चेन्नई में पिछले शनिवार को जिन दो जहाजों की टक्कर के बाद बड़े पैमाने पर तेल का रिसाव हुआ था, उनके क्रू से पूछताछ की जा रही है. यह पूछताछ हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि जांच पूरी होने तक दोनों जहाजों और उनके क्रू को कामराजार बंदरगाह से जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. चेन्नई तट के पास दो जहाजों की टक्कर के कारण समुद्र में फैले तेल को साफ करने का काम लगातार जारी है. 28 जनवरी को दो मालवाहक जहाज टकरा गए थे, जिससे तेल रिसाव हुआ था. एन्नौर से कई किलोमीटर दूर तटरेखा के इर्द-गिर्द मछलियां और कछुए मृत पाए गए थे. हादसे और बाद में रिसाव होने के कारण समुद्र में तेल फैल गया, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा.
तेल रिसाव होने के छह दिन बाद अलग-अलग एजेंसियों के 2,000 से अधिक कर्मियों ने शुक्रवार को सफाई अभियान तेज कर दिया. तटरक्षक का मानना है कि एन्नोर बंदरगाह में दो पोतों की टक्कर की जगह से गाद निकालने में 10 दिन और लग सकते हैं.
तटरक्षक पूर्वी क्षेत्र के महानिरीक्षक राजन बरगोत्रा ने सफाई अभियान का ब्योरा देते हुए कहा कि जहाजरानी महानिदेशालय ने तेल रिसाव की घटना की जांच का आदेश दिया है. गत शनिवार को दो जहाजों के टकराने के बाद तेल रिसाव हुआ था.
तेल रिसाव से समुद्री जीवन प्रभावित होने की खबरों के बीच बरगोत्रा ने घटना को बड़ा हादसा लेकिन मामूली (तेल) रिसाव बताते हुए कहा कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट के करीब 34,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में तेल रिसाव हुआ. कामराजार बंदरगाह (पूर्व में एन्नोर बंदरगाह) के पास दस्ताने पहने स्वयंसेवक फावड़ों से गाद हटाने देखे गए.
उन्होंने कहा, एन्नोर बंदरगाह से महाबलीपुरम के बीच पूर्वी तट से करीब 72 किलोमीटर दूर तेल रिसाव हुआ. करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में गाद पैदा हो गई और आरके नगर कुप्पम इलाके में करीब 250 मीटर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ.
तेल रिसाव होने के छह दिन बाद अलग-अलग एजेंसियों के 2,000 से अधिक कर्मियों ने शुक्रवार को सफाई अभियान तेज कर दिया. तटरक्षक का मानना है कि एन्नोर बंदरगाह में दो पोतों की टक्कर की जगह से गाद निकालने में 10 दिन और लग सकते हैं.
तटरक्षक पूर्वी क्षेत्र के महानिरीक्षक राजन बरगोत्रा ने सफाई अभियान का ब्योरा देते हुए कहा कि जहाजरानी महानिदेशालय ने तेल रिसाव की घटना की जांच का आदेश दिया है. गत शनिवार को दो जहाजों के टकराने के बाद तेल रिसाव हुआ था.
तेल रिसाव से समुद्री जीवन प्रभावित होने की खबरों के बीच बरगोत्रा ने घटना को बड़ा हादसा लेकिन मामूली (तेल) रिसाव बताते हुए कहा कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट के करीब 34,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में तेल रिसाव हुआ. कामराजार बंदरगाह (पूर्व में एन्नोर बंदरगाह) के पास दस्ताने पहने स्वयंसेवक फावड़ों से गाद हटाने देखे गए.
उन्होंने कहा, एन्नोर बंदरगाह से महाबलीपुरम के बीच पूर्वी तट से करीब 72 किलोमीटर दूर तेल रिसाव हुआ. करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में गाद पैदा हो गई और आरके नगर कुप्पम इलाके में करीब 250 मीटर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ.
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