार नकली वेब डोमेन खोजे हैं जो मैक्रॉन के डोमेन नामों से मेल खाते हैं. ऐसा उनके अभियान को लापरवाह और कमजोर बनाने के लिए किया गया है. उदाहरण के लिए एक फेक डोमेन मेल जो 'en-marche.fr' के नाम से है. वहीं मैक्रॉन की पार्टी का डोमेन 'En Marche' है.
कंपनी ये नहीं बता पा रही हैं कि कोई कर्मचारी किसी तरह के जाल में फंसे हैं या नहीं. मैक्रॉन अभियान सहयोगी बिंनजामीन हद्दाद ने कहा कि अभियान को रिपोर्ट के बारे में पता था, लेकिन ये नहीं बताया जा सकता है कि अभियान ने वास्तव में किसी हैकिंग का पता लगाया था या नहीं.
एक फ्रेंच अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने अभियान को हैकर्स से बचने के लिए मजबूत कदम उठाने की चेतावनी दी थी. मैक्रॉन फांस के राष्ट्रपति पद का पहले राउंड का चुनाव जीत चुके हैं. जिसमें उन्हें 24.1 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं सात मई को उनका सामना मरीन ली पेन से होगा जिन्हें 21.3 प्रतिशत वोट मिले थे.
ट्रैंड माइक्रो के साथ फीइक हैक्केबर्ड ने सीएनएन को बताया है कि वो ये नहीं कह सकता कि हैकर्स रूसी थे. लेकिन उन्होंने कहा कि एमओ, डीएनसी हैकर्स के समान था. जीसे अमेरिकी खुफिया अधिकारी कहते हैं कि रूसी खुफिया जानकारी से जुड़ा हुआ है.
हैकिंग अपराधियों को पहचानना और ट्रैक करना काफी मुश्किल हो सकता है. लेकिन, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रांसीसी संस्थानों को रूस के सहयोग से हैक किया गया था. उदाहरण के लिए जब ब्रॉडकास्टर TV5 Monde को 2015 में हैक किया गया था, तब साइबर सिक्योरिटी फर्म के रिर्सचर FireEeye ने कहा था कि ये रूसी समर्थित यूनिट APT28 से रूसी समर्थित हैकर्स द्वारा किया गया था.
वहीं कोलंबिया यूनिवर्सिटी के जेसन हैली ने कहा 'रूसी खुफिया निश्चित तौर पर फ्रांस के अंदर हैकिंग कर रहा है और वो ऐसा करना जारी रखेगा'. 'रूस के अमरीका के खिलाफ किए गए हमलों, शर्मनाक सूचनाओं को पकड़वाने और उसे जारी करना. 'मैं कहूंगा की ऐसा करना फ्रांसीसीयों के लिए आम बात है.' रूस के राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन ने फ्रांस के चुनाव में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इंकार किया है. विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन के लिए रूढ़ीवादी राष्ट्रवादी मरीन ली पेन को चुनना मैक्रॉन की तुलना में आसान है.
वहीं वाशिंगटन के वुडरो विल्सन केंद्र में विल पोमेराज ने कहा कि रूस के साथ बेहतर संबंध बनाने के बारे में ली पेन बहुत खुले विचारों की हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ली पेन फ्रांस को नाटो से बाहर करने में दिलचस्पी रखती हैं. ली पेन की बात करें तो वो पिछले महीने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिली थी.
टोक्यो के साइबर सिक्योरिटी फर्म ने कहा है कि उन्होंने चार नकली वेब डोमेन खोजे हैं जो मैक्रॉन के डोमेन नामों से मेल खाते हैं. ऐसा उनके अभियान को लापरवाह और कमजोर बनाने के लिए किया गया है. उदाहरण के लिए एक फेक डोमेन मेल जो 'en-marche.fr' के नाम से है. वहीं मैक्रॉन की पार्टी का डोमेन 'En Marche' है.
कंपनी ये नहीं बता पा रही हैं कि कोई कर्मचारी किसी तरह के जाल में फंसे हैं या नहीं. मैक्रॉन अभियान सहयोगी बिंनजामीन हद्दाद ने कहा कि अभियान को रिपोर्ट के बारे में पता था, लेकिन ये नहीं बताया जा सकता है कि अभियान ने वास्तव में किसी हैकिंग का पता लगाया था या नहीं.
एक फ्रेंच अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने अभियान को हैकर्स से बचने के लिए मजबूत कदम उठाने की चेतावनी दी थी. मैक्रॉन फांस के राष्ट्रपति पद का पहले राउंड का चुनाव जीत चुके हैं. जिसमें उन्हें 24.1 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं सात मई को उनका सामना मरीन ली पेन से होगा जिन्हें 21.3 प्रतिशत वोट मिले थे.
ट्रैंड माइक्रो के साथ फीइक हैक्केबर्ड ने सीएनएन को बताया है कि वो ये नहीं कह सकता कि हैकर्स रूसी थे. लेकिन उन्होंने कहा कि एमओ, डीएनसी हैकर्स के समान था. जीसे अमेरिकी खुफिया अधिकारी कहते हैं कि रूसी खुफिया जानकारी से जुड़ा हुआ है.
हैकिंग अपराधियों को पहचानना और ट्रैक करना काफी मुश्किल हो सकता है. लेकिन, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रांसीसी संस्थानों को रूस के सहयोग से हैक किया गया था. उदाहरण के लिए जब ब्रॉडकास्टर TV5 Monde को 2015 में हैक किया गया था, तब साइबर सिक्योरिटी फर्म के रिर्सचर FireEeye ने कहा था कि ये रूसी समर्थित यूनिट APT28 से रूसी समर्थित हैकर्स द्वारा किया गया था.
वहीं कोलंबिया यूनिवर्सिटी के जेसन हैली ने कहा 'रूसी खुफिया निश्चित तौर पर फ्रांस के अंदर हैकिंग कर रहा है और वो ऐसा करना जारी रखेगा'. 'रूस के अमरीका के खिलाफ किए गए हमलों, शर्मनाक सूचनाओं को पकड़वाने और उसे जारी करना. 'मैं कहूंगा की ऐसा करना फ्रांसीसीयों के लिए आम बात है.' रूस के राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन ने फ्रांस के चुनाव में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इंकार किया है. विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन के लिए रूढ़ीवादी राष्ट्रवादी मरीन ली पेन को चुनना मैक्रॉन की तुलना में आसान है.
वहीं वाशिंगटन के वुडरो विल्सन केंद्र में विल पोमेराज ने कहा कि रूस के साथ बेहतर संबंध बनाने के बारे में ली पेन बहुत खुले विचारों की हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ली पेन फ्रांस को नाटो से बाहर करने में दिलचस्पी रखती हैं. ली पेन की बात करें तो वो पिछले महीने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिली थी.
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